विश्व दृष्टि दिवस पर आयोजित जन-जागरुकता कार्यक्रमों में हिस्सा लेने वाले विभिन्न प्रतिभागियों को एम्स अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक की ओर से एक सादे कार्यक्रम के तहत सम्मानित किया गया।
इस दौरान उन्होंने कहा कि विश्वभर से अंधेपन को दूर करने के लिए मिलकर काम करने की आवश्यकता है।
गौरतलब है कि एम्स ऋषिकेश की कार्यकारी निदेशक प्रोफेसर (डॉ.) मीनू सिंह के मार्गदर्शन में संस्थान परिसर सहित विभिन्न स्थानों पर नेत्र पखवाड़े का आयोजन किया गया।
इस दौरान ऋषिकेश आई बैंक और एम्स के नेत्ररोग विभाग द्वारा नेत्रदान के प्रति आम लोगों को जागरुक करने के उद्देश्य से नेत्रदान जागरुकता व्याख्यान, नुक्कड़ नाटकों का आयोजन, पोस्टर प्रतियोगिताएं और नेत्र परीक्षण शिविरों का आयोजन किया गया।
साथ ही बीते सप्ताह ’विश्व दृष्टि दिवस’ के अवसर पर विभाग द्वारा अंधेपन की समस्या के निवारण के लिए भी जनजागरुकता के विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए गए।
पखवाड़े के तहत विभिन्न आायोजनों में हिस्सा लेने वाले प्रतिभागियों को चिकित्सा अधीक्षक प्रो. संजीव कुमार मित्तल द्वारा पुरस्कार व प्रशस्तिपत्र भेंटकर सम्मानित किया गया।
इस अवसर पर उन्होंने कहा कि संस्थान के लिए यह गर्व की बात है कि उत्तराखंड में कॉर्निया ट्रांसप्लांट में 70 फीसदी योगदान एम्स ऋषिकेश का रहा है।
इस उपलब्धि के लिए उन्होंने ऋषिकेश आई बैंक और एम्स के नेत्ररोग विभाग के सदस्यों को बधाई दी और कहा कि नियमितरूप से जन-जागरुकता कार्यक्रमों का आयोजन कर हमें विश्वभर से अंधेपन की समस्या को दूर करने के लिए एक साथ मिलकर काम करना होगा।
ऋषिकेश आई बैंक की मेडिकल डायरेक्टर डॉ. नीति गुप्ता ने नेत्रदान के प्रति आम लोगों को जागरुक करने हेतु संकल्पित होने की बात कही।
उन्होंने नेत्रदान पखवाड़े व ’विश्व दृष्टि दिवस’ के अवसर पर आयोजित जन जागरुकता कार्यक्रमों में प्रतिभाग करने वाले सदस्यों के कार्यों की सराहना की और उन्हें धन्यवाद ज्ञापित किया।
इस दौरान असिसटेंट प्रोफेसर कॉलेज ऑफ नर्सिंग डॉ. राजराजेश्वरी, मुख्य नर्सिंग अधिकारी रीटा शर्मा, डीएनएस पुष्पा रानी, एएनएस सुरेश गाजी, आई बैंक प्रबंधक व एसएनओ महिपाल चौहान, काउंसलर संदीप गुसाईं, बिंदिया भाटिया, आलोक राणा, पवन सिंह आदि मौजूद रहे।