*मुख्यमंत्री धामी पहुंचे रामगढ़ रविन्द्र नाथ टैगौर की 161वीं जन्मोत्सव समारोह में की शिरकत ।*
*टैगौर विश्वविद्यालय के लिए 45 एकड़ भूमि देकर भूमि पूजन किया ।
*चंदन सिंह बिष्ट भीमताल रामगढ़*
नैनीताल जिले के रामगढ़ की पहाड़ी में टैगौर हिल बसा है ।
यहां वर्षों पहले आकर गुरुजी रविन्द्र नाथ टैगौर ने लिटरेचर लिखकर विश्व के नक्शे में इसका नाम लिख दिया है। भारतीय संस्कृति के सर्वश्रेष्ठ रूप, साहित्य के उज्ज्वल नक्षत्र, दार्शनिक, समाज सुधारक और नोबल पुरस्कार से सम्मानित रविन्द्र नाथ टैगौर के नाम का विश्वविद्यालय खोलने के लिए कार्यक्रम रखा गया ।
इसी भूमि में टैगौर विश्वविद्यालय बनाने के लिए मुख्यमंत्री ने 45 एकड़ भूमि ‘शांति निकेतन ट्रस्ट फ़ॉर हिमालया’ नामक ट्रस्ट को दान की थी । विश्वविद्यालय के लिए भूमि पूजन के मौके पर मुख्यमंत्री यहां मुख्य अतिथि के रूप में पहुंचे थे । मुख्यमंत्री ने मौजूद लोगों को रविन्द्रोत्सव की बधाई दी ।
गीतांजलि की भूमि में 161वां महोत्सव मनाया जा रहा है, जो हमारे लिए गौरव की बात है । कहा कि गुरुदेव की इस भूमि में विश्वभारती विश्वविद्यालय का भूमि पूजन किया ।
भारतीय राष्ट्र गान, श्रीलंका और बांग्लादेश के राष्ट्रगान के भी रचियेता थे रविन्द्र नाथ टैगौर ।
उन्होंने कहा कि जब उत्तराखंड अपने 25वें वर्ष में प्रवेश करें तो हम देश का सर्वशेष्ट्र राज्य हो ।
भूमंडल में कहीं भी आपदा आएगी तो सभी जगह प्रभावित होंगी, इसलिए हमें उत्तराखंड की आग और आपदा के प्रति सजग होना होगा ।
विधायक की मांग पर महाविद्यालय का भवन बनना चाहिए । परिसर को गीतांजलि परिसर के नाम से जाना जाए तो अच्छा होगा ।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आध्यात्म की भूमि में अच्छे से शिक्षा का काम किया जाएगा ।
इसके अलावा उन्होंने आपदा पर बोलते हुए कहा कि विधायक ने जो कहा है उसपर विचार किया जाएगा ।