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जनपद टिहरी गढ़वाल में मतदान की समाप्ति के लिए नियत किए गए समय के साथ समाप्त होने वाले अड़तालीस घंटों की कालावधि के दौरान सार्वजनिक सभाओं का प्रतिषेध कर धारा 144 लागू करने के आदेश निर्गत,जाने अधिक।

Elections 2024: UP का जमाना हो या Uttarakhand बनने का बाद का, राष्ट्रीय दलों की रही धूम, निर्दलीय रहे निर्बल

जिला निर्वाचन अधिकारी टिहरी गढ़वाल द्वारा जनपद टिहरी गढ़वाल में मतदान की समाप्ति के लिए नियत किए गए समय के साथ समाप्त होने वाले अड़तालीस घंटों की कालावधि के दौरान सार्वजनिक सभाओं का प्रतिषेध कर धारा 144 लागू करने के आदेश निर्गत किए गए हैं।

लोक सभा सामान्य निर्वाचन-2024 के दृष्टिगत जनपद टिहरी गढ़वाल में 16 मार्च, 2024 से आदर्श आचार संहिता प्रभावी है।

जिला निर्वाचन अधिकारी ने मतदान के दिन कानून व्यवस्था को सुदृढ़ करने और एक ऐसा वातावरण सुनिश्चित करने, जहां मतदाता किसी भी तरीके से भयभीत न हो, निर्वाचन आयोग के निर्देशों के क्रम में मतदान की समाप्ति से 48 घंटे की अवधि के दौरान निर्वाचन प्रक्रिया पर जनपद टिहरी गढ़वाल के समस्त नागरिकों, आम जनता, जनप्रतिनिधियों एवं निर्वाचन लडने वाले उम्मीदवारों से अनुरोध करते हुए कहा कि सभी मंत्रियों, संसद सदस्यों और विधायकों तथा अन्य राजनीतिक पदाधिकारियों, जिन्हें सुरक्षा मिली हुई हो, को जैसे ही प्रचार अवधि समाप्त होती हो, अर्थात् मतदान की समाप्ति के लिए निर्धारित समय से 48 घंटे पहले निर्वाचन क्षेत्र से चले जाना चाहिए।

लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 126 मतदान की समाप्ति के लिए निर्धारित समय से 48 घंटे पहले की अवधि के दौरान, जब निर्वाचन प्रचार समाप्त हो जाता है, किसी आम सभा के आयोजन पर निषेध लगाता है (लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 126 को नीचे उद्धृत किया गया है) – “अनुच्छेद-126 (1) (b) मतदान की समाप्ति के लिए नियत किए गए समय के साथ समाप्त होने वाले अड़तालीस घंटों की कालावधि के दौरान सार्वजनिक सभाओं का प्रतिषेध-

(1) कोई भी व्यक्ति, किसी मतदान क्षेत्र में, उस मतदान क्षेत्र में किसी निर्वाचन के लिए मतदान की समाप्ति के लिए नियत किए गए समय के साथ समाप्त होने वाले अड़तालीस घंटों की कालावधि के दौरान –

(क) निर्वाचन के संबंध में कोई सार्वजनिक सभा या जुलूस न बुलाएगा, न आयोजित करेगा, न उसमें उपस्थित होगा, और न उसे संबोधित करेगा।

(ख) चलचित्र, टेलीविजन या वैसे ही अन्य सचित्रों द्वारा जनता के समक्ष किसी निर्वाचन संबंधी बात का संप्रदर्शन नहीं करेगा।

(ग) कोई संगीत समारोह या कोई नाट्य अभिनय या कोई अन्य मनोरंजन या आमोद-प्रमोद जनता के सदस्यों को उसके प्रति आकर्षित करने की दृष्टि से, आयोजित करके या उसके आयोजन की व्यवस्था करके, जनता के समक्ष किसी निर्वाचन संबंधी बात का प्रचार नहीं करेगा।

(2) कोई भी व्यक्ति, जो उप-खंड (1) के उपबंधों का उल्लंघन करेगा, कारावास से, जिसकी अवधि दो वर्ष तक की हो सकेगी, या जुर्माने से, या दोनों से, दंडनीय होगा।

(3) इस धारा में, “निर्वाचन संबंधी बात” पद से अभिप्रेत है कोई ऐसी ग्रात जो किसी निर्वाचन के परिणाम पर असर डालने या उसे प्रभावित करने के लिए आशयित या प्रकल्पित है।

(4) 48 घन्टे की अवधि के दौरान किसी भी प्रकार के वाहनों पर लगाये गये लाउडस्पीकर या किसी अन्य तरीके से लाउडस्पीकरों की अनुमति नहीं होगी।

(5) लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 की धारा 135ग में निर्धारित 48 घन्टे की अवधि और मतदान की अवधि के दौरान शराब की दुकान और इस प्रकार के केन्द्र बन्द रहेंगे।

(6) राजनैतिक दल/उम्मीदवार 48 घण्टे की अवधि के दौरान घर-घर जाकर प्रचार कर सकते हैं।

