Silkyara टनल हादसे के साथ ही, Uttarkashi जिले के एक अन्य टनल में पानी की लीकेज गाँववालों के लिए कठिनाई का कारण बन गई है। इस टनल से इतना पानी बह रहा था कि खेतों और सिंचाई नहरों में क्षति हो गई थी।
गाँववाले भय की छाया में जी रहे हैं। वहीं, Uttarakhand Jal Vidyut Nigam Limited (UGVNL) कहता है कि टनल की सुधार कार्य लगातार जारी है। वास्तव में, Maneri Bhali-2 परियोजना में 16 किलोमीटर लंबा टनल है। इस टनल से पानी बहता है, जिसके बाद Dharasu में बिजली उत्पन्न होती है। Dharasu के पास स्थित Mahargaon के इस टनल से पानी की लीकेज दो साल पहले शुरू हुई थी और धीरे-धीरे बढ़ रही है।
पहले ही करोड़ों रुपए खर्च हो चुके हैं
इसके उपचार में UGVNL ने पहले ही करोड़ों रुपए खर्च किए हैं, लेकिन लीकेज नियंत्रण में नहीं आ रही है। Mahargaon के हेड सुरेंद्रपाल कहते हैं कि यहां पानी की लीकेज पिछले दो वर्षों से तेजी से बढ़ रही है। गाँववालों के लगभग 10 ड्रेन लैंड्स और सिंचाई नहर क्षतिग्रस्त हो गए हैं। कई स्थानों पर भूमि की धराई हो रही है। टनल के इस परियोजना के भविष्य के हानि से गाँववाले और भी अधितर्क हो रहे हैं।
बताया जा रहा है कि इस लीकेज का कारण टनल के ऊपरी हिस्से से हो रहा है, Mahargaon से एक-दो किलोमीटर दूर। गाँववाले इस परियोजना के इस टनल से आने वाले भविष्य के हानियों से और भी अधितर्क हो रहे हैं और उन्होंने इस टनल को तत्काल इलाज करने की मांग की है, ताकि उन्हें नुकसान से मुक्ति मिल सके।
कभी-कभी टनल से लीकेज हो सकती है। Maneri Bhali टनल से हो रही लीकेज का नियमित इलाज किया जा रहा है। जिन गाँववालों को नुकसान हुआ है, उन्हें मुआवजा भी दिया गया है। हमारे विशेषज्ञ इसके इलाज में लगे हैं। जल्दी ही कुछ परिणाम होंगे।