एम्स,ऋषिकेश में 39 वें नेत्रदान जागरुकता पखवाड़े के अंतर्गत विभिन्न श्रंखलाबद्ध कार्यक्रमों का आयोजन किया गया।
जिसके तहत नेत्र रोग विभाग की ओर से नुक्कड़ नाटक, नेत्रदान व्याख्यान, नेत्रदान जनजागरुकता वार्ता, वॉकथॉन व नेत्रदाता सम्मान समारोह आदि कार्यक्रम हुए।
एम्स,ऋषिकेश के नेत्र विज्ञान विभाग के तत्वावधान में जनजागरुकता के अंतर्गत संस्थान परिसर में नेत्र कोष स्टाफ की ओर से नर्सिंग अधिकारियों, अस्पताल स्टाफ, विभिन्न वार्डों में भर्ती मरीजों एवं उनके तीमारदारों से नेत्रदान जागरुकता वार्ता के माध्यम से उन्हें नेत्रदान को लेकर जागरुक किया गया।
कॉलेज ऑफ नर्सिंग, मॉर्डन पब्लिक स्कूल ऋषिकेश और महिला महाविद्यालय हरिद्वार में रेजिडेंट्स चिकित्सकों व आई बैंक काउंसलर द्वारा नेत्रदान जागरुकता के लिए नुक्कड़ नाटक व व्याख्यानमाला आयोजित की गई।
नर्सिंग छात्राओं द्वारा हरिपुर कलां, हरिद्वार में नुक्कड नाट्य प्रस्तुति के जरिए नागरिकों को नेत्रदान का संकल्प दिलाया गया। पखवाड़े के अंतर्गत आस्थापथ पर वॉकथॉन के माध्यम से जनमानस को नेत्रदान महादान के प्रति जागरुक किया गया।
जिसमें एम्स ऋषिकेश के संकायगण, नर्सिंग ऑफिसर्स और रेजिडेंट्स डॉक्टर्स के साथ-साथ ऋषिकेश के रेड राइडर्स और मॉर्निंग वॉक पर निकलने वाले समूह सदस्यों ने बढ़चढ़ कर प्रतिभाग किया।
इस दौरान संस्थान की कार्यकरी निदेशक प्रोफेसर डॉ. मीनू सिंह ने लोगों को नेत्रदान महादान को लेकर जागरुक किया गया और उन्हें नेत्रदान का संकल्प लेने के लिए प्रेरित किया गया।
उधर, नेत्रदान पखवाड़े के अंतर्गत एम्स, ऋषिकेश नेत्र रोग विभाग द्वारा आयोजित नेत्रदाता परिवारों के सम्मान समारोह में 80 नेत्रदाता परिवारों के सदस्यों को एम्स संस्थान की ओर से प्रशस्ति पत्र भेंट कर सम्मानित किया गया।
इसके साथ ही समाज के नेत्रदान के प्रति सतत जनजागरुकता मुहिम चलाने वाले सामाजिक कार्यकर्ताओं में गोपाल नारंग, अनिल अरोड़ा, अनिल कक्कड़, नूतन अग्रवाल, नेहा मालिक, सीमा जैन वह संगीता आनंद को भी एम्स संस्थान की ओर से सम्मान से नवाजा गया।
साथ ही उनसे आमजन के मध्य इस पुनीत अभियान को आगे बढ़ाने का आह्वान किया गया।
आयोजित समारोह में बतौर मुख्य अतिथि एम्स की कार्यकारी निदेशक प्रोफेसर डॉ. मीनू सिंह ने कहा कि नेत्रदान से बढ़कर कोई दूसरा दान नहीं है। उन्होंने नेत्रदाता परिवारों का अपने दिवंगत परिजनों के नेत्रदान कराने के संकल्प को पूरा करने के लिए आभार जताया।
उन्होने कहा कि इस कार्य से नेत्र ज्योति विहीन लोग भी ईश्वर की बनाई हुई दुनिया को साक्षात देख सकेंगे।
इस अवसर पर चिकित्सा अधीक्षक एवं नेत्ररोग विभागाध्यक्ष प्रो. डॉ. संजीव कुमार मित्तल ने लोगों को नेत्रदान महादान के लिए प्रेरित किया और इस पुनीत कार्य के लिए समाज के अन्य लोगों को भी जागरुक करने का आह्वान किया।
वहीँ उन्होंने उपस्थित जनसमुदाय के मध्य नेत्रदान को लेकर उत्पन्न भ्रांतियां भी दूर की और कहा कि सभी के सामुहिक संकल्प से ही हम अंधता पर विजयश्री प्राप्त कर सकते हैं और प्रत्येक अंधता ग्रसित व्यक्ति के जीवन में उजियारा ला सकते हैं।
एम्स के नेत्र बैंक प्रबंधक ने आई बैंक की स्थापना से अब तक की सम्पूर्ण रिपोर्ट प्रस्तुत की। उन्होंने बताया कि वर्ष 2019 में स्थापित एम्स के नेत्र कोष में अब तक 920 लोगों का नेत्रदान हुआ है जबकि, 540 लोगों को अब तक एम्स द्वारा कॉर्निया प्रत्यारोपण किया जा चुका है। इसके अलावा 172 कॉर्निया उत्तराखंड के विभिन्न क्षेत्रों में कार्यरत नेत्र सर्जन को वितरित किए गए हैं।
आई बैंक के मेडिकल डायरेक्टर डॉ. नीति गुप्ता के अनुसार एम्स के ऋषिकेश आई बैंक में अब तक हुए नेत्रदान कराने में ऋषिकेश नगर अव्वल रहा है। उन्होंने इसके लिए सभी नेत्रदाता परिवारों का एम्स संस्थान की ओर से धन्यवाद ज्ञापित किया। बताया कि पखवाड़े में 310लोगों ने नेत्रदान महादान का संकल्प लिया है।
डॉक्टर श्रेया वर्मा व डॉ. शाश्वत के संचालन में आयोजित समारोह में प्रो. अरूप कुमार मंडल, डॉ. अजय अग्रवाल, डॉ. अनुपम सिंह, डॉ. रामानुज, डॉक्टर विकास पंवार, डॉक्टर दिलीप कुमार मीणा, नेत्ररोग विभाग के रेजिडेंट्स, आई बैंक काउंसलर बिंदिया भाटिया, संदीप गुसाईं, आलोक सिंह, पवन सिंह आदि ने सहयोग प्रदान किया।