Uniform Civil Code: समान नागरिक संहिता (UCC) विधेयक विधानसभा में पारित कराकर उत्तराखंड की धामी सरकार ने BJP शासित राज्यों के सामने लंबी लकीर खींची। राष्ट्रपति की मुहर लगने के बाद राज्य में यह कानून लागू हो जाएगा।
राज्यपाल ने UCC विधेयक राष्ट्रपति को भेजा है। राजभवन ने इस पर विचार करने के बाद विधायी विभाग को भेजा था। विधायी के माध्यम से राष्ट्रपति को भेजा गया है। चूंकि यह संविधान की समवर्ती सूची का विषय है, इसलिए बिल अनुमोदन के लिए राज्यपाल से राष्ट्रपति को भेजा गया।
विधानसभा से UCC बिल पास होने के बाद इसे राजभवन भेजा गया। इस पर राष्ट्रपति भवन को फैसला लेना है। वहां से मुहर लगने के बाद राज्य में कानून लागू हो जाएगा। Uttarakhand के बाद असम की BJP सरकार UCC बिल विधानसभा में सबसे पहले पेश कर सकती है। राजस्थान सरकार भी UCC लाने का एलान कर चुकी है।
देश के पहले गांव माणा में संवाद से की थी ड्राफ्ट समिति ने शुरुआत
विधेयक में सभी धर्म-समुदायों में विवाह, तलाक, गुजारा भत्ता और विरासत के लिए एक कानून का प्रावधान है। महिला-पुरुषों को समान अधिकारों की सिफारिश की गई है। अनुसूचित जनजातियों को इस कानून की परिधि से बाहर रखा गया है।
मुख्यमंत्री Dhami ने बताया कि, देश के पहले गांव माणा में संवाद से ड्राफ्ट समिति ने इसकी शुरुआत की थी। उन्होंने अब अन्य राज्यों को भी इस दिशा में प्रयास करने का आह्वान करते हुए कहा, जिस प्रकार गंगा सबके लिए सुखदायी है, वैसे ही UCC भी मातृशक्ति व पूरे समाज के लिए सुखद होगा।