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अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान, ऋषिकेश की ओर से शुक्रवार को मुनिकीरेती स्थित ओमकारानंद सरस्वती निलायम स्कूल में युवा जोश यूथ वेलनेस कार्यक्रम का किया गया आयोजन।

अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान, ऋषिकेश की ओर से शुक्रवार को मुनिकीरेती स्थित ओमकारानंद सरस्वती निलायम स्कूल में युवा जोश यूथ वेलनेस कार्यक्रम का आयोजन किया गया।

जिसमें विद्यालय के छात्र-छात्राओं व शिक्षकों को मानसिक, शारीरिक और आध्यात्मिक स्वास्थ्य के प्रति जागरुक किया गया।

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आयोजित जनजागरुकता कार्यक्रम में बतौर मुख्य वक्ता एम्स, सोशल आउटरीच सेल के नोडल अधिकारी डॉक्टर संतोष कुमार ने विद्यार्थियों को बताया कि आज का युवा सब कुछ कर सकता है, यह दौर युवाओं के लिए महत्वपूर्ण है, जिसमें युवा सब कुछ सीख सकते हैं।

वहीं उन्होंने बताया कि युवा वर्ग अपने हुनर और कौशल के बूते वर्तमान में बड़े बड़े पदों को प्राप्त कर अपनी सेवाएं दे रहे हैं।

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उन्होंने युवाओं को प्रेरित करते हुए बताया कि युवा वर्ग को इस तरह की उपलब्धियां हासिल करने के लिए अपनी अंदरूनी ताकत पहचाननी होगी।

डॉ. संतोष कुमार ने बताया कि यदि युवा वर्ग रचनात्मक सोच व संकल्प के साथ हररोज अपनी आदतों में बदलाव लाने की ठान ले तो काफी हद तक वह सफलता की बुलंदियों को छूने में कामियाब हो सकता है।
उदाहरण के तौर पर उन्होंने सुबह जल्दी उठकर पढाई और व्यायाम करने को लेकर युवाओं को प्रेरित किया, उनका मानना है कि समय रहते ही आदतों में बदलाव और सकारात्मक सोच से युवा जीवन में बहुत कुछ हासिल कर सकते हैं।
उन्होंने युवाओं को अपने स्वास्थ्य को प्राथमिकता देने को कहा, जिससे कि वह अधिक समय तक स्वस्थ्य रह सकते हैं, साथ ही सोशल मीडिया, फोन, इंटरनेट का कम से कम उपयोग करने को कहा,जिससे युवा मानसिक और शारीरिक रूप से स्वस्थ्य रह सकते हैं।
एम्स सोशल आउटरीच के नोडल ऑफिसर डॉ. संतोष के अनुसार आज का युवा मानसिकरूप से परेशान होकर आत्महत्या की ओर अग्रसर हो रहा है, इससे बचने के लिए शांत मन से विचार करना होगा और अपनी कमजोरी, खामियों को स्वीकार कर उनको दूर करने का प्रयास करना होगा।
लिहाजा अपने इमोशन के बारे के विचार करें तथा उनको वैल्यू दें। अपनी स्किल पर ध्यान देकर आप समाज व देश में अपनी अलग तरह की पहचान काम कर सकते हैं।

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वहीं उन्होंने कहा कि खुश रहने के लिए छोटे छोटे कार्यों को करें तथा उनमें खुशियां ढूंढ़ें, साथ ही युवावर्ग को अपनी पसंदीदा पुस्तकों का नियमिततौर पर अध्ययन करना चाहिए।

उन्होंने बताया कि जीवन में थोड़े बहुत स्ट्रेस का होना भी जरुरी है, जो हम सभी में कुछ नया करने की जिज्ञासा को प्रेरित करता है।

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ऐसे में हमें अपनी ऊर्जा व वेल्यू की पहचान कर उसका सही दिशा में सकारात्मक उपयोग करना चाहिए। सत्र में करीब 120 से अधिक छात्र-छात्राओं व शिक्षकों ने प्रतिभाग किया।

सत्र के अंत में विद्यार्थियों ने डॉ. संतोष से पढाई को लेकर मन में उठ रहे सवालों, चुनौतियों के बारे में सवालात किए, साथ ही डॉ. संतोष ने सभी बच्चों की जिज्ञासाओं को शांत किया व उनका मार्गदर्शन करते हुए किस तरह से युवा वर्ग जीवन में चुनौतियों से डरे व घबराए बिना उनका सामना कर सकता है, इसके टिप्स दिए और उन्हें आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया।

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