जनपदीय गोआश्रम अनुश्रवण समिति की बैठक अध्यक्ष/जिलाधिकारी टिहरी गढ़वाल मयूर दीक्षित की अध्यक्षता में कलेक्ट्रेट बीसी कक्ष में सम्पन्न हुई।
जनपद में निराश्रित परित्यक्ता गोवंश के प्रबन्धन के लिए गोसदनो/कांजी हाउस गोशाला की स्थापना हेतु जनपदीय गोआश्रम अनुश्रवण समिति की बैठक की अध्यक्षा करते हुए जिलाधिकारी ने सभी उप जिलाधिकारियों और सभी ईओ नगर निकायों को निर्देश दिए कि नगर क्षेत्रों में पूर्व में निर्माण हेतु स्वीकृत गोशालाएं व कांजी हाउसों में रखे गये गौवंशों के 12 अंकों के टैग अनिवार्य रूप से लगवायें।
वही निर्दशित किया गया कि नगर क्षेत्र में पालतु गोवंशों की भी गणना कर टैग लगवाना सुनिश्चित करें, यदि कोई अपने पालतु गोवंशों को छोडता है तो उन पर अर्थ दण्ड लगाये और इस सम्बन्ध में सभी अपने-अपने क्षेत्र में एक टीम गठित कर मुहिम चलाकर कार्य करें।
जिलाधिकारी ने पशु चिकित्साधिकारी को निर्देश दिये कि जनपद के जिन-जिन गोशालाओं का कार्य पूर्ण हो गया है तो उनका भुगतान तत्काल कर दें।
वही उन्होंने सभी उप जिलाधिकारियों को निर्देश दिये कि जिन गौशाला का निर्माण होना है आचार संहिता समाप्ति उपरान्त उनके टेण्डिरिंग कार्य भी प्राथमिकता के आधार पर किये जाएं।
बैठक में वर्ष 2023-24 में निर्माण मद में अवमुक्त धनराशि जो कि जनपद की विभिन्न गौशाला हेतु आंवटित की गयी थी उनकी समीक्षा की गयी तथा कितना कार्य गोवंश हेतु हुआ तथा कितना शेष है और कितने धनराशि की और जरूरत पड़ेगी इस पर भी विस्तृत चर्चा की गयी।
इस अवसर पर जिलाधिकारी ने पशु चिकित्साधिकारी को निर्देश दिये कि वे स्वंय भी समय-समय पर इन गौशालाओं का निरीक्षण करें तथा अपने अधीनस्थ पशु डॉक्टरों के द्वारा किये जा रहे कार्यो की भी समीक्षा करें।
बता दें कि उत्तराखण्ड राज्य गो वंश (संशोधन) नियमावली-2024 के तहत जिलाधिकारी को उक्त समिति का अध्यक्ष नामित कर मुख्य विकास अधिकारी सदस्य सचिव, सम्बन्धित निकाय के नगर आयुक्त/ईओ, सम्बन्धित एसडीएम सदस्य तथा मुख्य पशु चिकित्साधिकारी तकनिकी सदस्य नामित किये गये हैं।
जबकि पूर्व में विभागीय मंत्री पदेन अध्यक्ष होते थे।
इस अवसर पर सदस्य सचिव/मुख्य विकास अधिकारी अभिषेक त्रिपाठी, वर्चअल माध्यम से तथा मुख्य पशु चिकित्साधिकारी डॉ आशुतोष जोशी, जिला विकास अधिकारी मो. असलम, एसडीएम अपूर्वा सिंह, संदीप कुमार, जिला पंचायत व नगर पालिका के कार्मिक उपस्थित रहे वहीं विभिन्न तहसलों से उपजिलाधिकारी व सभी नगर निकाय के अधिकारी वर्चअल के माध्यम से जुडे रहे।