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जनपद टिहरी में एनीमिया मुक्त हेतु अलग प्रयोग, 40,024 रक्त अल्पता से हुए निराग।

’जनपद टिहरी में एनीमिया मुक्त हेतु अलग प्रयोग, 40,024 रक्त अल्पता से हुए निराग।‘‘

जनपद टिहरी गढ़वाल को एनीमिया मुक्त किये जाने हेतु दृढसंकल्पित जिलाधिकारी मयूर दीक्षित के निर्देशन में स्वास्थ्य विभाग के द्वारा बीते माह मई से विशेष कार्ययोजना तैयार कर एनिमिया मुक्त टिहरी अभियान चलाकर एक नवाचार किया जा रहा है।

यह जनपद की विषम भौगोलिक परिस्थितियों, सीमित संसाधनो तथा दूरस्थ व असेवित क्षेत्रो में एक नवाचार कर सामाजिक लामबंदी व भ्रन्तियों को दूर करने हेतु उत्कृष्ठ अभिनव पहल है।

गांव व दूरस्थ क्षेत्रों में एनीमिया मुक्त की अलख जगाने वाले इस प्रयोग के अच्छे परिणाम मिल रहे है।

जिलाधिकारी मयूर दीक्षित ने बताया कि अभियान के तहत वर्तमान तक सभी लक्षित लाभार्थियों की हीमोग्लोबिन जांच पूर्ण कर ली गयी है, जिसमें 22248 अलग-अलग आयुवर्ग समूह को माईल्ड से एनीमिया मुक्त, 17492 लोगो को माडरेट एनीमिया से माईल्ड एनिमिया तथा 384 गर्भवती महिलाओं को सीवियर एनीमिया से एनीमिया मुक्त किया जा चुका है।

मुख्य चिकित्सधिकारी डॉ. श्याम विजय ने बताया कि प्रथम चरण में अलग अगल आयुवर्ग के 134394 लाभार्थियों के लक्ष्य के सापेक्ष 144167 लोगो में हीमोग्लोबिन की जॉच की गयी।

जनपद में एनिमिया उपचार हेतु इस प्रकार के प्रयासो को सतत एवं और अधिक प्रभावी कर जनपद को एनिमिया मुक्त करने के प्रयास सतत रहेगे।

बताते चले कि वर्ष 2020-21 में हुये राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वे के मुताविक उत्तराखण्ड राज्य के 6 से 59 माह के आयुवर्ग के बच्चे, 15 से 49 वर्ष की महिलाये, 15 से 19 वर्ष की किशोरियां, 15 से 49 वर्ष की गैर गर्भवती महिलायें तथा 15 से 49 वर्ष की गर्भवती महिलाओं में क्रमशः 58 प्रतिशत, 42 प्रतिशत, 40 प्रतिशत, 42 प्रतिशत तथा 46 प्रतिशत हीमोग्लोबिन की कमी पायी गयी। यह आंकड़े चौकाने वाले थे।
इस रिर्पोट को आधार मानते हुये जिलाधिकारी के द्वारा स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के साथ चरणबद्ध कार्यक्रम की रूपरेखा तैयार की गयी, जिसके प्रथम चरण में प्रत्येक आयुवर्ग के लाभार्थियों की सूची तैयार कर पर्याप्त हीमोग्लोबिन की जांच हेतु आवश्यक सामग्री की व्यवस्था कर स्वास्थ्य कर्मियों को गांव-गांव भेजा गया।

इस अभियान को जनपद में सफल बनाने हेतु 13 आर.बी.एस.के. टीम, 152 ए.एन.एम., 177 सी.एच.ओ., 1081 आशायें, 80 नर्सिग ऑफिसर तथा 140 चिकित्सको की ड्यूटी लगायी गयी। इसके परिणाम स्वरूप जनपद में 01 लाख 44 हजार 167 लाभार्थियों की जांच की गयी, जिसमें 60 हजार 112 लोग एनीमिया के विभिन्न प्रकारों (माईल्ड, माडरेट तथा सीवियर) से ग्रस्त पाये गये।

इनमें से अभी तक 40024 लोगो को एनीमिया से मुक्त अथवा उनका ग्रेड परिवर्तन किया गया है।

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