- टिहरी:- बेलेश्वर -चमियाला बाजार के बीच लगा 2 घंटे का जाम ,खुली यातायात व्यवस्था की पोल, छोटे से मार्ग पर नजर आया राष्टीय राजमार्ग का नजारा।
यूँ तो चमियाला बाजार में जैसे ही ट्रैफिक का दवाब बढ़ता है, यातायात की व्यवस्था का दम फूलने लग जाता है, ऐसे में सबसे बुरी स्थिति होती ही मरीजो की जो गाड़ियों में बैठे बैठे ही अपने अपने आराध्य को याद करते है, वैसे भी पहाड़ो में स्वास्थ्य सुविधाओ की व्यवस्था का हाल किसी से छुपा नही है।
आज का दिन दोपहर पौने एक बजे से पौने तीन बजे तक बेलेश्वर बाजार से आगे चमियाला बाजार तक बहुत भारी गुजरा।
सबसे बड़ी बात यह रही कि प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार जहां नगर पंचायत चमियाला के वार्ड 05 श्रीकोट के स्थिति खराब हो रखी थी , वहीँ पुलिस यातायात व्यवस्थित करने में लगे जवान जाम लगने वाले मुख्य स्थान पर एक घण्टे से सवा घण्टे बाद पहुँचे, मतलब साफ था कि चमियाला बाजार में व्यवस्था के नाम पर लगे कर्मियों को पता ही लगा पाया कि आगे मार्ग पर लोग एक घण्टे से ज्यादा समय से जाम में फंसे है।
सबसे बुरी स्थिति में बसों में बैठे स्कूली बच्चे और गाड़ियों में बैठे बीमार लोगो की थी, जिन्होंने इस स्थिति को लगभग 2 घंटे तक झेला।
वहीँ आज के लगे इस जाम से यह बात साफ हो गयी कि चमियाला में कई जा रही यातायात की व्यवस्था कितने कुशल हाथों में है।
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार वे लोग 2 घण्टे तक जाम में फंसे रहे।
जबकि यातायात की व्यवस्था तबतक तार तार हो चुकी थी।
अब सवाल यह है कि आखिर ऎसी यातायाता व्यवस्था का क्या फायदा जो जरा सा ट्रैफिक दवाब बढ़ने पर डैम तोड़ जाए।
सवाल यह भी है कि जो लोग अपने निजी और व्यवसायिक वाहनों को दिन के समय सडक किनारे और नालियों पर खड़े कर देते है इन पर किसी जिम्मेदार यातायात अधिकरी की नजर क्यो नही जाती।
लोगों ने सड़को पर अब वाहनों से कब्जा करना शुरू कर दिया है और जिम्मेदार पदों ओर बैठे लोग केवल तमाशा देख रहे हैं।
जहां भूस्खलन या अन्य कॉई प्राकृतिक वजह से यातायात बाधित हो रहा है वो अलग विषय है लेकिन जब जिम्मेदार लोग ही अपनी ड्यूटी करने में नाकाम हो रहे हों तो ऐसी व्यवस्था की काम की।
आआज के लगे जाम ने यातायात चमियाला की कलियां खोल दी।
जिनके सडकों पर अपने वाहन खड़े कर रखे है उन पर पुलिस प्रशासन का कोई कंट्रोल नही है।
आखिर यह कब तक चलेगा यह अब देखने वाली बात होगी।