khabaruttrakhand
आकस्मिक समाचारउत्तराखंडटिहरी गढ़वालदिन की कहानीदेहरादूनराजनीतिकराष्ट्रीयविशेष कवर

ब्रेकिंग:-एफेरेसिस में राज्य स्तरीय क्षमता निर्माण कार्यशाला संपन्न एम्स ऋषिकेश में हुआ सीएमई का सफल आयोजन ।

एफेरेसिस में राज्य स्तरीय क्षमता निर्माण कार्यशाला संपन्न एम्स ऋषिकेश में हुआ सीएमई का सफल आयोजन ।

अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान, एम्स ऋषिकेश में रक्ताधान चिकित्सा एवं रक्तकोष विभाग के तत्वावधान में ऐफेरेसिस में राज्यस्तरीय क्षमता निर्माण, सहयोगी एवं अनुभवात्मक संबंधित विषय पर कार्यशाला का आयोजन किया गया । बुधवार को आयोजित कार्यशाला का संस्थान की कार्यकारी निदेशक एवं कार्यक्रम की संरक्षक प्रोफेसर (डॉ.) मीनू सिंह, सह संरक्षक व संस्थान की संकायाध्यक्ष प्रोफेसर जया चतुर्वेदी, चिकित्सा अधीक्षक प्रो. संजीव मित्तल, उप निदेशक प्रशासन ले. कर्नल अच्युत रंजन मुखर्जी, आयोजक अध्यक्ष एवं रक्ताधान चिकित्सा एवं रक्तकोष विभागाध्यक्ष प्रो. गीता नेगी, कार्यक्रम सचिव डॉ. दलजीत कौर एवं डॉ. आशीष जैन ने संयुक्तरूप से दीप प्रज्ज्वलित कर शुभारंभ किया ।

Advertisement

इस अवसर पर संस्थान की निदेशक प्रोफेसर( डॉ.)मीनू सिंह ने G-20, Y-20 के अंतर्गत आयोजित कार्यक्रमों की सराहना की। उन्होंने बताया कि संस्थान के रक्ताधान एवं रक्तकोष विभाग द्वारा ऐफेरेसिस सीएमई का आयोजन चिकित्सकों के ज्ञानवर्धन, शैक्षिक गतिविधियां, कौशल विकास, पेशेवर प्रदर्शन, संबंधों को बनाए रखने, विकसित करने एवं मरीजों, जनता को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने के उद्देश्य से किया गया ।

विशेषज्ञों द्वारा ऐफेरेसिस सीएमई में एफेरेसिस और स्कोप की मूल बातें, प्लेटलेट फेरेसिस, संकेत और चैलेंजर्स, चिकित्सीय प्लाज्मा एक्सचेंज, संकेत और श्रेणियां, चिकित्सीय साइटाफेरेसिस- टीएलआर, टीपीआर, एलडीएल एफेरेसिस, आरबीसीएक्स, बाल चिकित्सा एफेरेसिस एवं एफेरेसिस प्रक्रिया में हालिया प्रगति पर विस्तृत व्याख्यान प्रस्तुत किए गए।

Advertisement

कार्यशाला में बतौर सलाहकार प्रोफेसर शालिनी राव, प्रो.संजीव किशोर, प्रो. एन. के.भट्ट, प्रो. उत्तम कुमार नाथ, प्रो.हरीश चन्द्र, प्रो. सीमा आचार्या, प्रोफेसर दीपक गोयल, डॉ. निलोत्पल चौधरी, डॉ. रविकांत, डॉ.भारत भूषण, डॉ. रोहित गुप्ता, डॉ. निधि कैले, डॉ. मृत्युंजय कुमार, डॉ. मनीष रतूड़ी, डॉ. संजय उप्रेती, डॉ. मिनाली रजा, डॉ. नितेश गुप्ता, डॉ.संदीप सैनी, डॉ. आनंद शर्मा, डॉ. अमित सोनी, डॉ. गौरव ढींगरा, डॉ. सारन कंडारी डॉ. अव्रीती बवेजा, डॉ. विभा गुप्ता, डॉ. शशि उप्रेती, डॉ. अपर्णा भारद्वाज, डॉ. यशस्वी धीमान, डॉ. मीनाक्षी धर, डॉ.विक्टर मसीह, डॉ. आशुतोष तिवारी ने शिरकत की।

कार्यक्रम की रूपरेखा तैयार करने एवं कार्यशाला को सफल बनाने में विभाग की सहायक आचार्य डॉ. दलजीत कौर सहायक आचार्य डॉ. आशीष जैन, आयोजन समिति के सदस्य डॉ. प्रदीप बनर्जी, डा. अश्विन के. मोहन, डा. दीक्षा कुमारी, डा. जिक्रा सैयद, डा. छांची बी., डा. वैदही, प्रशांत, डा. जूही भाटिया, डा. के. प्रियंका देवी, डॉ. दीपाली चौहान, डॉ. प्रियंका एच. राठौड़, डा. सफना सफीर के अलावा रक्तकोष विभाग के सभी सदस्यों का महत्वपूर्ण योगदान रहा ।

Advertisement

क्या है ऐफेरेसिस प्रक्रिया यह रक्तदान की एक प्रक्रिया है। उदाहरण के तौर पर सामान्यत: किसी भी मरीज को पांच से दस हजार तक प्लेटलेट्स की आवश्यकता होती है। मगर यदि मरीज को पचास हजार या उससे अधिक प्लेटलेट्स की आवश्यकता होती है , जिसे मरीज को ऐफेरेसिस प्रक्रिया के तहत उपलब्ध कराना होता है। विशेषज्ञों के अनुसार एक स्वस्थ रक्तदाता से लिए गए रक्त को उसके घटक भागों में अलग किया जा सकता है। जहां आवश्यक घटक एकत्र किया जाता है और बिना कटे हुए घटकों को रक्तदाता को वापस कर दिया जाता है। इस प्रकार के संग्रह में आमतौर पर द्रव प्रतिस्थापन की आवश्यकता नहीं होती है। कई देशों में एफेरेसिस दाता संपूर्ण रक्तदान करने वालों की तुलना में अधिक बार रक्तदान कर सकते हैं।

Advertisement

Related posts

ब्रेकिंग:-कैबिनेट मंत्री को भाजपा ने 6 साल के लिए किया निष्काषित

khabaruttrakhand

ब्रेकिंग:-जनपद में मत्स्य पालन को बढावा देने तथा कस्तकारों की आय दोगुनी करने हेतु जनपद के मत्स्य पालकों के लिए तीन दिवसीय प्रशिक्षण का आयोजन।

khabaruttrakhand

विधायक डॉ. प्रमोद नैनवाल ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को सौंपा ज्ञापन।

khabaruttrakhand

Leave a Comment

Verified by MonsterInsights