Pilibhit Lok Sabha: नामांकन दाखिल करने का समय समाप्त होने के साथ ही मेनका-वरुण का पीलीभीत सीट से नाता टूट गया। 35 वर्ष पुराने रिश्ते में कभी मेनका तो कभी वरुण जिले के लोगों से जुड़े रहे। लोकसभा चुनाव से कुछ माह पहले से ही वरुण गांधी का टिकट कटने की चर्चाएं होनी लगी थीं। कयास भी यह भी लगाया जा रहा था कि वरुण पीलीभीत से निर्दल चुनाव लड़ सकते हैं। नामांकन के अंतिम समय तक वरुण की दावेदारी की चर्चाएं होती रहीं। समय समाप्त होते ही कयास और चर्चाएं भी समाप्त हो गईं।