एम्स ऋषिकेश में वर्ल्ड टीबी दिवस के उपलक्ष्य में आयोजित कार्यक्रम में मरीजों व उनके तीमारदारों को टीबी की बीमारी के प्रति जागरुक किया गया।
इस दौरान विशेषज्ञ चिकित्सकों ने उन्हें टीबी की बीमारी के प्रकार, कारण, बचाव एवं उपचार संबंधी जानकारियां दी। आयोजित कार्यक्रम में बताया गया कि भारत सरकार द्वारा वर्ष 2025 तक टीबी मुक्त भारत का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।
सामुदायिक एवं पारिवारिक चिकित्सा विभाग, एम्स ऋषिकेश की ओर से विश्व क्षय रोग दिवस( वर्ल्ड टीबी डे)- 2022 के अंतर्गत विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए गए।
जिसके तहत संस्थान के हेल्थ सेंटर्स प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र, रायवाला एवं थानो में पीजी चिकित्सकों एवं इंटर्नस छात्रों ने प्रतिभाग कर विभिन्न जन जागरुकता कार्यक्रम किए।
पीजी, एमपीएच एवं इंटर्नस छात्र – छात्रों के लिए पोस्टर प्रतियोगिता का आयोजन किया गया।
बताया गया कि
इस वर्ष की थीम पर तैयार किए गए पोस्टरों में से प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय स्थान पर रहे पोस्टर्स को देहरादून में जिला स्तर के कार्यक्रम में प्रदर्शित किया गया।
इस दौरान पोस्टर प्रतियोगिता के विजेता प्रतिभागियों को प्रशस्ति पत्र प्रदान किए गए।
विभाग के चिकित्सकों ने टीबी पोषण के क्षेत्र में कार्यरत स्वयंसेवी संस्था आस के कार्यकर्ताओं से मुलाकात की व संस्था की कार्य प्रणाली की जानकारी हासिल की।
पीजी छात्र डा. तेजा ने सेमिनार के माध्यम से टीबी उन्मूलन की दिशा में अब तक किए गये प्रयासों तथा इस बीमारी को लेकर निकट भविष्य में आने वाली चुनौतियों के बारे में जानकारी दी ।
सीएफएम विभागाध्यक्ष प्रोफेसर वर्तिका सक्सेना के निर्देशन में सह-आचार्य डा. महेन्द्र सिंह के द्वारा सभी कार्यक्रम संपन्न कराए गए। आयोजन में डा. आशुतोष मिश्रा, डा. रोहित, डा. अभिषेक, डा. अनुभूति जोशी, अनुराधा राय, मनोज कुमार आदि ने सहयोग प्रदान किया।