उच्च शिक्षण संस्थानों को आधार नंबर के उपयोग को लेकर सख्त चेतावनी जारी।
कोई भी विश्वविद्यालय पूर्णता के अंतिम प्रमाण पत्र और पूर्णता प्रमाण पत्र में छात्र का आधार नंबर शामिल नहीं करेगा।
बाकायदा यूजीसी ने इस संबंध में सभी विश्वविद्यालयों और कॉलेजों को सर्कुलर जारी किया है।
विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने सभी विश्वविद्यालयों से डिग्री प्रमाणपत्रों और अन्य प्रमाणपत्रों पर आधार संख्या प्रदर्शित करने को लेकर सख्त मनाही के निर्देश दिए है।
यूजीसी के प्रबंध निदेशक मनीष जोशी ने इस संबंध में सभी विश्वविद्यालयों को पत्र लिखकर कहा है कि नियमों के अनुसार, कोई भी संस्थान आधार से संबंधित किसी भी डेटाबेस या संबंधित रिकॉर्ड प्रकाशित नहीं करेगा।
उच्च शिक्षा संस्थानों के लिए अपने दिशानिर्देशों के हिस्से के रूप में यूजीसी द्वारा जारी पत्र में यह भी कहा गया है कि सभी उच्च शिक्षा संस्थानों को भारतीय विशिष्ट प्रत्यायन प्राधिकरण द्वारा जारी नियमों का सख्ती से पालन करना होगा।
यूजीसी ने इस संबंध में अपनी आधिकारिक वेबसाइट पर एक नोटिस प्रकाशित किया है।
उच्च शिक्षा नियामक प्राधिकरण की यह नीति उन राज्य सरकारों को लिए एक जरूरी दिशा निर्देश है जिन विश्वविद्यालयों द्वारा जारी डिग्री प्रमाण पत्र (अनंतिम प्रमाण पत्र) पर छात्रों के आधार नम्बर प्रकाशित करने का विचार प्रगति पर था।
बताया जा रहा है कि यह सब कुछ यह किसी भी नियुक्ति या प्रवेश के समय पहचान जांच के दौरान उपर्युक्त दस्तावेजों की जालसाजी को रोकने के लिए करने की योजना थी।
हालाँकि, यूजीसी दिशानिर्देशों के कारण, कोई भी विश्वविद्यालय छात्र दस्तावेजों पर आधार नंबर नहीं डाल सकता है।
आधार नम्बर के प्रयोग को लेकर कुछ सख्त नियमावली केंद्र सरकार द्वारा जारी किए गए है जिसका पालन करना अति आवश्यक है।