गिरफ्त में आये एलआईयू के 2 पुलिस कर्मी, पासपोर्ट की इस सेवा के लिए शिकायत कर्ता से मांगे थे पैसे।
पासपोर्ट के नाम पर आवेदकों से पैसे लेने का खेल बहुत पुराना बताया जाता है।
रिपोर्ट के अनुसार पहले यह खेल पासपोर्ट कार्यालय में काम करने वाले दलालों के माध्यम से खेला जाता था।
वही अब यह मामला सामने आया है , एलआईयू कर्मचारी भी आवेदकों से जांच के नाम पर वसूली करते हैं।
सभी ऑनलाइन प्रक्रियाओं के बाद, पासपोर्ट दलाली गतिविधियाँ काफी हद तक सीमित हैं, लेकिन सत्यापन का खेल एक अवैध कमाई के रूप में लगातार बदस्तूर जारी है।
हालाँकि, संभवतः यह पहली बार होगा जब विजिलेंस ने पहली बार पासपोर्ट सत्यापन की दलाली में पुलिस कर्मियों पर कार्यवाही की है।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार हल्द्वानी विजिलेंस सेक्टर टीम ने एलआईयू रामनगर के सब इंस्पेक्टर सौरभ राठी और पुलिस अध
हेड कांस्टेबल गुरप्रीत सिंह को दो हजार रुपये की रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार किया है जिसकी अब सब जगह चर्चा है।
विजिलेंस एसएसपी धीरेंद्र गुंजियाल द्वारा मीडिया को दी गयी जानकारी के मुताबिक, आवेदक ने अपने पासपोर्ट की वैधता को नवीनीकृत करने के लिए आवेदन किया हुआ था।
इसी क्रम में शिकायतकर्ता यानी कि आवेदक को एलआईयू रामनगर को अपना पता आदि सत्यापित करना था।
इस मामले में आरोप है कि सत्यापन के नाम पर शिकायतकर्ता से 2500 रुपये की मांग की गई।
वहीँ बताया गया है कि शिकायतकर्ता पैसे नहीं देना चाहता था और रिश्वतखोर कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई करना चाहता था।
इसलिए एंटी करप्शन हेल्पलाइन नंबर पर मिली शिकायत के आधार पर ट्रैप टीम का गठन किया गया।
इस मामले में शनिवार को जब शिकायतकर्ता रिश्वत देने के लिए रामनगर स्थित एलआईयू कार्यालय आया तो ट्रैप टीम ने भी जाल बिछा दिया।
शिकायतकर्ता ने रिश्वत के रूप में 2,000 रुपये सब-इंस्पेक्टर राठी को दिए, जिन्होंने उसे यह राशि पुलिस हेड कांस्टेबल गुरप्रीत को सौंपने का इशारा किया।
फिर यह राशि शिकायतकर्ता द्वारा हेड कांस्टेबल को सौंप दी गई।
ठीक तभी विजिलेंस की टीम आ पहुंची और सब-इंस्पेक्टर के साथ साथ हेड कांस्टेबल को भी गिरफ्तार कर लिया गया।
बताया गया है कि विजिलेंस की यह इस तरह की पहली कार्यवाही है जहां पर पुलिस के इन कर्मियों पर कार्यवाही की गयी है।