घसियारी फेस्टिवल
रिपोर्टर:- सुभाष बडोनी।
उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में ग्रामीण पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए युवाओं का सपना साकार हो रहा है।
पर्यटन और ट्रैकिंग के शौकीन अब ग्रामीण क्षेत्रों में ग्रामीण परिवेश बोली भाषा एवं संस्कृति को जानने के लिए गांव का रुख कर रहे हैं।
वही मथौली गांव के प्रदीप पंवार ने अपनी पुरानी छानी को रेनूवेट कर होमस्टे बनाया है जो लोगों को खूब भा रहा है और गांव के लोगों को साथ लेकर अलग अलग तरीके से इस योजना को प्रमोट भी कर रहे हैं, जो 6 मार्च से 8मार्च को समापन होगा।
ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाने के उद्देश्य से चिन्यालीसौड़ विकासखंड के मथोली गांव में घसियारी महोत्सव का अयोजन किया गया।
आपको बताते चले कि इस मौके पर गांव की करीब 50 महिलाओं ने अबकी बारी घसियारी प्रतियोगिता कार्यक्रम में भाग लिया। जिसमें 5 टीमें बनाई गई थी। विजेता टीम को 8 मार्च को अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर सम्मानित किया जाएगा।
मथोली में घसियारी महोत्सव का आयोजन बकरी छाप व अन्य सहयोगी संस्थाओं के सौजन्य से किया गया।
प्रतियोगिता को लेकर गांव की महिलाओं में खासा उत्साह देखने को मिला।
महिलाओं ने बाकायदा जंगल से सूखी घास को काटकर लाया।
वहीं मथोली गांव में पर्यटन विकास की अपार संभावनाएं मौजूद हैं। गांव के प्रदीप पंवार ने ग्रामीण पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए अपनी पुरानी छानी को होम स्टे के रूप में विकसित किया है।
प्रदीप ने बताया कि उनकी छानी में पहले पशु रहते थे लेकिन अब
पिछले कुछ साल से छानी खंडहर हो चुकी थी।
अपनी छानी जिसमें पशु रहते हैं उसे होम स्टे में बदल दिया।
बता दें कि मथोली गांव चिन्यालीसौड़ बाजार से मात्र 10 किमी की दूरी पर स्थित है।
उत्तरकाशी जिला अपनी लोक संस्कृति परंपरा और खूबसूरत वादियों के लिए पहचाना जाता है वहीं पर्यटन भी इस क्षेत्र की बैकबोन मानी जाती है।
हर साल पर्यटन और तीर्थाटन से यहां के लोग खूब आमदनी एकत्रित करते हैं इसी का नतीजा है कि अब पर्यटन गांव तक पहुंचने लगा है और गांव के लोग इसे हाथो हाथ स्वीकार कर रहे हैं।