’जल संरक्षण एवं संवर्धन हेतु प्राकृतिक जल स्रोत धारे-नोले, नदियों को किया जायेगा संरक्षित।’’
जिलाधिकारी मयूर दीक्षित की अध्यक्षता में गुरुवार को स्प्रिंग एण्ड रिवर रिज्यूविनेशन अथॉरिटी (SARRA) जिला स्तरीय कार्यकारी समिति की बैठक संपन्न हुई।
इस बैठक में विभिन्न विभागों एवं सारा के सहयोग से जल स्रोतों के संरक्षण को लेकर किए जा रहे कार्यों की समीक्षा की गई। जिलाधिकारी ने जनपद स्तर पर चिन्हित 53 क्रिटिकल जल स्रोतों का जियो हाइड्रोलॉजिकल अध्ययन कराने को कहा।
अधिशासी अभियंता लघु सिंचाई को चमियाला लंबगांव क्षेत्रांतर्गत आरगढ़ गदेरा में चेकडैम, पौधारोपण हेतु एरिया चिन्हीकरण, तकनीकी सर्वे आदि पूरी प्रक्रिया पूर्ण कर विवरण उपलब्ध कराने तथा बीडीओ को धरातलीय निरीक्षण कर रिपोर्ट उपलब्ध कराने के निर्देश दिए गए।
जिलाधिकारी ने ग्राम्य विकास विभाग के विभिन्न विकास खण्डों के अन्तर्गत 26 जल स्रोत संरक्षण प्रस्तावों के डीपीआर बनाने के निर्देश दिए।
सभी बीडीओ को क्षेत्रों का विजिट कर क्षेत्र विशेष की आवश्यकताओं के अनुरूप विभागीय अधिकारियों एवं स्थानीय लोगों के सहयोग से जल स्रोत संरक्षण एवं संवर्धन हेतु ठोस प्रस्ताव उपलब्ध कराने को कहा गया।
इसके साथ ही कन्टूर ट्रेंचेज, रिचार्ज पिट, चाल-खाल खन्तियों हेतु निर्धारित लक्ष्य के सापेक्ष किये गये कार्यों को चैक कर लें।
उप निदेशक जलागम/सदस्य सारा नवीन सिंह बरफवाल ने बताया कि जल संरक्षण अभियान 2024 के तहत ग्राम पंचायत स्तर पर 425 जल स्रोत, विकासखण्ड स्तर पर 89 तथा जनपद स्तर पर 53 जल स्रोतों को चिन्ह्ति कर प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं। जनपद स्तरीय 53 क्रिटिकल जल स्रोतों में से 49 की डीपीआर बनायी जानी है।
डीएफओ टिहरी पुनीत तोमर ने बताया कि पेयजल निगम द्वारा चिन्ह्ति 06 जल स्रोतों में से 03 पर लगभग 80 प्रतिशत तक काम हो चुका है, जिस पर जिलाधिकारी ने अन्य प्रोजेक्ट उपलब्ध कराने को कहा।
बैठक में सीडीओ डॉ. अभिषेक त्रिपाठी, डीडीओ मो. असलम, अधिशासी अभियन्ता लघु सिंचाई बृजेश गुप्ता, अधिशासी अभियन्ता जल संस्थान टिहरी प्रशान्त भारद्वाज, अधिशासी अभियन्ता पेयजल निगम के.एन. सेमवाल, डीपीआरओ एम.एम.खान सहित अन्य संबंधित अधिकारी मौजूद रहे।