तीर्थ नगरी ऋषिकेश में अखिल भारतीय संत समिति , विरक्त वैष्णव मंडल द्वारा नगर निगम की महापौर श्रीमती अनीता मंमगाई को उनके कैंप कार्यालय में सौंपा गया है एक ज्ञापन।
महामंडलेश्वर स्वामी दयाराम दास जी की अध्यक्षता में संत समाज ने मिलकर महापौर श्रीमती अनीता मंमगाई जी को तीर्थ नगरी ऋषिकेश का पौराणिक नाम हृषिकेश रखने हेतु ज्ञापन दिया गया।
जाने क्या बताया इस नाम के साथ तर्क।
इस अवसर पर महामंडलेश्वर स्वामी दयाराम दास महाराज अध्यक्ष विरक्त वैष्णव मंडल अखिल भारतीय संघ समिति के अध्यक्ष युवराज स्वामी गोपालाचार्य तुलसी मानस मंदिर के महंत रवि प्रपन्नाचार्य महाराज ने मिलकर महापौर को हृषिकेश का पौराणिक महत्व बताते हुए कहां की स्कंद पुराण में भी हृषिकेश नारायण भारत भगवान का वर्णन अंकित है कालांतर में हृषिकेश अभ्रन्स होकर ऋषिकेश कहलाने जाने लगा जो की इससे पौराणिक महत्व को भी कम करता है।
वर्तमान में इसका नाम बदलकर रेलवे स्टेशन आदि पर पर योग नगरी कर दिया गया जो कि इसके पौराणिक महत्व को काम करता है।
इससे संत समाज व नगर वासियो की आस्था व धार्मिक महत्व पर विपरीत प्रभाव पड़ रहा है।
आज जहां पुराने नाम की शुद्धि की जा रही है हमारा अनुरोध है कि इस त्रुटि को शुद्ध कराकर हृषिकेश करने की कृपा करें यह नगर हृषिकेश नारायण( विष्णु) का नगर है।
इस अवसर पर महामंडलेश्वर दयाराम दास महाराज महामंडलेश्वर वृंदावन दास महाराज युवराज स्वामी गोपालचार्य महाराज तुलसी मानस मंदिर के महंत रवि प्रपन्नाचार्य महाराज महंत निर्मल दास महंत छोटन दास स्वामी अखंडानंन्द सरस्वती महंत रवींद्र दास स्वामी आलोक हरि स्वामी करुणा शरण आदि संत उपस्थित रहे।