khabaruttrakhand
Uttar Pradeshराजनीतिक

UP: BSP प्रत्याशी के बिना सुल्तानपुर की सियासी फिजां का अंदाजा मुश्किल, कहीं घोड़े की चाल न चल दे ‘हाथी’

UP: BSP प्रत्याशी के बिना सुल्तानपुर की सियासी फिजां का अंदाजा मुश्किल, कहीं घोड़े की चाल न चल दे 'हाथी'

UP: BJP से सांसद मेनका गांधी टिकट पाकर दोबारा प्रचार में जुट गई हैं। उनके मुकाबले समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी भीम निषाद भी अपनी जमीन पुख्ता करने में लगे हैं। चुनाव भले ही छठे चरण में हो, किंतु चुनावी रंगत चढ़ने लगी है।

इसी आधार पर अब हार जीत के कयास भी लगाए जाने लगे हैं। लेकिन, यह सारी कयासबाजी तक तक विश्वसनीय नहीं हो सकती, जब तक BSP से प्रत्याशी का ऐलान न हो जाए। सुल्तानपुर संसदीय सीट पर बहुजन समाज पार्टी ने दो बार सांसद दिए हैं।

Advertisement

पहली बार 1999 के आम चुनाव में BSP से जय भद्र सिंह ने इस सीट पर जीत हासिल की थी। इसके बाद अगले आम चुनाव में भी बसपा के मोहम्मद ताहिर ख़ान ने BSP का कब्जा इस सीट पर बरकरार रखा।

इसके बाद से हालांकि BSP यहां से जीत नहीं पाई है, किंतु 2019 के आम चुनाव में भी SP-BSP गठबंधन से बसपा के टिकट पर उतरे चंद्रभद्र सिंह सोनू ने BJP के पसीने छुड़ा दिए थे और उन्हें बेहद कम वोटों से हार मिली थी।

Advertisement
BSP के इस प्रदर्शन को देखें तो साफ है कि BSP इस सीट पर बेहद महत्वपूर्ण दखल रखती है। बसपा अपने काडर वोटों के बूते जहां हमेशा एक मजबूत दावेदार रहती है, वहीं इस काडर वोट में यदि जिले के प्रभावशाली जाति के व्यक्ति को टिकट दे दिया जाता है तो पार्टी तुरंत लड़ाई में आ जाती है।
जिले में अनुसूचित जाति की आबादी करीब 30 फीसदी है। ऐसे में BSP यदि जीतने की स्थिति में न भी हो तो किसी का भी गणित बिगाड़ सकती है। इसलिए भले ही कयास कुछ भी हों, किंतु जब तक हाथी मैदान में नहीं उतरता, तब तक पिक्चर बाकी है…। ऐसे में BSP जिलाध्यक्ष सुरेश गौतम कहते हैं कि हाईकमान मजबूत प्रत्याशी उतारेगा और BSP एक बार फिर यह सीट जीतेगी।

घोड़े की चाल न चल दे हाथी

शतरंज के खेल में हाथी सीधी चाल चलता है। किंतु सियासत में BSP का हाथी सीधी चाल ही चलेगा यह तय नहीं है। अपना बेस वोट बैंक बचाने के साथ ही BSP यदि सामान्य जाति से कोई दमदार उम्मीदवार उतार देती है तो इससे सीधा झटका BJP को लगेगा। वहीं यदि BSP मुस्लिम चेहरे पर दांव लगाती है तो भी इसका सीधा नुकसान SP को हो सकता है। इसलिए देखना अहम है कि हाथी कहीं घोड़े की तरह ढाई घर की चाल न चल दे।

Related posts

Uttarakhand: BJP 2024 का संकल्प पत्र बनाने को सभी वर्गों से लेगी सुझाव, जानें क्या बोले- प्रदेश अध्यक्ष भट्ट

cradmin

कैबिनेट मंत्री वन, तकनिकी शिक्षा, भाषा व निर्वाचन मंत्री की अध्यक्षता में नरेन्द्रनगर के शहरी स्वरूप पर वन भूमि दर्शाये जाने से उत्पन्न स्थिति के समाधान हेतु कलक्ट्रेट सभागार में वन विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक।

khabaruttrakhand

ब्रेकिंग:-जाने ग्वालदम में मुख्यमंत्री ने भारी बारिश से हुए नुकसान एवं राहत कार्यों ,संपर्क मार्गो को लेकर क्या दिए निर्देश।

khabaruttrakhand

Leave a Comment

Verified by MonsterInsights