khabaruttrakhand
उत्तराखंड

Gyanvapi: ‘Ram Mandir के बाद अब Kashi Vishwanath के निर्माण की बारी’, ज्ञानवापी में पूजा का अधिकार मिलने से संतों में खुशी

Gyanvapi: 'Ram Mandir के बाद अब Kashi Vishwanath के निर्माण की बारी', ज्ञानवापी में पूजा का अधिकार मिलने से संतों में खुशी

Haridwar: Gyanvapi केस में कोर्ट की तरफ से हिंदू पक्ष को पूजा का अधिकार मिलने पर अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद व श्री मनसा देवी मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष श्रीमहंत रविंद्र पुरी ने खुशी जताते हुए सच्चाई की जीत बताया है। बुधवार को मीडिया को जारी बयान में श्रीमहंत रविंद्र पुरी ने कोर्ट के फैसले का स्वागत किया।

श्रीमहंत रविंद्र पुरी ने कहा कि कोर्ट का फैसला हिंदुओं के पक्ष में आने पर जिला कोर्ट को साधुवाद देना चाहते हैं। श्रीमहंत रविंद्र पुरी ने कहा कि तहखाने में हिंदू धर्म की पूजा सामग्री व कई प्राचीन मूर्तियां मौजूद हैं और वर्ष 1993 में तहखाने में मूर्ति की पूजा होती थी। उसके बाद पुजारियों के प्रवेश पर रोक लगा दी गई थी। पूजा-अर्चना में होने वाले भोग संस्कार भी रुक गए। तहखाने में पूजा-पाठ करने के कोर्ट के फैसले से पूरे देश में खुशी का माहौल है।

Advertisement

Kashi Vishwanath मंदिर में पूजा का अधिकार मिलना बड़ी जीत

निरंजनी अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी कैलाशानंद गिरि ने कहा कि कई पीढ़ियों के बाद Kashi Vishwanath मंदिर में कोर्ट द्वारा पूजा-अर्चना का अधिकार मिलना सनातनियों के लिए हर्ष और सौभाग्य का दिन है। इसके लिए वाराणसी कोर्ट बधाई की पात्र है।

Ram Mandir के बाद विश्वनाथ मंदिर की बारी

स्वामी कैलाशानंद गिरी ने कहा कि अयोध्या में Ram Mandir की तर्ज पर काशी विश्वनाथ मंदिर के निर्माण का समय आ गया है। अब Kashi Vishwanath मंदिर के निर्माण में अधिक विलंब नहीं रह गया है। जल्द ही Kashi Vishwanath मंदिर का भव्य निर्माण होगा। स्वामी कैलाशानंद गिरी ने कहा कि अयोध्या, Kashi Vishwanath के बाद मथुरा की बारी है। मथुरा में कृष्ण जन्मभूमि निर्माण के लिए चल रहे अभियान को गति मिलेगी। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री Narendra Modi के नेतृत्व में सनातन धर्म लगातार मजबूत हो रहा है।

Advertisement

ब्रिटिश काल से Gyanvapi के तहखाने में होती थी पूजा

मां गौ गंगा सेवा धाम ट्रस्ट के अध्यक्ष महंत निर्मल दास महाराज ने Gyanvapi मामले में वाराणसी जिला कोर्ट के फैसले का स्वागत किया है। उन्होंने कहा कि ब्रिटिश काल से Gyanvapi के तहखाने में हिंदू समाज पूजा करता आया है। कोर्ट के निर्णय के बाद सच्चाई उजागर हुई है। संत समाज कोर्ट के निर्णय का स्वागत करता है। उन्होंने कहा कि Gyanvapi स्थल पर मंदिर था और हमेशा रहेगा।

अनादि काल से मंदिर रहा है Gyanvapi

Gyanvapi परिसर के अंदर और बाहर देवी देवताओं की मूर्तियों का मिलना, हिंदू अभिलेखों का अंकित होना, दीवारों पर त्रिशूलों के निशान और संस्कृत भाषा का लेखन दर्शाता है कि Gyanvapi स्थल पर अनादि काल से मंदिर रहा है।

Advertisement

हिंदू समाज की बड़ी जीत

युवा भारत साधु समाज के अध्यक्ष महंत शिवम् महाराज एवं महामंत्री स्वामी रविदेव शास्त्री महाराज ने कहा कि कोर्ट के आदेश के बाद हिंदू समाज की बड़ी जीत हुई है। स्वामी ऋषिश्वरानंद, बाबा हठयोगी, स्वामी हरिहरानंद, महंत सुतीक्ष्ण मुनि, महंत सूरज दास, महंत दिनेश दास, महंत गुरमीत सिंह, महंत अरुण दास, महंत अनंतानंद, महंत लोकेश दास, महामनीषी निरंजन स्वामी, स्वामी नित्यानंद, महंत श्रवण मुनि, महंत कृष्ण मुनी सहित अनेक संतों ने कोर्ट के निर्णय पर खुशी जाहिर करते हुए इसे ऐतिहासिक फैसला बताया है।

Advertisement

Related posts

Uttarakhand: सदन में UCC पर चर्चा, माहौल गर्म…संसदीय मंत्री ने विपक्ष को चिढ़ाते हुए दो पंक्तियों को पढ़ा

cradmin

ब्रेकिंग:-एक सप्ताह से चला नन्दा सुनन्दा देवी महोत्सव का भावभीनी विदाई के साथ समापन।

khabaruttrakhand

ब्रेकिंग्:-विद्यालय के नए भवन में आते छात्राएं करने लगी अजीब हरकतें।

khabaruttrakhand

Leave a Comment

Verified by MonsterInsights