(7) किसी भी राजनैतिक दल/उम्मीदवार 48 घण्टे की अवधि के दौरान राजनैतिक प्रकृति के एक साथ बहुत सारे SMS (सन्देश) एवं Bulk SMS नहीं भेज सकते हैं।

निर्वाचन में प्रचार अभियान के दौरान, राजनीतिक दल अपने समर्थकों को लाते ले जाते हैं जिनमें प्रचार अभियान को बढ़ावा देने के लिए निर्वाचन क्षेत्र के बाहर के भी समर्थक होते हैं। प्रचार अवधि की समाप्ति के दृष्टिगत निर्वाचन क्षेत्र के भीतर कोई प्रचार अभियान नहीं चल सकता, ऐसे राजनैतिक पदाधिकारी और दल कार्यकर्ता निर्वाचन क्षेत्र में नहीं रहने चाहिए, जिन्हें निर्वाचन क्षेत्र के बाहर से लाया गया था, क्योंकि प्रचार अवधि की समाप्ति के बाद उनके चहा बने रहने से निर्वाध और न्यायसंगत मतदान के माहौल पर प्रभाव पड़ सकता है। प्रचार अवधि की समाप्ति के बाद ऐसे सभी पदाधिकारी निर्वाचन क्षेत्र से तत्काल चले जाए। निर्वाचन आयोग ने निर्देश दिया है कि यह सुनिश्चित करने के लिए कि उपर्युक्त निर्देशों का पालन किया जाए, निर्वाचन प्रशासन / पुलिस प्रशासन द्वारा समस्त आवश्यक उपाय किए जाने चाहिए, जिनमें निम्नलिखित शामिल होः

(i) कल्याण मंडपम/सामुदायिक हॉलो इत्यादि परिसरों में कोई निर्वाचन प्रचार आदि से संबंधित बाहरी व्यक्ति नहीं ठहरेगा ।

(ii) लॉज और गेस्ट हाउसों पर ठहरने वाले व्यक्तियों की सूची पर नजर रखी जायेगी ।

(iii)निर्वाचन क्षेत्र की सीमाओं पर चैक पोस्ट पर निर्वाचन क्षेत्र के बाहर से आने वाले वाहनों की आवाजाही का पता लगाया जायेगा।

(iv) व्यक्तियों/व्यक्तियो के रामूह की पहचान सत्यापित की जायेगी उनकी पहचान साबित करने के लिए यह पता लगाया जा सकेगा कि वे मतदाता है अथवा नहीं।

(v) ऐसे राजनैतिक कार्यकर्ता जिरो छूट प्रदान की गई हो, को इस शर्त पर निर्वाचन क्षेत्र में रहने की अनुमति दी जा सकती है कि इरा छूट का उपयोग किसी भी तरह से किसी राजनीतिक / निर्वाचन संबंधी गतिविधि के लिए नहीं किया जाएगा।

ऐसा सुनिश्चित करने के लिए, जब तक मतदान पूर्ण न हो जाए, उनके आवास स्थल के हर एक प्रवेश द्वार पर मजिस्ट्रेट की अध्यक्षता में एक निगरानी दल, जिसके साथ पर्याप्त सख्या में पुलिस कर्मी होंगे, तैनात किया जायेगा। उक्त ठहराव पर होने वाले व्यय को उस निर्वाचन क्षेत्र से निर्वाचन लड़ रहे अभ्यर्थी के खाते में जोडा जायेगा।

अनुच्छेद 126 द्वारा केवल, किसी संबंधित निर्वाचन क्षेत्र के लिए निर्धारित समय की समाप्ति से 48 घंटे पहले की अवधि के दौरान निर्वाचन संबंधी बैठकों / जुलूसों में प्रचार करने / आयोजन अथवा उनमें हिस्सा लेने, शामिल करने अथवा भाषण देने के लिए निषेध होगा ।

धारा 126 की उप-धारा (1) का खंड (ख) ऐसे किसी उपकरण या दूरदर्शन के माध्यम से निर्वाचन सामग्री का प्रदर्शन निषिद्ध करता है। रेडियो के बारे में, निर्वाचन आयोग ने स्पष्टीकरण दिया कि इस उद्देश्य से इसे ‘अन्य समान उपकरण माना जाएगा और रेडियो के माध्यम से किसी निर्वाचन मुद्दे का प्रसारण/प्रचार खंड (ख) के अंतर्गत कबर होगा और उक्त अनुच्छेद में उल्लिखित 48 घंटे की अवधि के दौरान अनुगत नहीं होगा।
निर्वाचन की समाप्ति के लिए निर्धारित 48 घंटे की अवधि के दौरान इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में विज्ञापनों के प्रकाशन पर लगे प्रतिबंधों को राजनीतिक दलों और अभ्यर्थियों द्वारा प्रिंट मीडिया के माध्यम से प्रकाशित होने वाले विज्ञापनों के लिए नहीं बढ़ाया जा सकता। मतदान वाले दिन अथवा मतदान से एक दिन पहले समाचार पत्रों में प्रकाशित होने वाले विज्ञापनों के संबंध में उनका पूर्व-सत्यापन होना आवश्यक होगा।

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