Uttarakhand High Court: उच्च न्यायालय ने उत्तराखंड परिवहन निगम प्रबंधन के पक्ष से आदिवारी रिटायर होने वाले चालकों और कंडक्टरों के वेतन को पुनः स्थापित करने के आदेश दिए हैं।
जस्टिस रविंद्र मैथानी की एकल बेंच के सामने मामले की सुनवाई के बाद, निर्णय रिजर्व्ड किया गया था। प्राथमिकी वाले निवेदनकर्ताओं ने उच्च न्यायालय में यह कहकर एक याचिका दाखिल की थी कि वे पथ पर कार्यरत चालक और कंडक्टर के रूप में काम कर रहे थे। पथ पर होते हुए अक्सर अन्य काम उन चालकों और कंडक्टरों से लिया जा रहा था।
2022 में, परिवहन निगम बोर्ड ने इन याचिकाकर्ता चालक-कंडक्टरों को तीन महीने की सूचना देकर उन्हें बलपूर्वक रिटायर करने का निर्णय लिया। याचिकाकर्ताओं ने इस सूचना का विरोध हाईकोर्ट में किया। पहले न्यायालय ने एक अंतरिम आदेश पारित करके इस आदेश को रोक दिया था। रोडवेज ने एक विशेष अपील दाखिल करके इस पर चुनौती दी।
पहले के मुख्य न्यायाधीश द्वारा नेतृत्व करने वाली डिवीजन बेंच ने इस खास अपील को अस्वीकार करते हुए एकल बेंच को शीघ्रपूर्ण निर्णय देने का निर्देश दिया था। एकल बेंच ने नोटिस को अवैध घोषित करके रोडवेज की नोटिस को खारिज कर दिया।
इन कर्मचारियों ने एक याचिका दाखिल की थी
शफीक अहमद, सुरेश कुमार, हर्ष मोहन, लाल सिंह, हरिश कुमार, चंद्र पाल सिंह, मयाराम भट्ट, फूल सिंह, धन सिंह, सुभाष चंद्र बड़ोला, जगमोहन, राजेन्द्र कुमार, जगजीत सिंह, भजन सिंह, जितेंद्र सिंह, ब्रिजलाल, केशव दत्त. जोशी, मुनव्वर अली, जयपाल सिंह और अन्य।