भेड़ पालको को ऊन का उचित मूल्य ना मिलने से नाराज दिखे भेड़ पालक, कहा सरकार इस पर ध्यान दे।
रिपोर्ट:-सुभाष बडोनी/उत्तरकाशी.
उत्तरकाशी जिले मे जन जातीय भोटिया समुदाय जिनका मुख्य व्यसाय भेड़ पालन है. भेड़ पालन के जरिये ये लोग अपना लालन पालन करते है।
वही मुख्य तौर पर ये जन जाति वर्ग के लोग बगोरी गाँव व् वीरपुर डुंडा मे रहते है.
वही एक समय जब भेड़ पालन करने से इन लोगो को पहले अच्छी आमदनी प्राप्त होती थी अब जन जातीय लोग भारत सरकार से काफी नारज दिख रहे है।
इनका कहना है पहले भेड़ पालन से जो ऊन प्राप्त होता था. उस ऊन को भारत सरकार सीधे इनसे खरीदती थी।
अब इसे गैर सरकारी हाथो मे दे दिया गया है. जिससे इन लोगो को सही मूल्य नहीं मिल पा रहा है।
वहीं भेड़ पालको का कहना है, जब सीजन मे भेड़ो की ऊन निकाली जाती है उसके बाद इन ऊनो की सफाई के लिए सिर्फ एक ही उत्तरकाशी मे कार्डिंग प्लांड है।
जबकि कई साल पहले दो से तीन कार्डिंग प्लांट हुआ करते थे जिन्हें भी अब बंद कर दिया गया है, जिससे इन्हे काफी दिक़्क़तों का सामना करना पड़ रहा है।
भेड़ से निकाली गई ऊन से इन लोगो का सूक्ष्म लघु उधोग भी चलता है।
इस उद्दोग मे भी काफी कमी आती दिख रही है वहीं भेड़ पालको का कहना है कि हमारी भारत सरकार से निवेदन है की इस उद्योग की और भी ध्यान दे सरकार।