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Uttarakhand: ये है Ajay Tamta का गोद लिया गांव: लोगों का दर्द सुनिए- मेरी उम्र 63 साल है, मैंने सांसद को कभी नहीं देखा

Uttarakhand: ये है Ajay Tamta का गोद लिया गांव: लोगों का दर्द सुनिए- मेरी उम्र 63 साल है, मैंने सांसद को कभी नहीं देखा

Ajay Tamta: चंपावत जिला मुख्यालय से करीब 28 किमी दूर स्थित शैक्षिक, सांस्कृतिक और ऐतिहासिक नगरी के रूप में प्रसिद्ध खेतीखान का सांसद आदर्श गांव गोशनी बुनियादी सुविधाओं से जूझ रहा है। गांव में स्वास्थ्य, पेयजल, शिक्षा, सड़क सुविधाओं का अभाव बना हुआ है। गोशनी गांव जिसे सांसद Ajay Tamta ने आठ मार्च 2022 को गोद लिया था। गोशनी गांव की आबादी वर्तमान में करीब 2600 है और 1400 मतदाता इस गांव में है। संवाद न्यूज एजेंसी की टीम ने सांसद आदर्श ग्राम पहुंचकर विकास कार्यों का जायजा लिया और ग्रामीणों से बात की।

ग्रामीणों ने सांसद पर गांव को गोद लेने के बाद कभी भी गांव का भ्रमण नहीं करने और जन समस्याएं ना सुनने जैसे आरोप लगाए। ग्राम पंचायत प्रतिनिधियों ने बताया कि गांव में ग्राम पंचायत, ग्राम विकास, मनरेगा आदि मदों से गांव में रास्ते, धर्मशाला, सोलर लाइट, बाजार क्षेत्र में CCTV, टिनशैड निर्माण, पेयजल टैंक, सार्वजनिक शौंचालय, कूडेदान आदि तमाम कार्य हुए हैं। लेकिन सांसद की ओर से गांव को गोद लेने के बाद धरातल में एक भी काम नहीं किए गए हैं। एक भी विकास कार्य का सांसद के नाम से बोर्ड नहीं लगा है।

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ग्रामीणों की ये हैं प्रमुख मांगें

सड़क, शिक्षा, स्वास्थ्य, पानी आदि के मामले में गांव में बहुत काम करने की जरूरत है। गांव में लोगों को जरूरत के हिसाब से पानी तक नहीं मिल पाता है। गर्मियों में तीसरे दिन लोगों को पानी मिल पाता है। ग्रामीणों ने एक बड़ी लिफ्ट पेयजल योजना बनाने, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र का उच्चीकरण करने, महिला डिग्री कॉलेज खोलने, बारात घर का निर्माण करने, अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस पर्यटक आवासगृह बनाने, केंद्रीय विद्यालय खोलने, गैस गोदाम खोलने, जीआईसी और GGIC में मानकों के अनुरूप शिक्षकों की तैनाती करने आदि की मांगें रखी।

क्या बोले ग्रामीण

गोशनी गांव को सांसद Ajay Tamta ने आठ मार्च 2022 को गोद लिया था। तब जनता को इस पिछड़े क्षेत्र में विकास कार्य होने की काफी उम्मींद थी। सांसद ने जब से गांव गोद लिया है, तब से उनके दर्शन नहीं हो पाए हैं। अस्पताल का उच्चीकरण, टीआरसी, शिक्षा, गांव की सड़क की समस्या को लेकर सांसद से वार्ता तक नहीं हो पाई। गांव को गोद लेने के बाद से सांसद ने एक भी काम नहीं किया। -आलोक वर्मा, ग्राम प्रधान प्रतिनिधि, गोशनी खेतीखान

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सांसद ने खेतीखान गांव गोद लिया है, 10 सालों में उनके दर्शन तक नहीं हुए हैं। खेतीखान क्षेत्र में कहीं भी महिला डिग्री कॉलेज नहीं खुला है। क्षेत्र की बेटियों की सुविधाओं को देखते हुए महिला डिग्री कॉलेज खोला जाना चाहिए। लोहाघाट डिग्री कॉलेज आने जाने में प्रतिदिन छात्राओं को 120 रुपये का टिकट देना पडता है, परीक्षा के दौरान समय से पहुंचने के लिए वाहन बुक करके जाना पड़ता है। -मंजू सेलिया, ग्रामीण गोशनी खेतीखान

