उत्तराखंड के इस जनपद में व्यपारियो में भारी आक्रोश देखने को मिला, मिल रही रिपोर्ट के अनुसार व्यापारिक प्रतिष्ठान तोड़े जाने पर व्यापारियों ने बाजार बंद कर किया मुख्यमंत्री फूंका पुतला।
रिपोर्ट:- सुभाष बडोनी उत्तरकाशी।
मामला उत्तराखंड के जनपद उत्तरकाशी का है, बताया जा अरहै है कि जहां कई जगहों में हाईकोर्ट के आदेश के बाद प्रशासन द्वारा अतिक्रमण हटाने की कार्यवाही गतिमान है।
वही अतिक्रमण को रेडमार्क कर उत्तरकाशी जनपद के अलग-अलग बाजार तोड़े जा रहे हैं ।
वही मिल रही जानकरी के अनुसार विना मानक के अतिक्रमण हटाने में हो रही अनियमिताओं के विरोध में अब व्यापारी लामबंद होने लगे हैं।
वहीँ शुक्रवार को उत्तरकाशी के ब्रहमखाल बाजार के सभी व्यापारियों ने अपने प्रतिष्ठानों को बंद कर मुख्यमंत्री का पुतला दहन किया।
इस मामले में व्यापारियों का आरोप है कि अतिक्रमण हटाने को लेकर सरकार को उनका पक्ष भी सुनना चाहिए था लेकिन प्रदेश सरकार भी उनके साथ सौतेला व्यवहार कर रही है।
वही उनका बड़ा आरोप था कि जब सरकार झुग्गी झोपड़ियां और मलिन बस्तियों को बचाने के लिए अध्यादेश ला सकती है तो क्या उनके पक्ष सुनने के लिए अध्यादेश नहीं ला सकती।
व्यापारियों का कहना है कि अतिक्रमण की आड़ में प्रशासन व सम्बंधित विभाग उनका उत्पीड़न कर रहा है और प्रदेश सरकार यह सब देखकर खामोश है।
साथ ही व्यापारियों का कहना है कि अतिक्रमण चिन्हित करने आए कर्मियों ने विना मानक के चिन्हीकरण में अनियमिताएं की है इनके द्वारा वास्तविक अतिक्रमण को चिन्हित नहीं किया गया है।
उनका यह भी आरोप था अधिकारियों द्वारा तो उस अतिक्रमण को नजर अंदाज ही कर दिया गया जो वास्तविक था।
जबकि बाजार में 15 मीटर,व अन्य जगहों पर 18 मीटर के दायरे में ऊपर की तरफ का मुआवजा ऑल वेदर सड़क निर्माण के समय राष्ट्रीय राजमार्ग बड़कोट के द्वारा दिया गया और कही न कही विभागीय अधिकारियों की मिली भगत से आज वहां पर लोगों ने अतिक्रमण कर अपने पक्के भवनों को खड़ा कर दिया है।
वहीं उन भवनों को बचाने के लिए विभागीय अधिकारियों ने दूसरी तरफ के भवनों को चिन्हित कर अब उनका उत्पीड़न कर रहे है।
आज विभाग को अतिक्रमण के नाम पर उनकी पुश्तैनी भूमि पर तो अतिक्रमण दिख रहा है लेकिन जहां विभाग ने लाखों व करोड़ो रूपए का मुआवजा दिया है वहां पर विभाग को अतिक्रमण अभी भी नहीं दिखाई दे रहा है ।
जिस भूमि, जिस मकान का पूर्व में मुआवजा दिया गया उसे तो छोडा जा रहा है और जहां पर कुछ भी प्रतिकर नहीं दिया गया उसे अतिक्रमण के दायरे में लाया जा रहा है।
उन्होंने आरोप लगाते हुए सवाल उठाया कि आखिर यह अनियमित क्यों बरती जा रही है यह एक जांच का विषय है और क्यों सरकार इसका संज्ञान नहीं ले रही है।
व्यापारियों का कहना था कि सरकार भी उनके प्रतिष्ठानों को बचाने के बजाय उजाड़ने का काम कर रही है।
इसी बात से गुस्साए व्यापारियों ने कहा कि उन्होंने आज सिर्फ सांकेतिक तौर पर बाजार बंद किया है लेकिन अगर इसके बाबजूद सरकार नहीं चेती तो अनिश्चित काल के लिए बाजार बन्द किया जायेगा और सभी व्यापारी अपने अपने प्रतिष्ठानों के आगे आमरण अनशन शुरू कर देंगे।
वही इस दौरान व्यापार मंडल अध्यक्ष राजेश रमोला,सरवीर चंद रमोला, सत्येन्द्र रावत, नरेंद्र नेगी, मनवीर भण्डारी शक्ति प्रसाद अवस्थी, बालम सिंह रावत, दलवीर सिंह रावत,सुरेश रमोला, नरेश भट्ट, जितेन्द्र राणा इत्यादि व्यापारी मौजूद रहे।