प्रशासनिक अधिकारी साल दर साल अपना एरियर पे बढ़ता रहा , विभाग हुआ बेखबर
जीआईसी पदमपुरी के प्रधानाचार्य ने पकड़ा मामला
बताया जा रहा है कि मामला 15 से 20 लाख के घोटाले का हो सकता है, आरोप के तहत लाखो रुपये का घोटाला कर चुका है यह अधिकारी ।
रिपोर्ट (चन्दन सिंह बिष्ट) हल्द्वानी नैनीताल
पदमपुरी नैनीताल:-
पैसों के गड़बड़झाला के लिए यह मामला गर्म और सुर्खियों में है। मामला वेतन से संबंधित है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार 15 से 20 लाख का यह गड़बड़झाला बताया जा रहा है ।
नैनीताल जिले से खबर सामने आई है कि में शिक्षा विभाग में कार्यरत एक प्रशासनिक अधिकारी बीते कई साल से अपना वेतन हर माह बढ़ता रहा है ।
और हैरानी की बात है कि विभाग को इस घपले की कानों कान भनक तक नहीं लगी ।
वहीं यह मामला एक प्रधानाचार्य ने पकड़ा तो तब जाकर विभाग इसकी जांच करने लगा ।
इस घोटाले की खास बात यह रही की यह अधिकारी बेसिक शिक्षा से इस घपले को अंजाम देता आ रहा है।
वहीं मीडिया सूत्रों की माने तो विभाग इस मामले को रफा दफा करने में भी जुटा है बता जा रहा है कि अभी तक इस अधिकारी पर कोई कारवाई भी नहीं हुई है ।
जिले के संत सोमवारी जीआईसी पदमपुरी के पूर्व प्रधानाचार्य बलवंत सिंह मनराल ने मामले को पकड़ा ।
मनराल ने मीडिया से बात करते हुए बताया कि पदमपुरी इंटर कालेज में प्रशासनिक अधिकारी के पद पर विजय जोशी जुलाई 2022 में आया था ।
वही उसने एरियर पे से हर महीने अपना वेतन बढ़ाने का काम शुरु कर दिया ।
इस मामले में मनराल ने मीडिया को बताया कि उन्हें इसकी भनक इसी साल फरवरी लगी ।
तब उन्होंने इस मामले में जोशी से लिखित में तीन बार स्पष्टीकरण मांगा वही उसका वेतन रोकने के निर्देश दिए।
वही इस मामले में उस आरोपी व्यक्ति ने लिखित में माफ़ीनामा मैं बकाया भुगतान जमा करने की बात कबूली ।
प्रधानचार्य ने इस घपले की जानकारी BEO कार्यालय को दी थी ।
खंड शिक्षा अधिकारी अंशुल जोशी को भी एरियर पे भुगतान में घपला लगा है।
वही इस मामले में उच्च अधिकारियों को पत्र लिखकर इस मामले की जांच करने की मांग की गयी ।
वहीं इस पूरे मामले में जिले की तरफ से एक टीम गठित कर वित्तीय अधिकारी के नेतृत्व में जांच शुरू कर दी गई है ।
अब इस मामले में बताया जा रहा है कि विजय जोशी सबसे पहले बेसिक शिक्षा नैनीताल में कार्यरत था ।
जहां उन्होंने 2007-8 में कार्य किया उसका स्थानांतरण उसके बाद धारी विकासखंड की चोरलेख हुआ, उसके बाद राजकीय कॉलेज नथुवाखान के बाद जीआईसी पदमपुरी में यह मामला पकड़े जाने पर उसमें अपना अल्मोड़ा जिला में पारंपरिक स्थानांतरण लिया ।
बताया जा रहा है कि वह व्यक्ति तब से अल्मोड़ा में कार्यरत है।
वही जो बड़ी बात इस मामले से जुड़ी बतायी जा रही है कि अभी तक शिक्षा विभाग आरोपी के खिलाफ कोई कारवाई नहीं कर पाया है ।
वही इस मामले में विभाग का मानना है कि मामले की तह तक जाया जाए ताकि पता चल सके कि आखिर कितना घोटाला हुआ है ।
वहीं यह बात मीडिया में कही जा रही है कि यह मामला 15 से 20 लाख का हो सकता है।
क्या कहना है इस मामले में अधिकारियों का।
“बलवंत सिंह मनराल” (पूर्व प्रधानाचार्य पदमपुरी) नैनीताल
सबसे पहले यह घपला मैंने पकड़ा प्रशासनिक अधिकारी जोशी को नोटिस देकर स्पष्टीकरण मांगा उसने माफीनामा मांगा घपले के पैसे भरने की बात कही वही उसका वेतन रोका गया जांच के लिए उच्च अधिकारियों को पत्र लिखा ।
“अंशुल जोशी” – (खंड शिक्षा अधिकारी धारी) “नैनीताल”
पदमपुरी के प्रधानाचार्य के पत्र के अनुसार जांच की गई जिसमें प्रथम दृश्य एरियर पर से वेतन बढ़ाने जाना लग रहा है उच्च अधिकारी को पत्र के माध्यम से सक्षम वित्त अधिकारी से जांच करने की मांग की गई है।
वर्तमान में वित्तीय अधिकारी नैनीताल के नेतृत्व में जांच चल रही है जहां से तस्वीर साफ होगी कि आखिर कितना घपला हुआ है।