जल संरक्षण एवं संवर्धन को लेकर जिलाधिकारी टिहरी गढ़वाल मयूर दीक्षित की अध्यक्षता में गुरुवार को बैठक आयोजित की गई।
बैठक में उप निदेशक जलागम/सदस्य सचिव स्प्रिंग एण्ड रिवर रिज्यूविनेशन अथॉरिटी (सारा) नवीन सिंह बरफवाल ने पीपीटी के माध्यम से सारा की अवधारणा, कार्यनीतियों, नियोजन, मूल्याकन एवं अनुश्रवण आदि के बारे में विस्तार जानकारी दी गई।
उन्होंने बताया कि अथॉरिटी जल संवर्धन के लिए रेन वाटर हार्वेस्टिंग के जरिए स्प्रिंग व स्रोतो के रिचार्जिंग व नदियों के जल स्तर को बढ़ाने की कार्ययोजना तैयार कर रही है।
इसके तहत राज्य स्तरीय, जिला स्तरीय एवं ग्राम स्तरीय कार्यकारिणी समितियां गठित की जानी है।
जिलाधिकारी ने डीपीआरओ को ग्राम स्तर पर धारा-नौला संरक्षण समितियों का गठन करने एवं बैठक आयोजित करवाने के निर्देश दिए।
समस्त बीडीओ को योजना के तहत दस दस क्रिटिकल स्प्रिंग प्लान को अप्रूव कराने, नौला-धारों के पुनरोद्वार हेतु जल संरक्षण के कार्यों को करने, प्रत्येक कार्यों की जियो टैगिंग करने, नौला/गदेरा/वाटर बॉडी में हुए अतिक्रमण की सूचना एसडीएम को देने, अमृत सरोवरों को ठीक करने तथा उनमें प्लान की गई गतिविधियों से अवगत कराने को कहा गया।
इसके साथ ही हर गांव में कम से कम पचास ट्रेंचेज खोदने और उन्हें मेंटेन करने के कार्य प्राथमिकता पर करने को कहा गया।
सिंचाई, लघु सिंचाई, कृषि विभाग के अधिकारियों को वाटर कंजर्वेशन के अच्छे प्रोजेक्ट जिला योजना में प्रस्तावित करने को कहा।
जल जीवन मिशन योजना के तहत किए जा रहे कार्यों का प्रतिदिन अपडेट देने, जल शक्ति अभियान पोर्टल पर प्रतिदिन डाटा अपडेट करने,
बैठक में अवगत कराया गया कि सारा की कार्य नीतियों के तहत प्रथम चरण में धारा-नौला एवं वर्षा आधारित नदियों की स्थिति का चरणबद्ध आकलन किया जाएगा।
इसके तहत जल गुणवत्ता, जल बहाव/उत्सर्जन दर, जनसंख्या निर्भरता के दृष्टिगत स्रोतों के जल उत्सर्जन में कमी के प्रमुख कार्यों को इंगित किया जाएगा।
जल संरक्षण अभियान 2024 के तहत सुख रहे जल स्रोतों एवं सहायक नदियों, धाराओं का चिन्हीकरण कर उनके पुनरोद्वार के कार्य प्राथमिकता पर किए जाने हैं।
बैठक में सीडीओ अभिषेक त्रिपाठी, पीडी डीआरडीए योगेश उपाध्याय, डीडीओ मो. असलम, सीएओ अभिलाषा भट्ट, डीपीआरओ एम.एम. खान, अधिशासी अभियंता जल संस्थान टिहरी प्रशांत भारद्वाज, अधिशासी अभियंता पेयजल निगम चंबा के.एन. सेमवाल, घनसाली जीतमणि बेलवाल, सिंचाई एवं लघु सिंचाई के अधिकारी, बीडीओ एवं अन्य संबंधित अधिकारी उपस्थित रहे।