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ऋषिकेश स्थित इस संस्थान के आई बैंक ने स्थापना के चार वर्ष आठ माह के समयांतराल में 500 नेत्र ज्योति विहींन लोगों को कॉर्निया प्रत्यारोपित कर उनके जीवन को किया रोशन।

अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान, एम्स की कार्यकारी निदेशक प्रोफेसर (डॉ.) मीनू सिंह के मार्गदर्शन में संस्थान के ऋषिकेश आई बैंक ने स्थापना के चार वर्ष आठ माह के समयांतराल में 500 नेत्र ज्योति विहींन लोगों को कॉर्निया प्रत्यारोपित कर उनके जीवन को रोशन किया है।

संस्थान का नेत्र रोग विभाग व आई बैंक देश से अंधता के अभिशाप को जड़मूल करने के लिए संकल्पबद्ध होकर जनजागरुकता मुहिम में जुटा हुआ है। गौरतलब है कि एम्स, ऋषिकेश में 26 अगस्त-2019 को ऋषिकेश आई बैंक की स्थापना की गई थी।

जो कि स्थापना से अब तक सततरूप से लोगों में नेत्रदान महादान की अलख जगा रहा है।

संस्थान की कार्यकारी निदेशक प्रोफेसर डॉ. मीनू सिंह ने नेत्रदान जैसे महादान के इस पुनीत कार्य में सहयोग व सहभागिता करने वाले लोगों व दिवंगतजनों के लिए परिजनों की सराहना की है।

उन्होंने बताया कि इससे अन्य लोगों को भी नेत्रदान के संकल्प की प्रेरणा लेनी चाहिए, जिससे देश से अंधता के अभिशाप को मिटाया जा सके। एम्स अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक व नेत्र रोग विभागाध्यक्ष प्रोफेसर संजीव कुमार मित्तल ने बताया कि ऋषिकेश आई बैंक में अपनी स्थापना के बाद से अब तक कुल 500 कॉर्निया ट्रांसप्लांट हो चुके हैं।

उनका कहना है कि 500 कॉर्निया प्रत्यारोपण की उपलब्धि हासिल करना अपने आप में चिकित्सा प्रौद्योगिकी की प्रगति और दान दाताओं की उदारता का प्रमाण है।

वहीं।उन्होंने बताया कि कॉर्नियल ब्लाइंडनेस से निपटने में यह उपलब्धिपूर्ण कार्य ऋषिकेश नेत्र कोष की मेडिकल निदेशक डॉ. नीति गुप्ता का समर्पण अमूल्य है।

इनके अलावा श्री हरिहरन, श्री जी. श्रीनिवासन और पूरी एलवीपीईआई टीम की उनके अथक व सतत प्रयासों के लिए सराहना की जानी चाहिए। उल्लेखनीय है कि अब तक ऋषिकेश आई बैंक (एम्स) को 838 कॉर्निया प्राप्त हुए हैं ।

नेत्र कोष की मेडिकल डायरेक्टर डॉक्टर नीति गुप्ता ने बताया कि अब तक कुल प्राप्त कॉर्निया में ऋषिकेश शहर से 61 फीसदी, हरिद्वार शहर से 22, देहरादून से 03, रुड़की से 01 प्रतिशत कॉर्निया प्राप्त हुए हैं।

इसी प्रकार भारत के अन्य शहरों से 5 फीसदी लोगों ने ऋषिकेश आई बैंक में नेत्रदान किए हैं ।
उन्होंने ऋषिकेश क्षेत्र के नागरिकों के नेत्रदान महादान के पुण्य कार्य के प्रति जागरुक रहने व आगे आकर बढ़चढ़कर भागीदारी करने की सराहना की व सभी का धन्यवाद ज्ञापित किया।

इसके अलावा उन्होंने इस तरह के उपलब्धिपूर्ण व अपने आप में उल्लेखनीय कार्य के लिए नेत्र बैंक प्रबंधक सह वरिष्ठ नर्सिंग अधिकारी महिपाल चौहान नेत्र बैंक परामर्शदाता टीम के सदस्य बिंदिया भाटिया, संदीप गुसाईं, आलोक राणा व पवन सिंह साथ ही के अलावा नेत्र विभाग के समस्त सीनियर और रेजिडेंट चिकित्सकों, पुलिस प्रशासन, ऋषिकेश, हरिद्वार व देहरादून के नेत्रदान सामाजिक कार्यकर्ताओं, फोरेंसिक मेडिसिन और विष विभाग, सुरक्षा अधिकारी टीम, हाउस कीपिंग स्टाफ मेंबर्स का भी आभार व्यक्त किया है।

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