रिपोर्ट – गोविन्द रावत
रानीखेत विघायक डाः प्रमोद नैनवाल ने कृषि मंत्री को सौंपा ज्ञापन
रानीखेत : रानीखेत भाजपा नव निर्वाचित विघायक विधायक डा. प्रमोद नैनवाल ने कृषि मंत्री गणेश जोशी से मुलाकात की। डा. प्रमोद नैनवाल ने चौबटिया स्थित राज्य के उद्यान निदेशालय में निदेशक के न बैठने का मुद्दा उठाया है।
उन्होंने विभागीय मंत्री से मिल निदेशक व अन्य कार्मिकों को देहरादून के बजाय किसानहित में मूल तैनाती स्थल चौबटिया भेजने पर जोर दिया।
साथ ही उद्यान एवं कृषि विभाग के एकीकरण का खुलकर विरोध किया।
उन्होंने कहा कि प्रदेश में बागवानी आय का ठोस जरिया है। एकीकरण न्यायसंगत नहीं है,कई योजनाएं ठप होने से बागवानों को बड़ा नुकसान होगा।
उन्होंने पलायन पर रोक व रोजगार को चौबटिया उद्यान व उद्यानिकरण को बढ़ावा देने की भी वकालत की।
रानीखेत विधायक डाः प्रमोद नैनवाल ने कृषि मंत्री से भेंट कर पत्र दिया।
उन्होंने कहा कि 1952-53 में तत्कालीन सीएम पं. जीबी पंत ने बागवानी विकास व रोजगार को चौबटिया में उद्यान निदेशालय बनवाया व शोध संस्थान खुलवाया।
यहां सेब व अन्य पर्वतीय फलों और फूलों की उन्नत किस्में तैयार की गईं।
हिमाचल आदि राज्यों के साथ विदेशों को पौध भेजी जाती थी। इससे रोजगार व राज्य की आय बढ़ी।
राज्यगठन बाद शोध संस्थान जीबी पंत कृषि विवि पंतनगर (ऊधम सिह नगर) के अधीन चला गया इससे रानीखेत क्षेत्र को बड़ा नुकसान हुआ।
विधायक ने निदेशालय में निदेशक के न बैठने का मुद्दा उठा जिसपर नियमित उपस्थित रहने को निर्देश जारी करने की मांग रखी।
उन्होंने कहा कि कृषि व उद्यान का एकीकरण होने से 319 सचल दल, 670 न्याय पंचायतें व 95 ब्लाकस्तरीय उद्यान केंद्र प्रभावित होंगे। छोटे बागवानों को योजनाओं का लाभ मिलना बंद हो जाएगा।
उन्होंने 264 एकड़ में फैले चौबटिया उद्यान को आजीविका से जोड़ने की जरूरत भी बताई साथ ही मंत्री ने इसपर कारगर कदम उठाने का आश्वासन दिया।