khabaruttrakhand
उत्तराखंडराजनीतिक

Lok Sabha Election 2024: Congress में भी विश्वास जगाती दूसरी पांत, उम्रदराज नेताओं के लिए वापसी आसान नहीं

Lok Sabha Election 2024: Congress में भी विश्वास जगाती दूसरी पांत, उम्रदराज नेताओं के लिए वापसी आसान नहीं

Lok Sabha Election 2024: बदलते दौर के साथ Congress में भी दूसरी पांत के नेताओं में विश्वास जाग रहा है। पार्टी ने इस बार चिर परिचित चेहरों के स्थान पर उन चेहरों पर दांव लगाया है, जिनमें पार्टी भविष्य की संभावनाएं देख रही है। जानकारों का मानना है कि लोकसभा चुनाव का नतीजा चाहे जो हो, लेकिन ये नए चेहरे राज्य की सियासत में स्थापित हो जाएंगे।

गढ़वाल से गणेश गोदियाल, हरिद्वार से वीरेंद्र रावत और नैनीताल से प्रकाश जोशी पहली बार लोस चुनाव लड़ रहे हैं। गोदियाल और प्रकाश जोशी को विस चुनाव लड़ने का अनुभव है, जबकि वीरेंद्र पहली बार सीधे लोस चुनाव में उतरे हैं। यानी लोकसभा चुनाव में दो नए चेहरों पर भरोसा जताकर Congress में भी बदलाव दिखा है।

चुनाव लड़ने का अवसर पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत के पास भी था, लेकिन उन्होंने बेटे को मैदान में उतार दिया। सियासी हलकों में इसे उम्रदराज हरीश रावत के राजनीतिक पलायन के तौर पर देखा जा रहा है। चर्चा तो यहां तक है कि 2027 में जब विधानसभा चुनाव होगा हरीश रावत शायद टिकट की दौड़ से बाहर होंगे, क्योंकि उनकी बेटी और बेटे की दावेदारी उनसे कहीं ज्यादा मजबूत होगी।

अब दूसरी पांत के नेताओं पर दांव लगाएगी Congress

BJP की तरह ही Congress में बुजुर्ग नेताओं की एक लंबी सूची है। इस सूची में कई ऐसे दिग्गज हैं, जो एक दौर में Congress का पर्याय बन चुके थे, लेकिन वक्त जिस तरह से नई करवट ले रहा है, उसने साफ कर दिया है कि Congress भी अब दूसरी पांत के नेताओं पर दांव लगाएगी।

सियासी जानकारों का मानना है कि आने वाला समय यशपाल आर्य, प्रीतम सिंह, गणेश गोदियाल, हरीश धामी के साथ युवा चेहरे भुवन कापड़ी, सुमित हृदयेश, वीरेंद्र जाती, अनुपमा रावत सरीखे नेताओं का है। पार्टी अब ऐसे नए चेहरों के जरिये सांगठनिक ऊर्जा समेटने की कोशिश करेगी।

वीरेंद्र रावत के लिए हरीश का त्याग

सियासी जानकारों का मानना है कि बेटे वीरेंद्र रावत के लिए हरीश रावत ने अपने टिकट की कुर्बानी दे दी। उनका यह त्याग क्या बेटे को राजनीति में स्थापित कर पाएगा, यह भविष्य बताएगा, लेकिन बेटी के मामले में हरीश रावत का यह प्रयोग सफल हो चुका है। 2022 के विधानसभा चुनाव में हरिद्वार ग्रामीण सीट से बेटी अनुपमा रावत को टिकट दिला कर राजनीति में एंट्री दिलाई। अनुपमा चुनाव जीत कर विधानसभा पहुंच गई।

उम्रदराज नेताओं के लिए वापसी आसान नहीं

हरीश रावत के साथ पूर्व मंत्री हीरा सिंह बिष्ट, नवप्रभात, गोविंद सिंह कुंजवाल, मंत्री प्रसाद नैथानी, शूरवीर सिंह सजवाण, दिनेश अग्रवाल Congress में कद्दावर नेताओं में से हैं, लेकिन उम्र की जिस दहलीज पर ये दिग्गज पहुंच चुके हैं, उन पर दांव खेलने में Congress को कई बार सोचना होगा। ये Congress के भीतर दूसरी पांत के नेताओं के दमखम पर भी निर्भर करेगा। आज के दौर में Congress में नए चेहरे तो हैं, लेकिन उतने अनुभवी नहीं हैं। यही वजह है कि अल्मोड़ा और टिहरी सीट पर उन नेताओं पर दांव लगाना पड़ा जो अनुभव के लिहाज बेशक मजबूत हों, लेकिन ऊर्जा के मामले में उतने सक्रिय नहीं, जितने दूसरी पांत के नेता हैं।

Related posts

दूर दृष्टि और सामंतसाही के विरोधी रहे दिवंगत भूदेव लखेड़ा , 99वीं जन्म जयंती पर कांग्रेसजनों ने किया भावपूर्ण स्मरण।

khabaruttrakhand

सड़क दुर्घटनाओं के प्रति जागरूक करेगा ’ट्रॉमा रथ’ – सप्ताहभर तक चलेगा एम्स का जन-जागरूकता अभियान।

khabaruttrakhand

यहाँ 274 मतदान केन्द्रों पर वेबकास्टिंग के जरिए रखी जाएगी निरंतर नज़र।

khabaruttrakhand

Leave a Comment

Verified by MonsterInsights