आज के समय मे गाय एवं गौवंशों की स्थिति किसी से छुपी नही है,हर जगह सड़क एवं गलियों में हमे गौवंश निराश्रित घूमते नजर आ जाएंगे, जो अपने आपमे बड़े दुख की बात है।
हम उत्तराखंड वासी एस एस बी गुरिल्ला संगठन के पदाधिकारी प्रदेश मीडिया प्रभारी अनिल प्रसाद भट्ट, प्रदेश सह मीडिया प्रभारी महावीर सिंह रावत टिहरी, प्रदेश अध्यक्ष युद्धवीर सिंह राणा, एस एस बी गुरिल्ला संगठन के प्रदेश महासचिव एवं जिला अध्यक्ष महावीर सिंह रावत उत्तरकाशी, प्रदेश कोषाध्यक्ष मनोज भट्ट , प्रदेश प्रवक्ता एवं गायक टी आर जख्मोला एवं कार्यकारिणी के प्रदेश उपाध्यक्ष एवं टिहरी जिला के जिला अध्यक्ष दिनेश प्रसाद गैरोला, ब्लॉक अध्यक्ष प्रताप नगर टिहरी आसाराम जोशी, सुरेंद्र सिंह रावत जिला बागेश्वर , एवं कार्यकारिणी की महिला मोर्चा की प्रदेश उपाध्यक्ष सुलोचना देवी, और निशा पांडे प्रदेश सहसंयोजक एवं कथा वाचक एवं जिला अध्यक्ष अल्मोड़ा, और चंपावत के प्रचारक प्रदेश एवं जिला अध्यक्ष ललित बगौली ,
प्रदेश सह संरक्षक श्रीमती गीता जोशी, श्रीमती राधा प्रधान देहरादून, टिहरी के महासचिव पी एल उनियाल, और पौड़ी के जिला अध्यक्ष प्रेम सिंह रावत, नैनीताल की जिला अध्यक्ष पुष्पा निहाल, कीर्ति नगर ब्लॉक की महिला मोर्चा की लक्ष्मी देवी भट्ट,महावीर सिंह रावत एवं समस्त एस एस बी गुरिल्ला प्रशिक्षित पदाधिकारी एवं पुष्पा देवी, बसंती देवी, अनीता देवी, पार्वती देवी आदि भगवा सनातन धर्म रक्षक का सदस्य और मेरे साथी अनिल प्रसाद भट्ट सभी उत्तराखंडी जन मानस एवं सनातन धर्म तोके सभी धर्म रक्षकों एवं धर्माचार्य एवं जो भी अपने हिंदू धर्म के संस्कृत एवं संस्कारों को मानने वाले जो अपने देवी देवताओं को पूजने वाले एवं अपने पितरों को पूजने वाले अपने सभी भाई एवं बहनों से इस अपील के माध्यम से की गाय हमारी माता है और हमारे धर्म में हर पूजा पाठ में गाय का बहुत बड़ा महत्व है।
वही उन्होंने कहा कि उसका दूध,और मल, मूत्र,आदि हमारे हर पूजा पाठ में चढ़ाया जाता है और आज हमारी संस्कृति और सभ्यता में गाय को माता का दर्जा दिया गया है।
उन्होंने इस बात को भी दोहराया कि हमारे धर्म में माता का दर्जा सिर्फ तीन को ही मिला है नंबर 1- माता जो हमें जन्म देती है। नंबर 2- भारत माता जो हमें अन, मन, धन,- बल, बुद्धि देती है और तीसरा नंबर है गाय माता का।
जिसका दूध,और मूत्र, औषधिय गुण से भरपूर माना गया है और हम सनातनी इसकी पूजा भी करते हैं और हम धर्म कार्यों एवं अनुष्ठानों में इसकी पूजा करना बहुत ही फल दायक माना गया है पर आज के दिन में गाय माता का मानव द्वारा बहुत ही तिरस्कार हो रहा है।
इससे सनातन धर्म की शक्ति कम होती जा रही है सड़कों पर या गांव के जंगलों में लावारिस गाय की संख्या बढ़ती जा रही है इसके जिम्मेदार हम स्वयं हैं मनुष्य एक स्वार्थी तत्व है कि जब जरूरत हुई तब उसे गाय का इस्तेमाल किया जब गाय माता दूध दे रही है तब तक उसको अपने घर में बांध के रखते हैं।
वहीं जैसे ही उसने दूध देना बंद किया उसको सड़कों में या जंगलों में छोड़ देते हैं मैं गाय माता राष्ट्र माता घोषित करने से पहले इस मुहिम का समर्थन करता हूं कि सभी हिंदू धर्म के गौ भक्तों से अनुरोध करता हूं की सबसे पहले गाय माता को तिरस्कार होने से बचने का प्रयास करें और इस अनुरोध को या इस मुहिम को ज्यादा से ज्यादा शेयर करे।