khabaruttrakhand
BLOGGERDelhi NCRआकस्मिक समाचारउत्तराखंडटिहरी गढ़वालदिन की कहानीप्रभावशाली व्यतिराजनीतिकविशेष कवरस्टोरी

घनसाली ब्रेकिंग:- उत्तराखण्ड टिहरी गढ़वाल के एडवोकेट ध्रुव जोशी बने AOR (एडवोकेट ऑन रिकॉर्ड ), सुप्रीम कोर्ट।

उत्तराखण्ड टिहरी गढ़वाल के एडवोकेट ध्रुव जोशी बने AOR (एडवोकेट ऑन रिकॉर्ड ), सुप्रीम कोर्ट––
ग्राम पंचायत चानी, पट्टी–बासर, तहसील–बालगंगा, जनपद–टिहरी गढ़वाल, उत्तराखण्ड के मूल निवासी ध्रुव जोशी ने भारत के सुप्रीम कोर्ट ऑफ इंडिया द्वारा आयोजित की जाने वाली 2024 की AoR (एडवोकेट ऑन रिकॉर्ड) परीक्षा पास कर नया कीर्तिमान स्थापित किया है । मात्र दो प्रयास, मिलने वाली इस परीक्षा को उन्होंने पहली बार में हीउत्तीर्ण की।
अधिवक्ताओं के लिए माननीय सर्वोच्च  न्यायालय दिल्ली द्वारा आयोजित AoR (एडवोकेट ऑन रिकॉर्ड) बनने के लिए यह परीक्षा कानून की सबसे कठिन परीक्षा में से एक  है। जिसे कि, कानून के क्षेत्र में पांच वर्ष तक की प्रैक्टिस (अनुभव ) होने के बाद दिया ही जा सकता है। और जिसमें एक वर्ष किसी वरिष्ठ AOR के मार्गदर्शन में ट्रेनिंग भी होना भी अनिवार्य है।
AoR (एडवोकेट ऑफ रिकॉर्ड)परीक्षा पास करने के लिए किसी भी अधिवक्ता को दो ही अवसर मिलते हैं। ध्रुव ने पहले  प्रयास में में ही परीक्षा यह उत्तीर्ण की है । यह बड़ी बात है।एडवोकेट ऑन रिकॉर्ड (A.o.R.)परीक्षा के लिए, विधि व्यासायी अधिवक्ताओं के लिए
ट्रेनिंग के उपरांत, उच्चतम न्यायालय के ग्रीष्मकालीन अवकाश में चार दिन तक  इस परीक्षा का आयोजन  करवाया जाता है। जिसमें प्रतिदिन  चार घंटे की लिखित परीक्षा होती है।
परीक्षा में उच्चतम न्यायालय के प्रैक्टिस एवं प्रोसीजर है कि,–विभिन्न महत्वपूर्ण फैसलों द्वारा कानून की व्याख्या करते हुए दिए गए फैसलों पर आधारित प्रश्न, न्यायालय में दाखिल होने वाली तमाम प्रकार की याचिकाओं की ड्राफ्टिंग एवं अधिवक्ताओं के व्यवहार के मानक सिद्धांतों पर आधारित प्रश्नों पर अधिवक्ताओं को परखा जाता है।
  परीक्षा का पेपर उच्चतम न्यायालय के वरिष्ठ अधिवक्ताओं का पैनल ही बनाता है और वरिष्ठ अधिवक्ताओं का अन्य पैनल उनकी जाँच करता है।
एडवोकेट ध्रुव जोशी विगत 9 सालों से दिल्ली में वकालत व्यवसाय से जुड़े हैं, जिनका दिल्ली में सुप्रीम कोर्ट के नजदीक अपना  निजी स्टाफ सहित निज़ामुद्दीन ईस्ट में कार्यालय  स्थित है । यहां पर यह उल्लेख करना आवश्यक है कि, AoR (एडवोकेट ऑन रिकॉर्ड) के लिए यह भी मानक है कि अधिवक्ता का  उच्चतम न्यायालय के 16 किलोमीटर की परिधि में एक कार्यालय व स्टाफ होना  आवश्यक है।
ध्रुव जोशी उत्तराखण्ड के टिहरी जिले के बिकास खण्ड भिलंगना, स्थित ग्राम पंचायत चानी के मूल निवासी हैं।
पिता इ. वीरेन्द्र दत्त जोशी, सेवानिवृत हैं जबकि माता श्रीमती प्रमिला जोशी  गृहिणी है, उनका एक छोटा भाई विदेश में अध्ययनरत है। परिवार में चाचा, तथा चचेरी बहन भी अधिवक्ता है।ध्रुव जोशी की प्राथमिक शिक्षा डाक पत्थर देहरादून, तथा उसके पश्चात इंटरमीडिएट तक  शिक्षा––देहरादून से हुई ,जहाँ  वो एक मेधावी छात्र रहे एवं कई पुरुस्कारों से सम्मानित किए गए।
उसके पश्चात, ध्रुव  ने, कानून की पाँच वर्षीय विधि स्नातक की पढ़ाई, देश के जाने माने सिम्बायोसिस विश्व विद्यालय पुणे से किया। वे बचपन से ही कुशाग्र बुद्धि के रहे हैं। लॉ कॉलेज में अच्छी परफॉर्मेंस के कारण विश्व विद्यालय ने उन्होंने जर्मनी भेजा, जहाँ  उन्हें जर्मन सरकार की DAAD स्कोलरशिप प्राप्त हुई और  उन्होंने विभिन्न देशों के कानून का  अध्ययन किया।  ध्रुव ने देश के कई प्रख्यात अधिवक्ताओं के साथ कॉलेज के समय से ही प्रशिक्षण भी लिया और पढ़ाई के बाद से दिल्ली में कार्यरत हैं और देश भर के कई उच्च न्यायालयों, ट्रिब्यूनल्स एवं कोर्टों में विभिन्न जैसे सिविल, कमर्शियल और कंपनी मामलों में पेश होते है। उच्च न्यायालय में भी 2016 से वे कई वरिष्ठ अधिववतकों को असिस्ट करते आए हैं। बहु प्रतिभा के धनी ध्रुव जोशी, बहुत खुशमिजाज हैं जोकिअपने में एक अच्छे लेखक, कवि और बहुत वक्ता के गुण समेटे हुए हैं।
सर्वोच्च न्यायालय द्वारा आयोजित परीक्षा A oR , कानून की पढ़ाई सबसे कठिन परीक्षा है जिसके सम्बन्धमें  कुछ संक्षिप्त जानकारी दी जा रही है –
सर्वोच्च न्यायालय अर्थात सुप्रीम कोर्ट में कोई भी केस फ़ाइल सिर्फ़ AoR ही कर सकते हैं और किसी भी केस में बिना AoR के कोई सीनियर वकील या कोई भी वकील पेश नहीं हो सकता।

