सहायक विकास अधिकारी (पं.)/ग्राम पंचायत विकास अधिकारियों के क्षमता विकास को लेकर बुधवार को विकास भवन नई टिहरी के निकट सभागार कक्ष में एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्याशाला का आयोजन किया गया।
एडीओ पंचायत चम्बा द्वारा कचरा प्रबन्धन को लेकर स्पष्ट जानकारी न दिये जाने पर जिलाधिकारी द्वारा नाराजगी व्यक्त करते हुए सही जानकारी रखने के निर्देश दिये गये।
इस मौके पर पर जिलाधिकारी मयूर दीक्षित ने सभी उपस्थितों से कहा कि ग्राम पंचायत विकास अधिकारियों का कार्य सीधे जनता से जुड़ा होता है और अधिकारियों को कई बार अपने कार्यों से हटकर सामाजिक कार्य भी करने होते हैं।
अधिकारी रोस्टरवाइज प्रत्येक क्षेत्र में अपनी उपस्थिति दर्ज करें तथा सरकारी सम्पत्ति पर असंवैधानिक रूप से किसी अन्य द्वारा कब्जा न किया गया हो, यह चैक कर लें।
ग्राम पंचायतों में जो भी कार्य किये जायें वह आमजनता के लिए उपयोगी सिद्ध हो।
वहीं उन्होंने कहा कि ग्राम पंचायतों में पंचायत भवनों के साथ ही होमस्टे के निर्माण कार्य पहाड़ी शैली में हों, इस हेतु अन्य लोगों को भी प्रेरित करें।
होमस्टे पहाड़ी शैली में होंगे, पहाड़ी वेशभूषा में आवाभगत होगी और पहाड़ी खाना परोसा जायेगा तो पर्यटक आर्कषित होगा और पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा।
जिलाधिकारी ने ग्राम पंचायत विकास अधिकारियों को उनके द्वारा किये जाने वाले महत्वपूर्ण बिन्दुओं से अवगत कराते हुए उनके कार्य/दायित्वों, ग्राम पंचायत विकास योजना (जीपीडीपी), पंचायत भवन, मिनी सचिवालय, वेस्ट मैनेजमेंट, क्षेत्रों में किये जा रहे कार्यों को लेकर जानकारी ली।
कचरा प्रबन्धन को गंभीरता से लेते हुए वाट्स एप ग्रुप बनाकर पंचायत सेक्रेटरी एवं प्रधानों से सम्पर्क कर कूड़ा निस्तारण वाहन का रोस्टर साझा करने तथा गांवों को स्वच्छ रखने को कहा गया।
इस दौरान जिलाधिकारी ने उपस्थित अधिकारियों से उनके कार्यों को लेकर सवाल जवाब किया तथा उनकी समस्याओं को सुना।
कार्याशाला में मुख्य विकास अधिकारी डॉ. अभिषेक त्रिपाठी ने कहा कि जिलाधिकारी के मार्गदर्शन में जनपद के सर्वांगीण विकास हेतु अधिकारियों को गांवों में आमजन हित में कार्य कर अपनी एक छाप छोड़नी है।
इस मौके पर पीडी डीआरडीए पुष्पेन्द्र सिंह चौहान ने एनआरएलएम और पीएम आवास, जिला विकास अधिकारी मो. असलम ने ग्राम पंचायतों में मनरेगा कन्वर्जन में किये जाने वाले कार्याें, जिला पंचायत राज अधिकारी एम.एम.खान ने विभिन्न विभागीय ऑनलाइन पोर्टल, 15 वां वित्त, विश्वकर्मा आदि के बारे में तथा मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी आशुतोषी जोशी ने पशुपालन विभाग की योजनाओं एवं तकनीकी कार्यों की जानकारी दी।
जनगणना निदेशालय सीआरएस प्रभाग के अनुपम आर्य एवं पुष्पेन्द्र ने नागरिक पंजीकरण प्रणाली (सीआरएस) के अन्तर्गत जन्म-मृत्यु पंजीकरण एवं उत्तराखण्ड आदर्श नियमावली के बारे मंे विस्तार से बताया।
वहीं उन्होंने जन्म-मृत्यु पंजीकरण से संबंधित सभी 13 प्रारूपों, आवेदन प्रक्रिया एवं तकनीकी जानकारी पीपीटी के माध्यम से दी।
बैठक में सिविल जज(सी.डि.)/सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकारी आलोक राम त्रिपाठी, डीएसओ मनोज डोभाल, एपीडीआरओ राकेश सहित सभी सहायक विकास अधिकारी (पं.)/ग्राम पंचायत विकास अधिकारियों उपस्थित रहे।