Delhi High Court ने राजधानी में चिकित्सा के बुनियादी ढांचे की कमी पर चिंता व्यक्त करते हुए Delhi सरकार से पूछा है कि बुनियादी ढांचा मांग के अनुरूप क्यों नहीं है।
High Court ने गंभीर रोगियों के इलाज के लिए चिकित्सा के बुनियादी ढांचे की कमी पर चिंता जताई है। अदालत ने Delhi सरकार से पूछा है कि बुनियादी ढांचा मांग के अनुरूप क्यों नहीं है। कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश मनमोहन एवं न्यायमूर्ति मनमीत प्रीतम सिंह अरोड़ा की पीठ ने सरकार को यह बताने को कहा है कि पिछले पांच वर्ष में स्वास्थ्य क्षेत्र को बढ़ाने पर कितनी राशि खर्च की गई।
सरकार से शहर के सभी अस्पतालों के लिए ऐसा केंद्रीय पार्टल बनाने पर विचार करने को कहा है जिसमें उपलब्ध बिस्तरों की संख्या और उसके प्रकृति के बारे में जरूरत पड़ने पर पता चल सके। पीठ ने यह निर्देश सरकारी अस्पतालों में ICU बेड और वेंटिलेटर सुविधा की कमी के मुद्दे पर वर्ष 2017 में शुरू की गई एक स्वत: संज्ञान जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए दिया।
अदालत की सहायता के लिए नियुक्त वकील अशोक अग्रवाल ने एक आवेदन दाखिल कर हाल के घटना पर प्रकाश डाला जिसमें एक व्यक्ति के चलती PCR वैन से कूदने पर वह गंभीर रूप से घायल हो गया था। लेकिन चार सरकारी अस्पतालों ने उसे भर्ती करने से इन्कार कर दिया था।