अमरीकन पुरी संस्थापक ॐ छात्र संगठन की महाविधालय को चेतावनी, छात्रों के शुल्क पर फिर से विचार करे महाविधालय।
रिपोर्ट:-सुभाष बडोनी/ उत्तरकाशी
रामचंद्र उनियाल स्नात्तकोत्तर महाविधालय में बढ़ते फ़ीस को लेकर ॐ गुर्प ने विरोद्ध करते हुए कहा कि छात्र मदों में शुल्क बढ़ोतरी कर छात्रों से वसूली जा रही है अधिक फीस।
जबकि छात्र मदों में जमा धनराशि का नहीं किया जाता समय पर उपयोग व सत्र अंत में बचत शेष जमा धनराशि का 50 प्रतिशत भेजा जाता हे सरकारी खजाने में।
पूर्व में छात्रों के हितों की धनराशि से 57 लाख हो चुके है. सरकारी खजाने में जमा. आरोप लगाया गया है कि महाविधालय क्या छुपाना चाह रहा है. सरकारी खजाने का दुरूपयोग तो नहीं कर रहा महाविधालय ?
रामचंद्र स्नात्तकोत्तर महाविद्यालय उत्तरकाशी जनपद का एक मात्र उच्च स्तरीय महाविद्यालय है, जिसकी छात्र संख्या लगभग 3000 है। जनपद के दूरस्थ क्षेत्र हो या नजदीकी क्षेत्र सभी जगह के छात्र यंहा प्रवेश लेने हेतु आवेदन करते है. वरियता सूची में नाम आने पर महाविद्यालय में प्रवेश प्राप्त करते है।
महाविद्यालय में प्रवेश लेने वाले छात्रो में अधिकांश छात्र सरकारी महाविद्याल में प्रवेश इसलिए लेते है. क्योंकि निजी विद्यालय की शिक्षा बहुत अधिक महंगी होती है।
यही एक कारण से छात्र जनपद से बाहर जाने की जगह अपने जनपद के सरकारी महाविद्यालय में प्रवेश लेता है पर अब महंगी शिक्षा की और यह सरकारी महाविद्यालय भी बढ़ने लगे है।
वर्तमान सत्र में महाविद्यालय द्वारा कुछ मदों में शुल्क बढ़ोतरी करने से महाविद्यालय की फीस में बढ़ोतरी हो गयी है जिससे छात्रों में आक्रोश है ।
महाविद्यालय यदि कुछ चिन्हित मदों में शुल्क कटौती करता है तो इससे कुल फीस टोटल में कमी आएगी जिससे छात्रों को काफ़ी राहत प्राप्त होगी। ॐ गुर्प कि क्रम वार मांग:-
1- क्रीड़ा शुल्क 300 से 200 रखा जाए
2 – कौशनमनी – 200 से 50 रखी जाए ( क्योंकि यह धनराशि छात्र कभी वापस लेता ही नही है )
3 – कम्प्यूटर रखरखाव वा इंटरनेट 80 से 50 रखा जाए ( कम्प्यूटर लैब वा इंटरनेट से छात्र वांछित ही रहा है )
4 – भवन फर्नीचर मरम्मत – 100 से 50 रखा जाए ( सरकार लगातार करोडो के बजट दे रही है )
5 – महंगाई शुल्क 240 से 140 रखा जाए ( छात्रों से महंगाई शुल्क इतना अधिक वसूलना वाजिफ नहीं )
इस तरह विभिन्न मदों में शुल्क कटौती से लगभग 400 रुपय टोटल फीस से कम हो जायेगे जिससे छात्रों को बड़ी राहत प्राप्त होंगी।
पूर्व में महाविद्यालय छात्र हितों की मदों में जमा धनराशि को कंजूसी से खर्च करने वा वर्षो से जमा छात्र हित की धनराशि से लगभग 57 लाख वापस सरकार के खजाने में महाविद्याल जमा कर चूका है और लगातार छात्र हितों हेतु बनी मदों से सत्र के दौरान छात्र हित में धनराशि उपयोग करने में असमर्थ रहा है।
अब जिस कारण लगातार प्रत्येक सत्र में छात्र मदों में बचत जमा शुल्क का 50 प्रतिशत सरकार के खजाने में जमा किया जा रहा है।
सरकारी महाविद्यालय भी अब सरकार के खजानो को भरने का एक माध्यम बन कर रह गए है क्योंकि छात्र मदों का उपयोग छात्र हितों में महाविद्यालय करने में लगातार असमर्थ नजर आ रहा है ( पूर्व में सुचना अधिकार से जुटाई जानकारी अनुसार )।
ॐ छात्र संगठन लगातर छात्र हितों में कार्य करता आ राहा है पूर्व में कही बार संगठन द्वारा महाविद्यालय प्रसाशन को छात्र मदों में जमा शुल्क को समय पर छात्र हितों में पूर्णतः उपयोग करने का आग्रह किया गया है।
इन सभी स्थति को देखते हुए महाविद्यालय को शुल्क में कटौती कर छात्रों को राहत देनी चाहिए क्योंकि अनावश्यक शुल्क बढ़ोतरी छात्रों के हितों का हनन है।
यदि महाविद्यालय द्वारा छात्र मदों का शुल्क कम नही किया गया तों छात्र उग्र आंदोलन हेतु बाध्य होंगे साथ ही पूर्व में छात्र मदों से छात्र हित में खर्च व सरकार के खजाने में भेजे धनराशि का पूर्ण विवरण देना होगा जिससे छात्रों से वसूली गयी विभिन्न मदों में जमा धनराशि के उपयोग व दुरपयोग का स्पष्ट विवरण छात्रों के सम्मुख हो।