सांसद Ajay Tamta कई बाद दीप महोत्सव में आए हैं। टमट्यूडा गांव को अपना पुस्तैनी गांव बताते हैं। ग्रामीणों ने महिला डिग्री कॉलेज खोलने, केंद्रीय विद्यालय खोलने, गैस गोदाम खोलने की मांग सांसद के सामने रखी थी। गांव को गोद लेने के बाद सांसद ने ग्रामीणों की मांगों पर कोई ध्यान नहीं दिया। सांसद गांव में भ्रमण करने के बजाय रोड ही रोड वाहन से आकर चले गए, यहां कभी आए ही नहीं। – बसंत बल्लभ ओली, गोशनी ओली गांव

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मेरी उम्र 63 साल है, मैने सांसद Ajay Tamta का नाम तो जरूर सुना है, लेकिन उन्हें कभी देखा नहीं है। मैंने GIEC खेतीखान में एलटी ग्रेड में 27 साल सेवा की। पुरानी और आज की शिक्षा को देखते हुए बड़ा दुख होता है। उस दौरान विद्यालय में 15 सौ बच्चे पढ़ते थे, वर्तमान में 100 विद्यार्थी भी नहीं हैं। ऐसा विद्वान नेता बने जो हर समस्या का समाधान करने का दम रखे। नेता ऐसा न हो जो केवल चुनाव के दौरान अपना नारा लेकर आए और चुनाव जीतने के बाद उनका चेहरा ही न दिखे। -माधवानंद गहतोड़ी, रिटायर्ड अध्यापक
सांसद ने गोशनी गांव को गोद लेकर यहां मीटिंग भी करवाई। लेकिन विकास के नाम पर कुछ भी नहीं किया। ऐसा करना था तो सांसद को गांव गोद ही नहीं लेनी चाहिए था। अगर गोद लिया तो विकास करना चाहिए था। आसपास के गांवों में भी कोई काम नहीं हुआ है। अजय टम्टा मोदी के नाम पर अपनी छवि को चमकाने का काम कर रहे हैं। -कैलाश चंद्र गड़कोटी, ग्रामीण

गोशनी गांव ने दिए चार स्वतंत्रता संग्राम सेनानी

देश की आजादी में गोशनी गांव के लोगों का बड़ा योगदान रहा है। गोशनी गांव के स्वतंत्रता संग्राम सेनानी पं.हर्षदेव ओली, पं.दुर्गादत्त ओली, पं.दयाराम ओली, पं.पूर्णानंद जोशी ने अपने अदम्य साहस से अंग्रेजी सेना के छक्के छुड़ा दिए थे। आज इन चारों स्वतंत्रता सेनानियों के नाम से इंद्रा पार्क का निर्माण किया गया है। जहां इनकी प्रतिमाएं लगाई गई हैं।

बाएफ संस्थान की ओर से गोशनी गांव को साल 2003 से गोद लिया गया है। चरणबद्ध तरीके से नए नए प्रोजेक्टों के माध्यम से गांव में कृषि, बागवानी, पशुपालन, जल संरक्षण, संरक्षित खेती के क्षेत्र में काम किया गया। संस्था से गांव के करीब 300 परिवार जुड़े हुए हैं, जिन्हें पॉलीहाउस, कृत्रिम गर्भाधान की सुविधा, जल संरक्षण, चारा विकास, बागवानी के तहत सुविधाओं से जोड़ा गया है। -डॉ.दिनेश रतूड़ी, परियोजना समन्वयक बाएफ चंपावत

मॉडल ITI का हो रहा संचालन

खेतीखान में केंद्र पोषित मॉडल ITI का संचालन हो रहा है। करोड़ों रुपये की लागत से बने ITI में इलेक्ट्रॉनिक्स, इलेक्ट्रिकल, वायरमेन, वायरलेस ऑपरेटर, रेडियो टीवी, फैशन डिजाइनिंग ट्रेड संचालित होते हैं।

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चुनाव बहिष्कार तक की दी है चेतावनी

गोशनी गांव के लोगों ने सांसद Ajay Tamta पर क्षेत्र में कोई काम न करने जैसे आरोप लगाते हुए चुनाव बहिष्कार तक की चेतावनी दी है। ग्रामीणों ने सांसद से गांव में किए गए विकास कार्यों को सार्वजनिक करने के बाद चुनाव बहिष्कार समाप्त करने की बात कही थी। चुनाव बहिष्कार के एलान के बाद प्रशासन की टीम ने ग्रामीणों से वार्ता की, लेकिन ग्रामीण सांसद की ओर से गांव में किए कामों को दिखाने के बाद ही चुनाव बहिष्कार समाप्त करने की जिद में अड़े रहे।

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