बिग ब्रेकिंग्:- ऊर्जा निगम के अकाउंटेंट को घूसखोरी में 4 साल की सजा। बिजली बिल से जुड़ा है मामला।
हरिद्वार:- भ्रस्टाचार समाज में लगातार एक अभिशाप बनता जा रहा है और कैंसर की तरह समाज को खोखला करने में लगा है।
भ्रस्टाचार से जुड़े एक मामले में एक बड़ी खबर मीडिया रिपोर्ट के अनुसार सामने आ रही है।
जिसके तहत बताया जा रहा है कि हरिद्वार के एक आश्रम के बिजली बिल को घटाने के बदले में ₹100000 की घूस मांगी जा रही थी और घूस मांगने वाला कोई और नही बल्कि एक ऊर्जा निगम का एक अकाउंटेंट था।
उसी अकाउंटेंट को विजिलेंस कोर्ट ने 4 साल की सश्रम कारावास की सजा सुनाई है।
बताया गया है कि इस मामले में जज अंजलि नौलियाल ने जहां दोषी पर ₹100000 का अर्थ दंड लगाया और साथ ही अर्थदंड ना देने पर 3 महीने अतिरिक्त सजा भी काटनी पड़ेगी।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार एसपी विजिलेंस धीरेंद्र गुंज्याल ने जानकरी देते हुए बताया की हरिद्वार स्थित श्री रावतपुरा सरकार लोक कल्याण आश्रम हरकी पैड़ी के प्रबंधक संजीव दीक्षित ने एक प्रार्थना पत्र 6 फरवरी 2010 को दिया था।
जिसके मुताबिक विद्युत व्यापार केंद्र भूपत वाला में एक अकाउंटेंट नाम महेंद्र कुमार भार्गव निवासी अंबेडकर नगर मोहल्ला कड़क ज्वालापुर हरिद्वार द्वारा उनके आश्रम के बिजली बिल की धनराशि को घटाने के बदले में उनसे ₹100000 की रिश्वत मांगी जा रही थी।
वहीं इस शिकायती प्रार्थना पत्र के बाद विजिलेंस द्वारा एक टीम का गठन किया गया, जिसने अपनी कार्रवाई में 8 फरवरी को हरिद्वार से रिश्वत लेते महेंद्र कुमार को रंगे हाथ पकड़ा था।
इसके बाद उन्होंने 7 अप्रैल 2010 को इस मामले में कोर्ट में चार्जसीट फाइल की थी।
कोर्ट में अनुज साहनी अभियोजन अधिकारी इस Order में हाल में पैरवी कर रहे थे ।
उनके द्वारा बताया गया कि उत्तराखंड सरकार के अधीन कार्यरत सभी लोक सेवक अगर किसी से कोई रिश्वत मांगते है,
तो कोई भी बिना किसी भय के हेल्पलाइन नंबर 1064 पर शिकायत कर सकते हैं।
यह प्रकरण एक सबक बनकर घूसखोरों पर लगाम लगाने के लिए कहीं ना कहीं एक संकेत होगा।