अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान के ऋषिकेश आई बैंक में सोमवार को तीन लोगों का परिजनों ने मृत्यु उपरांत नेत्रदान कराया।
एम्स की कार्यकारी निदेशक प्रोफेसर डॉ. मीनू सिंह ने नेत्रदान जैसे महादान के इस पुनीत संकल्प के लिए परिजनों की सराहना की और कहा कि इससे अन्य लोगों को भी नेत्रदान के संकल्प की प्रेरणा लेनी चाहिए। एम्स के नेत्र रोग विभागाध्यक्ष प्रो. संजीव कुमार मित्तल ने बताया कि मायाकुंड ऋषिकेश निवासी सरोज गुप्ता (83 वर्ष) का बीते रविवार की रात को असामयिक निधन हो गया।
उनके निधन होने पर दिवंगत के पुत्र नगर पार्षद ऋषिकांत गुप्ता ने अपनी दिवंगत माताजी के नेत्रदान कराने का संकल्प लिया और इसके लिए उन्होंने नगर निगम पार्षद शिव कुमार गौतम की सहायता से ऋषिकेश आई बैंक से संपर्क साधा। जिसके बाद आई बैंक की टीम के सदस्य उनके आवास पर पहुंचे और पार्थिव देह से सुरक्षित कॉर्निया प्राप्त किया। दूसरी ओर कोटद्वार निवासी त्रिलोक चंद्रा (69) के असामयिक निधन होने पर उनके पुत्र हरीश कुमार, पुत्री सिमरन व दामाद सुमित कुमार व दिनेश कुमार ने दिवंगत त्रिलोक चंद्रा के निधन पर उनके नेत्रदान का संकल्प लिया और एम्स ऋषिकेश आई बैंक के माध्यम से इस संकल्प को पूरा किया। उधर, सहारनपुर निवासी नंदलाल (72) के निधन पर उनके पुत्र दिनेश कुमार ने ऋषिकेश आई बैंक से संपर्क साधकर अपने दिवंगत पिता का नेत्रदान कराया। उन्होंने बताया कि तीन दिवंगत लोगों से आई बैंक को प्राप्त कॉर्निया से छह लोगों को नेत्र ज्योति मिल सकेगी और वह ईश्वर की बनाई हुई रंगबिरंगी दुनिया को अपनी आंखों से देख सकेंगे।