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नेशनल मेडिकोज ऑर्गेनाइजेशन का दो दिवसीय सम्मेलन रविवार को विधिवत हुआ संपन्न । इस अवसर पर वक्ताओं ने अपने व्याख्यान में चिकित्सकीय पेशे में इन बातों को मुख्य रूप से रखा।

नेशनल मेडिकोज ऑर्गेनाइजेशन का दो दिवसीय सम्मेलन रविवार को विधिवत संपन्न हो गया।

इस अवसर पर वक्ताओं ने अपने व्याख्यान में कहा कि चिकित्सकीय पेशे में करुणा और दया भाव का होना जरुरी है।

इस दौरान विभिन्न प्रतियोगिताओं में प्रतिभाग करने वाले विजेता चिकित्सकों एवं मेडिकल स्टूडेंट्स को सम्मानित किया गया।

एम्स,ऋषिकेश के मुख्य सभागार में आयोजित एनएमओ के सम्मेलन के दूसरे दिन समापन सत्र को संबोधित करते हुए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के वरिष्ठ प्रचारक व एनएमओ के मार्गदर्शक रमेश पप्पाजी ने कहा कि इस संगठन से जुड़े हुए चिकित्सकों को संघ समाजसेवा व राष्ट्रसेवा के लिए भी प्रेरित करता है।

वहीँ उन्होंने कहा कि चिकित्सक चूंकि समाज का ही अंग हैं, इसलिए उन्हें स्वास्थ्य सेवा के माध्यम से समाज व देश की सेवा के लिए हर समय तैयार रहना होगा।
दिव्य प्रेम मिशन हरिद्वार के अध्यक्ष डॉ. आशीष गौतम ने सेवाभाव के अनूठे प्रयासों पर विस्तृत प्रकाश डाला और कहा कि चिकित्सक को लोग भगवान के रूप में देखते हैं, इसलिए स्वास्थ्य सेवा के क्षेत्र को अपनाते समय हमें प्रत्येक रोगी से प्रेम की भावना रखनी चाहिए।

डॉ. मार्कडेंय आहुजा ने चिकित्सकीय पेशे में दया, सेवा और करुणा भाव को सर्वोपरि बताया, कहा कि एनएमओ संगठन इन्हीं भावनाओं के साथ सभी लोगों को समभाव की दृष्टि से देखता है।

डॉ. चिंतामणि ने मेडिकल क्षेत्र में गुरु- शिष्य परंपरा विषय पर विभिन्न उदाहरण प्रस्तुत करते हुए विद्या और अविद्या के मायने बताए।

इस अवसर पर उन्होंने बताया कि हम प्रत्येक गलती से कुछ न कुछ सीखते हैं और इससे हमें अपने में सुधार का अवसर प्राप्त होता है।

एम्स ऋषिकेश की कार्यकारी निदेशक प्रोफेसर डॉ. मीनू सिंह ने इस दो दिवसीय राष्ट्रीय अधिवेशन को सफल व सार्थक बताया और इस आयोजन के लिए एनएमओ को बधाई दी।

वहीं उन्होंने उम्मीद जताई कि अधिवेशन से ऊर्जा प्राप्त कर प्रतिभागी विद्यार्थी अपने अपने क्षेत्रों में संकल्प के साथ जन स्वास्थ्य सेवा से जुड़ेंगे।

समापन सत्र को एनएमओ के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. सीबी त्रिपाठी, अधिवेशन के आर्गेनाइजिंग चेयरपर्सन डॉ. हिमांशु ऐरन, आयोजन सचिव डॉ. विनोद कुमार सिंह ने भी संबोधित किया।

इस अवसर पर दिल्ली एम्स के निदेशक डॉ. एम. श्रीनिवास, डॉ. अश्विनी टंडन, डॉ. ओपी महाजन, डॉ.अक्षत धारीवाल, डॉ. पुनीत अग्रवाल, डॉ. धनाकर, डॉ. रविकांत, डॉ. मनोज गुप्ता, आयोजन समिति अध्यक्ष डॉ. पंकज शर्मा, डॉ. अनुपमा बहादुर, डॉ. भरत भाई अमीन, डॉ. सुशील शर्मा, डॉ. अनुज सिंघल, डॉ. अमित त्यागी, डॉ. अमन भारद्वाज सहित विभिन्न मेडिकल कॉलेजों से आए चिकित्सा विज्ञानी व छात्र छात्राएं मौजूद थे।

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एनएमओ के राष्ट्रीय अधिवेशन के दूसरे दिन ओर्गेनाइजेशन की आम सभा का आयोजित की गई।

जिसमें मुख्यरूप से चार प्रस्ताव पारित किए गए। संगठन के सचिव डॉ. अश्विनी टंडन ने बताया कि सभा में भारत सरकार द्वारा सर्वाइल कैंसर के इलाज में किशोरियों को लगाई जाने वाली एचपीपी वैक्सीन निशुल्क लगाने के प्रस्ताव पर सहमति जताई और पूर्ण समर्थन का निर्णय लिया।

दूसरे प्रस्ताव में चिकित्सकों को सेवाकाल के दौरान कार्यस्थल पर सुरक्षा प्रदान करने संबंधी लोकसभा में लाए गए बिल को सराहा गया।

तीसरे प्रस्ताव में देश में नशामुक्ति अभियान को आगे बढ़ाने व नशामुक्त भारत के लिए इसे मजबूती से लागू करने का प्रस्ताव व चौथा प्रस्ताव चिकित्सकीय शिक्षा में डिजिटल हेल्थ एवं आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस तकनीक को संबद्ध करने आदि शामिल है, उन्होंने बताया कि एनएमओ का अगला अधिवेशन राजस्थान में होगा।

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दो दिवसीय एनएमओ अधिवेशन के दौरान विभिन्न प्रतियोगिताएं आयोजित की गई, जिनमें चिकित्सकों व मेडिकल छात्र-छात्राओं ने बढ़चढ़कर हिस्सा लिया।

समारोह के समापन अवसर पर अव्वल प्रतिभागियों को संगठन की ओर से पुरस्कृत किया गया।

जिनमें चिकित्सकों के साइंटिफिक पेपर प्रजेंटेशन में डॉ. प्रद्युमन सिंह, ई- पोस्टर प्रजेंटेशन में गुजरात की डॉ. दिया धनात्रा, रंगोली प्रतियोगिता में नैसर्गिक टीम अव्वल रही।

जबकि मेडिकल क्विज में कर्नाटक के डॉ. रमेश बसेड़ी ने प्रथम स्थान प्राप्त किया।

डेंटल क्विज में डॉ. आरुषि तथा सोनू सौरभ प्रथम विजेता रहे। सांस्कृतिक प्रतियोगिता में डा. महेश व स्टूडेंट्स के पेपर प्रजेंटेशन में रजनीश झिंझा ने बाजी मारी। कार्यक्रम का संचालन डॉ. अमन भारद्वाज ने किया।

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