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उत्तराखण्ड देश के प्रथम राज्य में है शुमार, जिसने शिक्षा नीति को सर्वप्रथम किया लागू। पुष्कर धामी।

उत्तराखण्ड देश के प्रथम राज्य में शुमार है जिसने शिक्षा नीति को सर्वप्रथम लागू किया। पुष्कर धामी।
समय बहुमूल्य है इसकी महत्ता को सभी को समझना होगा। धामी।
रिपोर्ट। ललित जोशी।

नैनीताल । सरोवर नगरी नैनीताल से दूर प्रेमा जगाती सरस्वती विहार विद्यालय में बच्चों के बीच पहुंचकर उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी हुए अभिभूत।उन्होंनेअपने बाल्यावस्था से उच्च शिक्षा के सफर की स्मृतियों को किया याद।उन्होंने बच्चों से कहा समय बहुमूल्य है इसकी महत्ता को सभी को समझना होगा, एक-एक पल जीवन के लिए उपयोगी है अगर हम समय को समझ लेते हैं तो अपने जीवन को सार्थक बना सकते हैं।


उन्होंने कहा उत्तराखण्ड ने नई शिक्षा नीति 2020 प्रदेश मे सर्वप्रथम लागू की। इस नीति को लागू करने के पीछे सरकार का यह प्राथमिक उद्देश्य था कि प्रदेश में शिक्षा के मानक को वैश्विक स्तर तक उठाए, जिससे उत्तराखण्ड ज्ञान-आधारित क्षेत्रों में अग्रणी बन सके।
पार्वती प्रेमा जगाती सरस्वती विहार स्कूल के 36 वें वार्षिकोत्सव समारोह में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बच्चों, अभिभावकों एवं शिक्षकों को बधाई दी। उन्हांेने कहा इस विद्यालय के विद्यार्थी आज इंजीनियर,कारोबारी, प्रशासनिक अधिकारी व राजनीतिज्ञ बनकर अपनी बुलंदियों को छू रहे हैं। श्री धामी ने कहा कि यह विद्यालय बहुत ही कठिन परिस्थितियों में निर्मित होकर आज यह एक विशाल वटवृक्ष का रूप ले चुका है। उन्हांेने विद्यार्थियों से कहा कि किताबी ज्ञान तक सीमित ना रहें स्वयं के अस्तित्व की खोज कर आपने जीवन को सफल बनायें। उन्होंने कहा बचपन के संस्कार सम्पूर्ण जीवन में काम आते है इसलिए हमें बच्चों को बचपन से ही संस्कारवान शिक्षा प्रदान कर भविष्य के निर्माण के लिए कार्य करना होगा। उन्होंने विद्यार्थियों से जीवन का लक्ष्य तय करते हुए पूर्ण मनोयोग, ईमानदारी,कर्तव्य निष्ठा से कार्य करने को कहा। यही मूल मंत्र जीवन को सफल बनाएगा।

स्वामी विवेकानन्द को याद करते हुए कहा कि मुझे आज भी उनकी यह बात याद है कि प्रत्येक मनुष्य में अनंत ऊर्जा शक्ति का भण्डार है उसे सिर्फ जानने व दिशा देने की जरूरत है। उन्होंने विद्यार्थियों से कहा कि जीवन में कभी कोई परेशानी आती है तो उसे सकारात्मक सोच के साथ समस्या का समाधान करें। उन्होंने बच्चों से कहा कि यह शिक्षा का कालखण्ड दोबारा आपके जीवन में कभी नहीं आयेगा, समय बहुमूल्य है इसकी महत्ता को सभी को समझना होगा, एक-एक पल जीवन के लिए उपयोगी है अगर हम समय को समझ लेते हैं तो अपने जीवन के साथ ही देश व प्रदेश नाम रोशन कर सकते है।

श्री धामी ने कहा कि उत्तराखण्ड देश के प्रथम राज्य में शुमार है जिसने शिक्षा नीति को सर्वप्रथम लागू किया। नई शिक्षा नीति में जहां रोजगार परक शिक्षा का प्राविधान है वही कौशल विकास के द्वारा भी रोजगार व स्वरोजगार को बढावा दिया जायेगा। उन्हांेंने बच्चों से कहा कि आने वाले समय में आप लोग कर्णधार व देश का भविष्य है। देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का सपना है कि अमृत काल में भारत को वर्ष 2027 तक देश को विश्व की तीसरी बडी इकानोमी बनाना है। इसके लिए सभी को अपनी जिम्मेदारी निभानी होगी तभी हम सफल होंगे। उन्होंने कहा कोरोनाकाल में देश के प्रधानमंत्री ने अभिभावक की तरह देश व विश्व में कार्य किया। अपने देश में कोरोना वैक्सीन देने के साथ ही विश्व में कोरोना वैक्सीन देने का कार्य किया।

