आउटसोर्स कंपनी के माध्यम से एम्स में सुरक्षा गार्डों की ड्यूटी दे रहे हैं कर्मचारियों को आउट सोर्स कंपनी द्वारा 2 माह पूर्व ही नोटिस दे दिया गया था।
इस संबंध में सुरक्षा गार्डों का यह कहना गलत है कि उन्हें बिना बताए काम से हटाया जा रहा है।
उल्लेखनीय है कि स्वास्थ्य मंत्रालय के निर्देशानुसार डीजीआर (डायरेक्टर जनरल रीसेटेलमेन्ट ) की उत्तराखंड में अधिकृत एजेन्सी उपनल को एम्स मे सिक्योरिटी सर्विस देने का टेण्डर दिया गया है। इसी क्रम में सुरक्षा गार्ड की ड्यूटी दे रहे वह लोग जो पूर्व सैनिक नहीं थे, उन्हें संबंधित आउट सोर्स कंपनी के माध्यम से 31 दिसम्बर 2022 को काम से हटाए जाने का नोटिस दे दिया गया था।
लेकिन उस समय एम्स प्रशासन द्वारा मानवीय आधार पर सुरक्षा गार्डों की बहाली कर वर्तमान में सेवा प्रदाता कम्पनी को तथा सुरक्षा कार्मिकों को 28 फरवरी तक 2 महीने का अतिरिक्त सेवा विस्तार दे दिया गया ताकि समय रहते वह अपने रोजगार की व्यवस्था कर लें।
एम्स प्रशासन ने बताया कि सुरक्षा गार्डों को अब अतिरिक्त सेवा विस्तार नहीं दिया जा सकता है।
एम्स प्रशासन का कहना है कि सिक्योरिटी गार्ड उपलब्ध करवाए जाने हेतु सम्बंधित ऑउट सोर्स कम्पनी को वर्ष 2020 से सेवा विस्तार दिया जा रहा है।
बार बार सेवा विस्तार देने के अलावा सम्बंधित सुरक्षा गार्ड प्रदाता कम्पनी को समय रहते यह भी बता दिया था कि संबंधित गार्ड 28 फरवरी तक ही सेवा पर रखे जा सकते हैं।
एम्स का कहना है कि सुरक्षा गार्ड एम्स ऋषिकेश द्वारा नियोजित स्टाफ नहीं हैं, वे ऑउट सोर्स कम्पनी के कर्मचारी हैं और उनका पुनर्वास करने की जिम्मेदारी भी उनकी नियोक्ता कम्पनी की है।
यही नहीं एम्स ऋषिकेश ने सेवा प्रदाता कम्पनी को सुरक्षा गार्डों के रोजगार हेतु विकल्प प्रदान करने के लिए 2 माह का पर्याप्त समय दिया। एम्स का कहना है कि यह व्यवस्था सरकार के निर्णय के अनुरूप ही क्रियान्वित की जा रही है। ऋषिकेश एम्स अकेला एम्स नहीं है, जो डीजीआर ( डायरेक्टर जनरल रीसेलेटमेन्ट ) के निर्देशों के अनुक्रम में उपनल के माध्यम से सुरक्षा गार्डों की सेवाएं लेगा। बल्कि दिल्ली एम्स सहित देश के अन्य एम्स में भी यह व्यवस्था लागू होनी है।
एम्स प्रशासन ने बताया कि इसके लिए संस्थान की गवर्निंग बॉडी तथा स्टैंडिंग फाईनेंस कमेटी से भी प्रस्ताव स्वीकृत किया गया है।
गौरतलब है कि एम्स में डी. जी. आर. की एजेंसी उपनल को सेक्युरिटी का टेन्डर दिए जाने के खिलाफ हाईकोर्ट में दायर एक याचिका को हाईकोर्ट पहले ही खारिज कर चुका है।
हालांकि एम्स प्रशासन का यह भी कहना है कि वर्तमान में कार्यरत सभी पूर्व सैनिकों और महिला गार्डों को काम पर कॉन्टिन्यू किया जाएगा।