Uttarakhand की पांच लोकसभा सीटों पर चुनाव लड़ रही BJP के तरकश में मुद्दों के कई तीर हैं। राष्ट्रपति की मंजूरी के बाद समान नागरिक संहिता (UCC) भी कानून बन गया है। चुनावी मुद्दे का यह तीर Uttarakhand में नहीं BJP दूसरे राज्यों में भी छोड़ेगी। चुनाव का एलान होने से पहले ही पार्टी इन मुद्दों को धार देने में जुट गई है।
दो दिन पहले ही मोदी सरकार ने नागरिक संशोधन कानून (CAA) लागू कर दिया। राज्य की पुष्कर सिंह धामी सरकार ने भी समान नागरिक संहिता (UCC ) की राजपत्रित अधिसूचना जारी कर दी है। इन दोनों कानूनों के साथ अन्य प्रमुख मुद्दों को लेकर BJP चुनाव में अपने पक्ष में वातावरण बनाने की कोशिश करेगी। इसके लिए पार्टी प्रचार की खास रणनीति बना ली है।
पार्टी ने सबसे पहले अपनी पहली और दूसरी पांत के नेताओं को मोदी और धामी सरकारों के सख्त और कड़े फैसलों की जानकारी दी ताकि वे इसे जनता के बीच सहजता के साथ प्रचारित कर सकें। मुख्यमंत्री, मंत्री, सांसद, विधायक, प्रदेश अध्यक्ष, पार्टी पदाधिकारी और सरकार में दायित्वधारी लाभार्थी सम्मेलन से लेकर रैलियों, सभाओं और बैठकों में इन फैसलों की जानकारी दे रहे हैं।
पांचों सीट पर गूजेंगे धामी सरकार के ये पांच सख्त फैसले
1. सबके लिए समान कानून : BJP चुनाव में UCC यानी समान नागरिक संहिता को अपनी सरकार की सबसे बड़ी उपलब्धियों में गिनेगी। CM धामी जहां भी जा रहे हैं, वहां UCC का जिक्र जरूर कर रहे हैं। Uttarakhand देश का पहला राज्य है जिसने UCC कानून बनाने के लिए विधानसभा में विधेयक पारित कर राष्ट्रपति से मंजूर कराया और अब इसकी राजपत्रित अधिसूचना जारी कर दी है।
2. दंगाइयों से निपटने का कानून : उपद्रवियों और दंगाइयों से सख्ती से निपटने के लिए धामी सरकार ने Uttarakhand लोक व निजी संपत्ति क्षति पूर्ति अध्यादेश को मंजूरी दी। इस कानून के लागू होने पर सरकारी और निजी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने वालों से न सिर्फ वसूली होगी और बल्कि आठ लाख रुपये का जुर्माना वसूला जाएगा। BJP इस फैसले को चुनावी हथियार बनाएगी।
3. महिलाओं को आरक्षण : राज्य की 39.72 लाख से अधिक महिला मतदाताओं को रिझाने के लिए BJP के तरकश में कई तीर हैं। पिछले कुछ महीनों में मुख्यमंत्री तकरीबन सभी जिलों में प्रवास कर चुके हैं और प्रवास की थीम मातृ शक्ति केंद्रित रही है। इन कार्यक्रमों में संगठन और सरकार राज्य की महिला अभ्यर्थियों को सरकारी नौकरियों में दिए गए 30 प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण का कानून बनाए जाने का जिक्र करना नहीं भूलती है। इसके अलावा लखपति दीदी योजना और महिलाओं के स्वरोजगार से जुड़ी योजनाओं को भाजपा ने प्रचार का माध्यम बनाया है।
4. भर्तियों में नकल रोकने का कानून : युवा मतदाताओं को अपनी ओर खींचने के लिए BJP अलग-अलग मोर्चों पर काम कर रही है। नव मतदाताओं से सीधा संवाद इस रणनीति की अहम कड़ी है। सीएम हों या प्रदेश अध्यक्ष युवाओं के बीच जाते हैं तो देश के सबसे सख्त नकल विरोधी कानून का जिक्र अनिवार्य रूप से करते हैं। प्रतियोगी परीक्षाओं में नकल रोकने के लिए बनाए गए इस कानून में उम्र कैद तक प्रावधान है। इस कानून के जरिये BJP के नेता युवाओं के बीच यह दावा कर रहे हैं कि अब पारदर्शी परीक्षा के साथ योग्य उम्मीदवारों को भरपूर अवसर मिल रहे हैं।
5. आंदोलनकारियों को क्षैतिज आरक्षण : Uttarakhand राज्य बनाने में अहम योगदान दे रहे राज्य आंदोलनकारियों व उनके आश्रितों को सरकारी नौकरियों में 10 प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण का फैसला भी चुनाव में मुद्दा बनेगा। BJP इस मुद्दे को भुनाएगी। हालांकि अभी राजभवन से इस विधेयक मंजूरी नहीं मिली है। लेकिन फैसले को लेकर BJP में प्रचार में जुट गई है।
मोदी और धामी सरकारों ने ऐतिहासिक फैसले लिए हैं। इन फैसलों को लेकर BJP का कार्यकर्ता मतदाताओं के बीच में जा रहे हैं। अपने दो साल पूरे करने जा रही हमारी सरकार ने अपने कड़े और सख्त फैसलों से अलग पहचान बनाई है। UCC और दंगा विरोधी कानून इसके सबसे बड़े उदाहरण हैं। – महेंद्र भट्ट, BJP प्रदेश अध्यक्ष, Uttarakhand