मत्स्य पालकों हेतु मछली के स्वच्छ हस्तन, प्रस्संकरण और मूल्य संवर्धन पर जनपद टिहरी में पहली बार 17 अक्टूबर से 19 अक्टूबर 2023 तक तीन दिवसीय प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन किया गया, जिसका आज गुरुवार को समापन हो गया।
बहुउद्देशीय भवन निकट विकास भवन नई टिहरी में आयोजित प्रशिक्षण कार्यक्रम का
उद्घाटन 17 अक्टूबर मंगलवार को जिलाधिकारी मयूर दीक्षित द्वारा किया गया। जिलाधिकारी द्वारा मत्स्य विभाग को समुचित प्रकार से प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किए जाने के निर्देश दिए गए। साथ ही प्रशिक्षणार्थियों का मार्ग दर्शन करते हुए उन्हें प्रशिक्षण का भरपूर लाभ उठाने को कहा गया।
जिलाधिकारी द्वारा प्रशिक्षणार्थियों को किट का वितरण भी किया गया, जो मछली की सफाई हेतु यंत्र, एप्रेन, कटिंग बोर्ड आदि से सुसज्जित था।
प्रशिक्षण कार्यशाला के उद्घाटन अवसर पर केन्द्रीय मात्स्यिकी प्रौद्यौगिकी संस्थान, (CIFT) कोचिन केरल से प्रधान वैज्ञानिक बिन्दु जगानाथ, वरिष्ठ वैज्ञानिक पार्वती उनीकृष्णन तथा वरिष्ठ तकनीकी सहायक नौबी वर्गीस, डीडीओ सुनील कुमार, मत्स्य निरीक्षक आमोद नौटियाल एवं विजय लक्ष्मी उपस्थित रहे।
सहायक निदेशक मत्स्य गरिमा मिश्रा ने बताया कि मत्स्य उत्पादन उपरान्त हॉरर्वेस्ट होने वाली क्षति को न्यून करने तथा मछली के मूल्य वर्धक उत्पाद तैयार कर मत्स्य पालकों की आय में वृद्धि किए जाने के उद्देश्य से मत्स्य पालन विभाग, टिहरी गढ़वाल द्वारा केन्द्रीय मात्स्यिकी प्रौद्योगिकी संस्थान, (CIFT) कोचिन केरल भारत के संयुक्त प्रयास द्वारा प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया।
प्रशिक्षण कार्यशाला में लगभग 20 मत्स्य पालकों द्वारा प्रतिभाग कर प्रशिक्षण लिया गया।
उन्होंने बताया कि प्रशिक्षण कार्यशाला के
पहले दिन मछली की ड्रेसिंग/सफाई/ पैकेजिंग सिखाई गई। मछली के फिलेट/ करी कट/स्टीक्स बनाने की विधि पर प्रशिक्षण दिया गया। वहीं दूसरे दिन मूल्य वर्धक उत्पाद जैसे मछली का अचार/चटनी/फिश बाल/फिश कटलेट/फिश फिगर बनाया सिखाया गया।
जबकि तीसरे दिन मछली के समोसे/मोमो आदि बनाए जाने की विधि सिखाई गई तथा प्रस्तुतीकरण के माध्यम जानकारी दी गई। अंत में सभी प्रशिक्षणार्थियों को प्रशिक्षण सर्टिफिकेट दिए गए।