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लाचारी:-गांव में आवागमन के लिए पुल न होने से नदी पर अस्थाई लकड़ी की पुलिया बनाकर आवागमन करने को मजबूर है ग्रामीण

गांव में आवागमन के लिए पुल न होने से नदी पर अस्थाई लकड़ी की पुलिया बनाकर आवागमन करने को मजबूर है ग्रामीण

रिपोर्ट:- सुभाष बडोनी।

उत्तरकाशी।। जनपद मुख्यालय से महज 5 किलोमीटर की दूरी पर स्यूणा गांव के ग्रामीणों प्रतिवर्ष की तरह भागीरथी नदी पर स्वयं के संसाधनों से अस्थाई लकड़ी की पुलिया तैयार कर मिशाल कायम की है। ग्रामीण प्रतिवर्ष जब नदी का जलस्तर कम होता है तो स्यूणा गांव के पास ही नदी में अस्थाई लकड़ी का पुल तैयार करते है।
क्योंकि गांव में आवागमन करने के लिए पुल नहीं है और गांव के स्कूली बच्चे बीमार और बुजुर्ग इसी लकड़ी की पुलिया से आवागमन करते है।
हालांकि इस अस्थाई लकड़ी की पुलिया पर आवागमन करना खतरे से खाली नहीं है। एक चूक जिंदगी पर भारी पड़ सकती है लेकिन क्या करें ग्रामीणों के सामने मजबूरी है।

ग्रामीणों का कहना है कि 2-3 माह तक इस लकड़ी की पुलिया से हम लोग आना जाना करते है लेकिन जब नदी का जलस्तर बढ़ जाता है तो समस्या जस की तस बनी रहती है।

हालांकि जिला प्रशासन ने गांव के लिए एक ट्रॉली भी लगा रखी है लेकिन ट्रॉली आजकल खराब हो रखी है।
जिस कारण ग्रामीण इस लकड़ी के पुल से आवागमन कर कर रहे हैं। ग्रामीण लंबे समय से शासन प्रशासन से गांव के लिए झूला पुल निर्माण की मांग कर रहे हैं। लेकिन आज तक पुल का निर्माण न होने से पिछले लम्बे समय से ग्रामीणों को भारी समस्या का सामना करना पड़ रहा है तथा किस प्रकार से ग्रामीण कच्ची लकड़ी की पुलिया पर जान जोखिम में डालकर आवागमन कर रहे हैं।

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