बिग ब्रेकिंग:- दून में पैथोलॉजी लैब को लेकर आई सनसनी फैला देनी वाली खबर, बड़े नाम शामिल, इन सभी को नोटिस जारी किये गए है। पढ़े पूरी खबर।
देहरादून में कुछ ऐसा घटित हो गया जिसपर शायद लोग आसानी से भरोसा ना कर पाए।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार बताया जा रहा है कि यहां के 4 बड़े पैथोलॉजी लैबो के रिपोर्ट में प्लेटलेट्स की गिनती में भारी अनियमितता पाई गई है।
वही ऐसे घटनाचक्र के उजागर होने पर अब इन सभी को नोटिस जारी किया गया है।
मीडिया रिपोर्ट बताती है कि जिलाधिकारी द्वारा इस हेतु एक जिला स्तरीय समिति बनाई गई है गयी है जो जनपद में फैले पैथोलॉजी लैब्स और अस्पतालों का बराबर जांच करेगी।
वही आपको बता देते हो नाम जिनके बारे में मीडिया रिपोर्ट में बताया जा रहा है।
सविता गोयल पैथोलॉजी, पेनेसिया अस्पताल, सिनर्जी और कैलास चिकित्सा अस्पताल।
यह वह चार नाम है जिनकी रिपोर्ट में अनियमितता पाए जाने की बात कही जा रही है।
वही घटना के उजगार होने के बाद इस सभी के प्रबंधको और सीएमएस को कारण बताओ नोटिस भी दिए गए है।
यह मामला जिला स्तरीय टीम की पकड़ में एक डेंगू मरीज की रिपोर्ट में पकड़ में आया ।
जहाँ बताया गया कि इस मरीज की रिपोर्ट सविता गोयल पैथोलॉजी लैब से जहाँ 51000 प्लेटलेट्स गिनती दी गयी थी वहीं जब इसको एन ए बी एल द्वारा दुबारा चेक करने पर यह 2.73 लाख पाया होना बताया जा रहा है।
वहीँ अगर बात करे पैनिशिया अस्पताल एवं पैथोलॉजी लैब की तो यहां पर भी प्लेटलेट्स काउंट का दुबारा चैक करने पर, जहाँ इस अस्पताल की लैब द्वारा डेंगू के एक भर्ती मरीज की प्लेटलेट्स गिनती रिपोर्ट 10,000 दी गई थी वही सरकारी पैथलब्स से चेक करने पर यह 32,000 निकल कर सामने आई।
वही अन्य अस्पताल सिनर्जी में पैथोलॉजी लैब से डेंगू के एक भर्ती पेशेंट की पल्टलेट्स रिपोर्ट 19,000 की दी गई थी परन्तु वही रिपोर्ट सरकारी लैब से 30,000 पाए जाने की बात कही जा रही है।
एक अन्य नामी गिरामी अस्पताल कैलाश अस्पताल, एवं पैथोलॉजी लैब से भी प्लेटलेट्स काउंट का दुबारा जांच करने पर जहां एक मरीज की रिपोर्ट 14,000 दी गई थी ।
वह भी सरकारी लैब से दुबारा जांच करने पर 80,000 पाये जाने की बात कही गयी है।
वही जिला स्तरीय टीम किये गए जांच निरीक्षण में इन पैथोलॉजी की रिपोर्ट में गड़बड़ी पाई गई।
जिससे बताया जा रहा है कि इन रिपोर्ट से पेसेंटो के घरवालों में घबराहट जैसी स्थिति उत्पन्न होने की बात कही जा रही है।
जिससे यह मालूम पड़ता है कि जिला प्रसाशन द्वारा जारी दिशा निर्देशों एवं मानकों का सही प्रकार से तामील में नही लाया गया और डेंगू जैसे संवेदनशील हो रहे बीमारी वाले प्रकरण को गंम्भीरता से नही लेना कि बात कही गयी है।
यह एक बड़ी घटना देहरादून से निकल कर सामने आई है।
वही जानकरी के लिए बताते चले कि पहाड़ी जिलों से अधिकतर मरीज देहरादून में ही रेफेर होकर इलाज के लिए आते है।
लेकिन इस बड़े घटनाचक्र के बाद कई सवालों से बाजार गर्म है।
जब ऐसी घटनाएं सामने आने की बात आ जाती है।