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हरिद्वार में चंडी घाट पर स्थित नमामि गंगे घाट पर मनाया गया आठवां गंगा उत्सव, केंद्रीय मंत्री ने देवप्रयाग से गंगासागर तक निकली बीएसएफ की महिलाओं के गंगा यात्रा अभियान को हरी झंडी दिखाकर किया रवाना।

हरिद्वार में चंडी घाट पर स्थित नमामि गंगे घाट पर आठवां गंगा उत्सव मनाया गया।
कार्यक्रम के दौरान केंद्रीय मंत्री श्री सीआर पाटिल ने देवप्रयाग से गंगासागर तक निकली बीएसएफ की महिलाओं के गंगा यात्रा अभियान को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया।
वहीं उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में गंगा को स्वच्छ व निर्मल रखने का अभियान चलाया जा रहा है। गंगा केवल नदी नहीं है, बल्कि करोड़ों लोगों की आस्था का केंद्र है। यह हमारी संस्कृति है, हमारी धरोहर है।
अतः इसका संरक्षण और संवर्धन करना हर नागरिक का कर्तव्य है।
श्री पाटिल ने कहा कि यदि हम नदी को प्रदूषित होने से बचाएंगे तो प्रदूषण भी कम होगा और नदी के जलीय जीवों की रक्षा भी होगी।
इसके साथ ही पर्यावरण को होने वाले नुकसान से भी बचा जा सकेगा। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी द्वारा शुरू की गई नमामि गंगे योजना करोड़ों लोगों की अपेक्षाओं पर खरा उतर रही है और गंगा को प्रदूषण मुक्त करने के लिए सतत प्रयास जारी हैं।

इस अवसर पर श्री सीआर पाटिल ने गंगा में महाशीर मछलियों को भी प्रवाहित किया और कई लाख मत्स्य बीज भी गंगा में छोड़े गए। ताकि गंगा में जलीय जीव का संतुलन बना रहे।

इस अवसर पर घाट पर हाट के अंतर्गत कई गंगा तट के गांव की समितियों द्वारा स्टाल भी लगाए गए। जिसमें स्थानीय हर्बल उत्पादों का प्रदर्शन और बिक्री की गई।
केंद्रीय जल शक्ति मंत्री श्री सीआर पाटिल ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के स्वच्छ गंगा के सपने को पूरा करने के लिए हम सब प्रयासरत हैं और गंगा के साथ-साथ अन्य नदियों को भी साफ रखना जल शक्ति मंत्रालय की प्राथमिकता है।
श्री पाटिल ने कहा कि माननीय श्री नरेंद्र मोदी जब पहली बार प्रधानमंत्री बने थे, तभी उन्होंने कहा था कि मां गंगा ने मुझे बुलाया है। नदी को मां मानना हमारी संस्कृति है।
इस अवसर पर श्री राजीव मित्तल, महानिदेशक नमामि गंगे ने कहा कि आज का उत्सव मां गंगा के संरक्षण को लेकर है। हमारे साथ पांच अन्य राज्यों में भी ये उत्सव मनाया जा रहा है।
श्रीमती रेखा आर्या, महिला एवं बाल विकास मंत्री, उत्तराखण्ड ने कहा कि आज ही का दिन वो ऐतिहासिक दिन है, जब मां गंगा को राष्ट्रीय नदी के रूप में पहचाना गया।
गौरतलब है कि गंगा किनारे पहली बार गंगा महोत्सव का आयोजन किया गया है।
इससे पहले यह आयोजन दिल्ली में आयोजित किया जाता था। इसका मकसद गंगा का संरक्षण, संवर्धन करना तथा लोगों में जन जागरूकता पैदा करना है, ताकि लोग गंगा में गंदगी न फैलाएं।

आज ही के दिन 4 नवंबर को गंगा को राष्ट्रीय नदी घोषित किया गया था। अतः इस दिन को उत्सव के रूप में मनाने की परंपरा की कड़ी में गंगा उत्सव मनाया जा रहा है।
इस अवसर पर केंद्रीय जल शक्ति मंत्री श्री सीआर पाटिल, पूर्व मुख्यमंत्री उत्तराखण्ड श्री त्रिवेंद्र सिंह रावत तथा प्रदेश की कैबिनेट मंत्री श्रीमती रेखा आर्या सहित नमामि गंगे से जुड़े विभिन्न अधिकारियों ने प्रतिभाग किया।

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