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कैंसर पीड़ित बच्चों को सिखाया जा रहा योग – एम्स के मेडिकल ऑन्कोलाॅजी वार्ड में दी जा रही सुविधा – बीमार बच्चों के जीवन में मुस्कान लाना है उद्देश्य।

– कैंसर पीड़ित बच्चों को सिखाया जा रहा योग
– एम्स के मेडिकल ऑन्कोलाॅजी वार्ड में दी जा रही सुविधा
– बीमार बच्चों के जीवन में मुस्कान लाना है उद्देश्य

एम्स ऋषिकेश के मेडिकल ऑन्कोलाॅजी विभाग की आईपीडी में इन दिनों कैंसर पीड़ित बच्चों को योग सिखाया जा रहा है।

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इसका उद्देश्य है कि बीमारी की वजह से थकावट महससू कर रहे इन बच्चों को जल्दी बेहतर स्वास्थ्य लाभ मिल सके और तनाव मुक्त रहने से इनके चेहरे की मुस्कराहट बनी रहे।

ध्यान, श्वास और आसन का संयोजन योग, व्यक्ति के समग्र स्वास्थ्य में सुधार करता है।

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यह एक प्राचीन पद्धति है जो वैदिक स्तर पर पूर्व काल से ही भारतीय पंरपराओं में चली आ रही है।

लेकिन अब यह पद्धति कैंसर के इलाज में भी लाभकारी सिद्ध हो रही है।

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चिकित्सकों के अनुसार कैंसर पीड़ित व्यक्ति के मानसिक स्वास्थ्य को मजबूत करने में यह विशेष कारगर है।

इन्हीं बातों को ध्यान में रखकर एम्स का आयुष विभाग इन दिनों अस्पताल में भर्ती कैंसर पीड़ित बच्चों को योग सिखा रहा है।

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एलोपैथिक पद्धति के इलाज के साथ-साथ आयुष पद्धति का इस्तेमाल करने से कैंसर से ग्रसित बच्चों के जल्द ठीक होने की उम्मीद है।

इस बारे में आयुष विभाग के डाॅ. श्रीलोय मोहंती ने बताया कि स्वास्थ्य क्षेत्र में इलाज की होलेस्टिक पैकेज की यह सुविधा नियमित तौर पर उपलब्ध करवायी जा रही है।

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इसके तहत आयुष विभाग के योग चिकित्सक मेडिकल ऑन्कोलाॅजी वार्ड में जाकर कैंसर ग्रसित बच्चों को योग सिखाते हैं।

डाॅ. मोहन्ती ने बताया कि योगाभ्यास से कैंसर की बीमारी से जूझ रहे बच्चों के मानसिक स्वास्थ्य में सुधार होने लगता है।

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आयुष विभाग की डाॅ. श्वेता मिश्रा बताती हैं कि योग से बीमारी से लड़ने में मदद मिलती है और रोगी के मानसिक स्वास्थ्य में भी सुधार होता है।

वहीं उन्होंने बताया कि शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली मजबूत होने, थकावट कम होने तथा दिनचर्या बेहतर होने से कैंसर पीड़ित बच्चों के जीवन में उत्साह पैदा होने लगता है।

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मेडिकल ऑन्कोलाॅजी के विभागाध्यक्ष प्रो. उत्तम कुमार नाथ ने इस सुविधा को इंन्टिग्रेटेड मेडिसिन से जोड़ा और कहा कि यह कैंसर के उपचार का ही हिस्सा है।

उन्होंने बताया कि कीमोथेरेपी तथा रेडिएशन से कई बार कैंसर रोगी को साईड इफेक्ट हो जाते हैं।

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ऐसे में दवा के साथ-साथ योग पद्धति अपनाने से कैंसर रोगियों के जीवन में उत्साह पैदा हो सकेगा और वह जल्दी स्वस्थ हो सकेंगे।

’’ विभिन्न शोधों से पता चला है कि कैंसर ग्रस्त व्यक्ति के लिए योग से कई फायदे हैं।

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कैंसर का निदान और उपचार मनोवैज्ञानिक तनाव का कारण बनता है।

योग उन उपचारों में एक है जो कैंसर रोगियों के तनाव को कम कर उन्हें मानसिक तौर से स्वस्थ बनाता है।

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इन्हीं उद्देश्यों को लेकर संस्थान का आयुष विभाग कैंसर ग्रस्त बच्चों को नियमित तौर से योग सिखा रहा है। हमें उम्मीद है कि यह अभ्यास कैंसर के प्रभाव को कम करने में मददगार साबित होगा। ’’
प्रो. मीनू सिंह, कार्यकारी निदेशक एम्स ऋषिकेश।

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