सर्वोच्च न्यायालय में किसी भी केस में वकालतनामा भी सिर्फ़ AOR का ही लगता है।
ये ज़िम्मेदारी का भी काम हो जाता है क्यूँकि केस सुप्रीम कोर्ट के मानदण्ड के हिसाब से बना है कि नहीं ये ज़िम्मेदारी AOR की हो जाती है और कोर्ट भी उन्हें ही जवाबदेह मानता है।
AOR बनने के बाद Advocate on Record एसोसिएशन(एडवोकेट ऑन रिकॉर्ड एसोसिएशन)  की सदस्यता भी प्राप्त होती है ,जो कि संवैधानिक मामलों में कई बार याचिकाकर्ता भी रहे हैं।
1950 से अब तक 3500 वकील ही AOR बनाए गए हैं।
उत्तराखंड से तो ये संख्या गिनती की ही है और जनपद टिहरी  घनसाली तहसील के लिए तो यह बड़ी उपलब्धि के साथ गौरव की बात है।
एडवोकेट प्रिय ध्रुव जोशी की सफलता पर, उन्हें से बहुत बहुत बधाई एवं शुभकामनाएं।

Related posts

जिलाधिकारी मयूर दीक्षित के अभिनव पहल पर जनपद में 11वीं, 12वीं एवं ग्रेजुएशन के छात्र-छात्राओं के लिए कैरियर काउंसिलिंग की हुई शुरूआत।

khabaruttrakhand

ब्रेकिंग:-डिस्ट्रिक्ट को ऑपरेटिव बैंक की 92 वीं वार्षिक बैठक हुई आयोजित।

khabaruttrakhand

New Year 2024: Uttarakhand जश्न के लिए तैयार, टिहरी झील के किनारे सभी झोपड़ियाँ बुक; ये है रात

khabaruttrakhand

Leave a Comment

Verified by MonsterInsights