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घनसाली ब्रेकिंग:-आंगनबाड़ी कर्मियों के कार्य बहिष्कार के आवाहन पर धड़ो में बंटे आंगनबाड़ी कर्मचारी, ये बतायी आंदोलन में शामिल ना होने की वजह।

घनसाली ब्रेकिंग:-आंगनबाड़ी कर्मियों के कार्य बहिष्कार के आवाहन पर धड़ो में बंटे आंगनबाड़ी कर्मचारी, ये बतायी आंदोलन में शामिल ना होने की वजह।

घनसाली विधानसभा से आंगनबाड़ी महिला कर्मियों को लेकर एक बड़ी बात सामने आयी है।

जहाँ बताया गया है कि कुछ आंगनबाड़ी कार्यकर्ती कार्य बहिष्कार कर आंदोलन की राह पर है वही कुछ अन्य ने इस कार्य बहिष्कार आंदोलन में शिरकत करने से साफ इंकार किया है।

इंकार करने वाली इन कर्मियों की और से एक पत्रावली के माध्यम से और बयान जारी कर यह बात साफ तौर पर कही है कि वह इस कार्य बहिष्कार के पक्ष में नही है तथा इस आंदोलन को अपना सहयोग नही देंगे।

इस पूरे मामले में विकाशखण्ड भिलंगना के लसियाल गाँव के आंगनबाड़ी केंद्र की कार्यकर्ती श्रीमती लक्ष्मी बिष्ट ने बताया कि आंगनबाड़ी प्रदेश संघटन ने गत 15 तारिख को एक रैली का आयोजन किया था।
जिसमे उनके द्वारा संगठन के पास यह बात रखी गयी थी कि आगे की रणनीति क्या होगी।
उन्होंने बताया कि उन्होंने वहां कहा थी कि केवल हड़ताल कर वापस आना है या हमारे द्वारा सरकार से कुछ मांग मनवा कर ही वापस आना है।
उन्होंने इस मामले में कहा कि संगठन के लोगों से उनकी वार्ता सही दिशा में नही बनी, क्योंकि उनके द्वारा सीधे ही हड़ताल के लिए समर्थन कर दिया जिसमें हम तैयार नही है।
उन्होंने बताया कि गत वर्ष 2021 में सरकार द्वारा आंगनबाड़ी कर्मियों की मानदेय बढ़ाया गया है।
और अब मिनी केंद्रों के लिए जो उन्होंने मांग सरकार के सामने रखी थी वह भी सरकार द्वारा पूरी कर दी गयी है।
उन्होंने आंदोलनरत कर्मियों को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि वह पहले यह बताए कि वह अपनी ये हड़ताल कबतक जारी रखेंगे?
उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा पहले उनकी मांग पूरी की जा चुकी है ,
वही उन्होंने यह भी कहा कि जहाँ इन्हें केंद्र पर लड़ना चाहिए वहां नही होकर मामला कही और ले जाया जा रहा है।
श्रीमती लक्ष्मी बिष्ट ने बताया कि वर्तमान में 12 संघटन प्रदेश में कार्य कर रहे है जिनमे से केवल 3 ही अभी हड़ताल करते नजर आ रहे हैं।
उन्होंने यह बात आंदोलनरत कर्मियों से साफ साफ शब्दों में जाननी चाही है कि क्या वह यह हड़ताल केवल मानदेय कटवाने के लिए कर रहे है, क्योंकि पूर्व में काटा गया 55 दिन का मानदेय आजतक उन्हें नही मिला है।
उन्होंने यह नही सवाल उठाया कि अगर सरकार इनको पद से हटाती है तब क्या ये लोग कोर्ट तक सरकार के खिलाफ अपने हक हकूम के लिए लड़ाई लड़ेंगे।
उन्होंने कहा कि वह भी समर्थन देंगे अगर आने वाले भविष्य को लेकर दिशा और कदम साफ इन लोगों द्वारा रखे जाएं।
उन्होंने साफ साफ शब्दों में कहा कि अगर सरकर द्वारा हड़ताल के चलते इनका मानदेय काटा गया और ये लोग बैरंग वापस आये और हमारा मानदेय कटवाया  तो इसी बात के मध्यनजर हम अपना मानदेय नही कटवाना चाहते हैं।

इसी वजह को ध्यान में रखते हुए हमने इस हड़ताल का समर्थन नही किया है।
उन्होंने बताया कि उनके यहां लगभग सम्पूर्ण 82 केंद्र संचालित हो रहे हैं।
जिसमे मिनी से लेकर पूर्ण तक शामिल है तथा हममें से कोई भी अभी तक एक दिन के भी कार्य बहिष्कार में नहीं गए है।

उन्होंने एक बड़ा आरोप लगाते हुए कहा कि उनके ब्लॉक में उनके ऊपर बहुत बड़ा दवाब बनाया जा रहा है जिसमें उन्होंने कहा कि उनके अधिकारी/सीनियर शामिल हैं।

यहां देखे वीडियो बयान:-

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