मानकों से हुआ खिलवाड़, टूटेगा निर्माणाधीण मेडिकल कॉलेज के कई भवनों का ढांचा।
रुद्रपुर मेडिकल कॉलेज से जुड़ी एक बड़ी खबर मीडिया रिपोर्ट के अनुसार सामने आ रही है जिसमें बताया जा रहा है कि रुद्रपुर मेडिकल कॉलेज की उन सभी भवनों का ढांचा ध्वस्त किया जाएगा जिन पर खराब गुणवत्ता के चलते मानकों में फेल होने के आरोप हैं ।
बताया जा रहा है कि मेडिकल कॉलेज की 14 ऐसी भवन निर्माणधीन है जो जिनका ढांचा अब ध्वस्त किया जाएगा ।
मानकों से हुआ खिलवाड़, टूटेगा निर्माणाधीण मेडिकल कॉलेज के कई भवनों का ढांचा।
रुद्रपुर मेडिकल कॉलेज से जुड़ी एक बड़ी खबर मीडिया रिपोर्ट के अनुसार सामने आ रही है जिसमें बताया जा रहा है कि रुद्रपुर मेडिकल कॉलेज की उन भावनाओं का ढांचा ध्वस्त किया जाएगा।
जिन पर खराब गुणवत्ता के चलते मानकों में फेल होने के आरोप हैं वही बताया जा रहा है कि मेडिकल कॉलेज की 14 ऐसी भवन है जो निर्माण अधीन है और जिनका ढांचा ध्वस्त किया जाएगा।
इस मामले में सचिव स्वास्थ्य ने निर्माण करने वाली इपिल कंपनी को कहा है कि वहां 31.78 करोड रुपए ब्याज और जो रकम 50 करोड रुपए में से खर्च हुए हैं उसे ब्याज सहित लौट आएगी यह आदेश स्वास्थ्य सचिव ने दिया है।
कंपनी को कहा है कि वहां 31.78 करोड रुपए ब्याज और जो रकम 50 करोड रुपए में से खर्च हुए हैं उसे ब्याज सहित लौटाने की बात कही गयी है और बाकयदा इसका यह आदेश स्वास्थ्य सचिव ने दिया है।
आपको बताते चलें मीडिया रिपोर्ट के अनुसार यह पूरा मामला पंडित राम सुमेर शुक्ल राजकीय मेडिकल कॉलेज रुद्रपुर का बताया गया है, जहां पर 14 भवनो का निर्माण कार्य चल रहा था और यह निर्माण कार्य करने वाली कंपनी का नाम है ईपीआईएल कंपनी यानी इंजीनियरिंग प्रोजेक्ट इंडिया लिमिटेड।
वहीं इस कंपनी को बनाने के लिए इस भवन के लिए सरकार की ओर से 50 करोड रुपए की धनराशि जारी की गई थी जिसमें से लगभग 31.78 करोड रुपए खर्च हुए है ऐसा बताया जा रहा है वहीं अब ईपीआईएल कंपनी को यह रकम ब्याज सहित लौटाने के भी आदेश दिए गए हैं।
वहीं सरकार द्वारा ईपीआईएल कंपनी की जगह अब यह निर्माण कार्य पेयजल निर्माण निगम को सौंपा जाएगा यह भी जानकारी सामने निकालकर आयी है।
जिसमे यह भी जानकारी में बताया जा रहा है कि निर्माणाधीन भवनों की ढांचों की जांच बाकायदा आईआईटी रुड़की के सिविल इंजीनियरिंग विभाग से कराई गई थी ।
यही नही इसके अलावा चिकित्सा शिक्षा निदेशालय ने अपने ओर से नामित एक एजेंसी से भी इसकी जांच कराई थी और जांच किए गए कार्यों में यहां पाया गया कि सभी निर्माण जो किये गए हैं, वह मानकों में फेल हैं यहां अब यह तय किया गया है कि सभी 14 निर्माणधीन कार्यों का ढांचा अब तोड़ा जाएगा।
वही इस पूरे मामले में इस मामले में स्वास्थ्य सचिव ने मंगलवार को मीडिया को बताते हुए कहा कि ईपीआईएल कंपनी के महाप्रबंधक को खर्च की गई रकम के पैसे ब्याज सहित लौटाने के निर्देश दिए गए हैं ।
वहीं यह भी बताया जा रहा है कि अगर ईपीआईएल कंपनी द्वारा पैसे नहीं लौटाए जाएंगे तो उन पर कानूनी कार्रवाई अमल में लाई जाएगी ।
फिलहाल यह बात सामने निकलकर आयी है कि मेडिकल कॉलेज की निर्माण अधीन 14 भवनों के इन ढांचों को ध्वस्त किया जाएगा और नया निर्माण कार्य पेयजल निगम द्वारा कराया जाएगा ।
वहीं इस कार्य में बरती गई अनियमितता और मानकों के साथ खिलवाड़ के चलते ईपीआईएल कंपनी को स्वास्थ्य विभाग द्वारा काली सूची में डाला जाएगा यह बात भी कही जा रही है।