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अंकिता भंडारी हत्याकांड की 18 नवम्बर को होगी सुनवाई।
रिपोर्ट। ललित जोशी।
नैनीताल। सरोवर नगरी नैनीताल के उत्तराखण्ड उच्च न्यायालय ने अंकिता भंडारी हत्याकांड की जाँच सी.बी.आई.से कराने को लेकर दायर याचिका पर सुनवाई की।
वरिष्ठ न्यायमूर्ति संजय कुमार मिश्रा की एकलपीठ ने याचिकाकर्ता से प्रतिशपथपत्र फ़ाइल करने को कहा। न्यायालय ने अंकिता के माता पिता को मामले में पक्षकार बनाने के साथ ही उनसे से ये पूछा है कि वो आंखिर क्यों एस.आई.टी.की जांच पर संदेह कर रहे हैं इसपर अपना पक्ष रखें।
मामले की अगली सुनवाई 18 नवंबर के लिए रख दी गई है।
कोर्ट ने एसआईटी को 11 नवंबर तक जवाब दाखिल करने के निर्देश दिया।
एसआईटी हाई कोर्ट में अपना लिखित जवाब दाखिल कर सकती है। हालांकि, पौड़ी गढ़वाल निवासी आशुतोष नेगी ने हाईकोर्ट में दायर याचिका में दावा किया है कि पुलिस और एसआईटी इस मामले के महत्वपूर्ण सबूतों को छिपा रही है।
चर्चित अंकिता भंडारी के परिजन उच्च न्यायालय में बेटी को न्याय दिलाने पहुंचे थे, ।
लेकिन बेटी को न्याय नहीं मिल पाने से दुखी परिजन न्यायालय के गेट पर ही रोने लगे। वे पौड़ी के श्रीकोट से यहां दायर याचिका की सुनवाई के लिए पहुंचे थे। अंकिता के पिता वीरेंद्र भंडारी ने कहा कि अब तक सरकार ने एस.आई.टी.से जांच कराई, वह उस जांच से असंतुष्ट हैं और अपनी बेटी को न्याय दिलाने के लिए लड़ाई लड़ेंगे।
उन्होंने कहा कि वो न्यायालय से सी.बी.आई.की मांग करेंगे, उन्होंने कहा कि जागो उत्तराखंड के तहत उनकी बेटी के लिए चंदा इकट्ठा किया जा रहा है।
सरकार उनकी बेटी को न्याय दिलाने का अपना मुख्य उद्देश्य तो भूल ही गई, वो शायद चंदे की आड़ में मामले को दबाना चाहती है।
उन्होंने कहा कि सरकार ने साजिश के तहत आरोपियों की बचाने की कोशिश की है और सारे साक्ष्य मिटाए हैं। वहीं अंकिता की माता सोनी भंडारी का कहना है कि अब सरकार का ना तो कोई जनप्रतिनिधि उनसे मिलने आता है और न ही उनसे किए वादे निभाए जा रहे हैं।
आपको बताते चलें उत्तराखंड के ऋषिकेश के रिसॉर्ट में काम करने वाली अंकिता भंडारी की हत्या 18 सितंबर को कर दी गई थी। मामले में आरोपित पुलकित आर्य ने राजस्व पुलिस में अंकिता की गुमशुदगी का केस 19 सितंबर को दर्ज करा कर आया था।
23 सितंबर को लक्ष्मण झूला थाना पुलिस ने अंकिता भंडारी की गुमशुदगी के मामले का केस दर्ज किया। इसके बाद पुलकित समेत तीन आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार किया।
24 सितंबर को आरोपियों की निशानदेही पर चिल्ला डैम से अंकिता भंडारी का शव बरामद किया गया। ऋषिकेश एम्स में अंकिता की बॉडी का पोस्टमार्टम हुआ और 25 सितंबर को उसका अंतिम संस्कार कराया गया। उत्तराखंड सरकार ने इस पूरे मामले की जांच के लिए एसआईटी गठित की गयी थे ।
हालांकि, अंकिता के माता-पिता का कहना है कि वे एसआईटी की जांच से संतुष्ट नहीं है। ऐसे में उत्तराखंड हाईकोर्ट ने अंकिता भंडारी हत्याकांड की सीबीआई जांच की मांग वाली याचिका की सुनवाई हुई- पिछली सुनवाई में कोर्ट ने एसआईटी को लिखित रूप से यह बताने को कहा कि रिजॉर्ट में जिस स्थान पर बुलडोजर चलाया गया, वहां से कौन-कौन से सबूत एकत्र किए गए।