उन्होंने कहा कि प्रबंधक श्याम अग्रवाल उत्तराखण्ड में सुसंस्कृत विश्वविद्यालय की योजना बना रहे है हमारे लिए यह प्रसन्नता की बात है। इसके लिए उत्तराखंड सरकार और व्यक्तिगत तौर पर आपके साथ खडा हूं। भूमि चिन्हिकरण कार्य के लिए पूर्ण प्रयास कर परिकल्पना को साकार किया जाएगा। उन्हांेने कहा कि विद्यालय की सडक मार्ग को दुरूस्त करने का कार्य लोनिवि द्वारा किया जा रहा है। उन्होंन विद्युत विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिये कि विद्यालय मंें विद्युत की जो भी समस्या हो दुरूस्त करना सुनिश्चित करें।

केंद्रीय रक्षा एवं पर्यटन राज्य मंत्री अजय भट्ट ने कहा कि इस विद्यालय से पढ़कर विद्यार्थी देश के विभिन्न क्षेत्रों में सेना, प्रशासन व आदि स्थानों पर कमान संभाल रहे है। उन्होंने अध्ययनरत विद्यार्थियों के उज्ज्वल भविष्य और गुरुजनों का हृदय से आभार व्यक्त किया।

महाराष्ट्र के पूर्व राज्यपाल एवम पूर्व मुख्यमंत्री भगत सिंह कोश्यारी ने कहा कि सरस्वती विद्या मंदिर के प्राचार्य और गुरुजनों की मेहनत से यहाँ के विद्यार्थियों ने देश के विविध क्षेत्रों में अपनी सुगंध फैलाई है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के मूल मंत्र विद्या भारती से लिए गया है। इस शिक्षा नीति से विद्या भारती ही नहीं अपितु देश के समस्त सरकारी और गैर सरकारी विद्यालयों को इंडिया से भारत बनने की संकल्पना को पूरा किया जाएगा। नई शिक्षा नीति में शिक्षा के साथ ही व्यवसायिक विषयों पर जोर दिया गया है। इससे देश को कौशल युक्त उच्च कोटि के मानव संसाधन मिलेंगे जो राष्ट्र को विश्व गुरु बनने में पूर्ण सहयोगी बनेंगे। उन्होंने युवा पीढ़ी के सर्वागींण विकास के लिए आध्यात्मिक इंटेलिजेंस से जोड़ने की बात पर जोर दिया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री द्वारा विद्यालय के 12वी के तीन और 10वी के 15 मेधावियों को पुरस्कृत किया।

विद्यालय के प्राचार्य डॉ सूर्या प्रकाश ने विद्यालय की आगमी वार्षिक कार्ययोजना के साथ ही विद्यालय की सम्पूर्ण गतिविधियों, उपलब्धियों की जानकारी दी। वार्षिकोत्सव कार्यक्रम में शिव तांडव, हनुमान, गणेश वंदना नृत्य और नाटक सिक्का बदल गया मुख्य आकर्षण का केंद्र रहे। कार्यक्रम का संचालन डॉ माधव प्रसाद के साथ ही विद्यार्थी रक्षित कर्नाटक और कृष्णा त्यागी ने किया।

कार्यक्रम में विद्यालय के संरक्षक कामेश्वर प्रसाद काला,विद्यालय प्रबंधन समिति के अध्यक्ष प्रो के पी सिंह, प्रबंधक श्याम अग्रवाल, कोषाध्यक्ष विपिन अग्रवाल, क्षेत्रीय संगठन मंत्री डोमेश्वर साहू, राष्ट्रीय मंत्री किशन वीर, विधायक नैनीताल सरिता आर्या, भीमताल राम सिंह कैड़ा, लालकुआ डॉ मोहन सिंह बिष्ट, कपकोट सुरेश गढ़िया, मंडी अध्यक्ष डॉ अनिल कपूर डब्बू, राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य एवम अनुश्रवण परिषद के उपाध्यक्ष सुरेश भट्ट, डीआईजी योगेन्द्र सिंह रावत, जिलाधिकारी वंदना सिंह, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक पी एन मीणा, सीडीओ डॉ संदीप तिवारी, अपर जिलाधिकारी शिव चरण द्विवेदी सहित विद्यालय के गुरुजन और विद्यार्थी उपस्थित रहे।

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