khabaruttrakhand
आकस्मिक समाचारउत्तराखंडटिहरी गढ़वाल

ब्रेकिंगः-तंबाकू निषेध दिवस पर छात्र-छात्राओं और विद्यालय परिवार ने ली शपथ।

तंबाकू निषेध दिवस पर छात्र-छात्राओं और विद्यालय परिवार ने ली शपथ।

प्रताप नगर प्रखंड के राजकीय इंटरमीडिएट कॉलेज मजाक में छात्र-छात्राओं और विद्यालय परिवार ने धूम्रपान न करने की शपथ ली, इस अवसर पर डॉक्टर सुभाष भट्ट आर के एस की काउंसलर मीनाक्षी राणा एएनएम वंदना रावत बीसी गौतम सीएसओ द्वारा धूम्रपान का जीवन में पड़ने वाले दुष्प्रभावों के बारे में छात्र छात्राओं को विस्तृत रूप में जानकारी दी।
उन्होंने कहा धुम्रपान स्नेह स्नेह जीवन को अपनी जकड़ में ले आता है और फिर धूम्रपान लेने वाला व्यक्ति उसका आदी हो जाता है।तम्बाकू का प्रयोग ज्यादातर हृदय और फेफड़ों को प्रभावित कर उससे जुड़ी बीमारियों को जन्म देता है, धूम्रपान दिल के दौरे का प्रमुख कारक बनता है, सदमा, दीर्घकालिक प्रतिरोधी फेफड़े के रोग (COPD), वातस्फीति और कैंसर (विशेष रूप से फेफड़ों का कैंसर, गले और मुंह का कैंसर और अग्नाशयी कैंसर). यह केन्द्रीय तंत्रिका तंत्र तथा तंत्रिकीय आवेग के संचरण के मार्ग को प्रभावित करता है।
कम मात्रा में इसका उपयोग मस्तिष्क के विभिन्न केन्द्रों को उत्तेजित करता है, परन्तु इसका लम्बा उपयोग तन्त्रिका-तन्त्र की क्रियाशीलता को कम करता है। यह एड्रीनेलीन के स्नाव को प्रेरित करके रक्त दाब तथा हृदय गति को बढ़ाता है।

Advertisement

रकत दाब को बढ़ाकर यह हृदय की बीमारियों को उत्तेजित करता है। गर्भवती महिलाओं में धूम्रपान, श्रूण के विकास को रोकता है।तम्बाकू के धुएँ में कार्बन मोनोऑक्साइड (CO), एरोमैटिक हाइड्रोकार्बन तथा तार भी पाया जाता है। CO रुधिर की O2 संवहन क्षमता को कम करती है।

हाइड्रोकार्बन कैन्सर को प्रेरित करते हैं। इस कारण तम्बाकू चवाने वालों में मुँह तथा धूम्रपान करने वालों में गले एवं फेफड़ों का कैन्सर अधिक-होता है।तम्बाकू का किसी भी रूप में प्रयोग लार तथा आमाशयी रसों के अधिक स्तावण को प्रेरित करता है, जिससे आमाशय में अम्लीयता बढ़ जाती हैं, फलतः आहार नाल में अल्सर का खतरा बढ़ जाता है और श्लष्मा की अवशोषणशीलता कम हो जातो है।

Advertisement

व्यक्ति अल्पपोषण, भूख एवं कब्ज का शिकार हो जाता है।धूम्रपान वृक्कों की क्रियाशीलता पर प्रतिकूल प्रभाव डालता है।

यह पेशियों एवं कंकाली ऊतकों को शिथिल करके व्यक्ति को दुर्बल बनाता हैं। इसके सेवन से व्यक्ति की उम्र घटती जाती है। इसके प्रयोग से ब्रोंकाइटिस तथा एम्फीसेमा (Emphysema) नामक रोग भी होता है।

Advertisement

तम्बाकू के लगातार सेवन से स्वादेन्द्रीय कम संवेदनशील हो जाती है तथा मुँह व गला हमेशा सूखा रहता हैं।

इससे घ्राण शक्ति भी कमजोर हो जाते हैं, क्योंकि श्लेष्मा के ऊपर लार की एक स्तर जमा हो जाती है।

Advertisement

Related posts

Uttarakhand Congress: आज तय होगा प्रत्याशियों का पैनल, नई Delhi में Congress स्क्रीनिंग कमेटी की बैठक

srninfosoft@gmail.com

ब्रेकिंग:-सफाई कर्मचारी अंतिम पंक्ति पर खड़ा व्यक्ति है। उनकी समस्याओं को गम्भीरता से ले अधिकारी।

khabaruttrakhand

आज़ादी का अमृत महोत्सव कार्यक्रम के अंतर्गत राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय उत्तरकाशी द्वारा ‘ भारतीय ज्ञान परंपरा के स्वर्णिम अध्याय व्याख्यान माला की कड़ी में रंगमंच औऱ सामाजिक सरोकार एवं आयुर्वेद की वर्तमान प्रसंगिकता विषय पर व्याख्यान आयोजित।

khabaruttrakhand

Leave a Comment

Verified by MonsterInsights