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ब्रेकिंग:-जनजागरुकता के लिए निकला एम्स का ’ट्रॉमा रथ’ राज्य के कॉलेजों और अस्पतालों में पहुंचेंगे संस्थान के ट्रॉमा विशेषज्ञ सड़क दुर्घटनाओं के दौरान आघात चिकित्सा का देंगे प्रशिक्षण

जनजागरुकता के लिए निकला एम्स का ’ट्रॉमा रथ’
राज्य के कॉलेजों और अस्पतालों में पहुंचेंगे संस्थान के ट्रॉमा विशेषज्ञ
सड़क दुर्घटनाओं के दौरान आघात चिकित्सा का देंगे प्रशिक्षण।

उत्तराखंड में सड़क दुर्घटनाओं के दौरान होने वाली मृत्युदर को कम करने के उद्देश्य से एम्स ऋषिकेश द्वारा मंगलवार को ट्रॉमा रथ को रवाना किया गया। यह रथ सप्ताहभर तक राज्य के विभिन्न कॉलेजों और अस्पतालों में जाकर आघात चिकित्सा के प्रति लोगों को जागरुक व प्रक्षिक्षित करेगा। उधर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भी मुख्यमंत्री आवास से एम्स के ट्रामा रथ का फ्लैग ऑफ कर उसे अग्रिम पड़ाव के लिए रवाना किया।

विषम भौगोलिक परिस्थिति वाले पहाड़ी राज्य उत्तराखण्ड में समय-समय पर घटित होने वाली विभिन्न आपदाओं के अलावा सड़क दुर्घटनाएं साल दर साल बढ़ रही हैं। इन सड़क दुर्घनाओं में प्रति वर्ष बड़ी संख्या में लोगों की जान चली जाती हैं। ट्रॉमा विशेषज्ञों के अनुसार सड़क दुर्घटनाओं के दौरान घायल व्यक्ति की जान बचाने के लिए पहले 3 घंटे बहुत महत्वपूर्ण हैं।
ऐसे में जरूरी है कि आम लोगों सहित राज्य के हेल्थ केयर वर्करों को दुर्घटना के दौरान घायल व्यक्ति की जान बचाने और समय रहते उपचार की विशेष तकनीक का अनुभव होना चाहिए। इन्हीं उद्देश्यों को साकार करने के लिए एम्स ऋषिकेश ने सप्ताह भर का एक राज्य स्तरीय वृहद कार्यक्रम संचालित किया है।

ट्रॉमा रथ अभियान के तहत मंगलवार को एम्स की कार्यकारी निदेशक प्रोफेसर (डॉक्टर )मीनू सिंह व ट्रॉमा विभागाध्यक्ष प्रोफेसर कमर आजम ने संयुक्तरूप से हरी झंडी दिखाकर एम्स के ’ट्रॉमा रथ’ को रवाना किया।

इस दौरान निदेशक डॉक्टर मीनू सिंह ने कहा कि वर्तमान दौर में देशभर में दुर्घटनाओं, चोटों और मानसिक बीमारियों की दर लगातार बढ़ रही है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार ट्रॉमा विश्वभर में मृत्यु और विकलांगता का सबसे बड़ा और प्रमुख कारण है।

यदि आम लोगों को इन मुश्किल परिस्थितियों में इससे निपटने की जानकारी और प्रशिक्षण मिल जाए तो काफी हद तक दुर्घटना के दौरान होने वाली आकस्मिक मृत्युदर और विकलांगता को कम किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि एम्स का ट्रॉमा रथ इन उद्देश्यों को साकार करेगा और आम जनमानस को इस संबंध में जागरुक करेगा।

एम्स ऋषिकेश से रवाना हुआ ट्रॉमा रथ बाद में देहरादून स्थित मुख्यमन्त्री आवास पहुंचा। जहां मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने ट्रॉमा रथ का फ्लैग ऑफ किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि एम्स ऋषिकेश का यह सराहनीय प्रयास है।
उन्होंने कहा कि ट्रॉमा रथ के माध्यम से आम लोगों को आघात चिकित्सा पद्धति के बारे में जागरुक होने और प्रशिक्षित होने का अवसर प्राप्त होगा और चिकित्सा क्षेत्र में एम्स ऋषिकेश की यह विशेष पहल कारगर सिद्ध होगी।

इस बारे में जानकारी देते हुए ट्रॉमा रथ के प्रभारी और एम्स के ट्रॉमा सर्जन डॉ. मधुर उनियाल और डॉक्टर अजय कुमार ने बताया कि सप्ताह भर चलने वाले इस अभियान के दौरान ट्रॉमा रथ में मौजूद ट्रॉमा विशेषज्ञ व डॉक्टर्स राज्य के विभिन्न मेडिकल और अस्पतालों में पहुंचकर हेल्थ केयर वर्करों, छात्र-छात्राओं और आम लोगों को ट्रॉमा के प्रति जागरुक कर उन्हें आघात चिकित्सा का प्रशिक्षण देंगे।
उन्होंने कहा कि ट्रॉमा रथ का मुख्य उद्देश्य राज्य में सड़क दुर्घटनाओं के दौरान होने वाली मृत्यु दर को कम करना है। इस दौरान नेशनल नर्सिंग प्रोफेशनल डेवलेपमेंट एसोसिएशन एम्स के अध्यक्ष दिनेश पंचाल, उपाध्यक्ष अखिलेश उनियाल और ए.एन.एस महेश देवस्थले समेत विभाग के कई अन्य सदस्य मौजूद थे।

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